RE: Indian Porn Kahani मेरे गाँव की नदी
मै समझ गया की गुड़िया बाथरूम में नहा रही है, मेरे मन में गीतिका को नंगी देखने का ख़याल आ गया, जबकि इससे पहले भी उस बाथरूम में माँ या गीतिका
नहाती रही है पर पहले ऐसा ख़याल नहीं आया, मै धीरे से बाथरूम के पीछे की तरफ चला गया और जैसे ही मैंने लकड़ी के गैप से झाँका ।
क्या बताऊ सीधे मेरी आँखों के सामने गुडिया के मोटे मोटे गोरे गोरे चूतड़ थे और क्या उठे हुए और क्या मस्त गांड थी उसकी गाण्ड की दरार में मेरा लंड तो पूरी तबियत से खड़ा हो गया।
मैने अपने लंड को धोती से बाहर निकाल कर मसलते हुए गीतिका को देखना शुरू किया गीतिका जब भी थोड़ा झुकती तो उसकी फुली चुत की फाँके पीछे से नजर आ जाती और मेरा लंड उसकी फांको
को और फाडने के लिये मचलने लगता था तभी गीतिका मेरी और मुह करके घुम गई और जब मैंने उसके मस्त बड़े बड़े कलमी आमो को देखा तो ऐसा लगा की यह कठोर आम मुझे निचोडने के लिए मिल जाये तो मजा आ जाए, फिर गुड़िया जल्दी जल्दी अपने नंगे बदन पर पानी ड़ालने लगी, उसकी चुत के ऊपर हलके हलके बाल नजर आ रहे थे और चुत का उभार मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था।
कुछ देर में गीतिका ने एक लाल रंग की पेंटी पहन ली और ऊपर उसने ब्रा नहीं पहनी बल्कि एक ब्लू कलर की टी शर्ट पहन लिया और निचे एक टाइट लेगी पहन ली।
उसकी मोटी मोटी जाँघे लेगी में बड़ी मुश्किल से समां रही थी और उसके चुतड़ तो लेगी में और भी चोदने लायक नजर आ रहे थे, गीतिका ने अपनी उत्तरी हुई ब्रा और पेंटी वही छोड़ कर बाथरूम से बाहर आई और घर के अंदर घुस गई।
मै कुछ देर बाद घर के अंदर गया तब माँ खाना बना रही थी और गीतिका बैठ कर खा रही थी, मुझे देखते ही माँ ने कहा कल्लु आजा तू भी हाथ मुह धो कर खा ले।
मैने भी खाना खा लिया उसके बाद बाबा आ गए और माँ उन्हें खाना देने लगी ।
गर्मी ज्यादा थी मै बहार खटिया डाल कर लेता हुआ था और गीतिका माँ और बाबा के पास बेठी थी, मै आँखे बंद किये लेटा था तभी पायल की आवाज सुनाइ दी छन छन छ्न छ्न।
मैंने धीरे से आँखे खोल कर देखा। माँ बाथरूम की तरफ जा रही थी।
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