RE: Indian Porn Kahani मेरे गाँव की नदी
कल्लु : गुड़िया वह बहुत ऊपर है कोई दुसरा देख ले
गीतिका : पैर पटकते हुए नहीं भैया मुझे तो वही वाला चहिये, आप कैसे उठा रहे हो मुझे आपको तो सचमुच कुछ नहीं आता।
कालू : तो तू ही बता कैसे उठाऊ तुझे।
गीतिका : मेरे सामने आकर खड़ी हो गई और मेरे नंगे चौड़े सिने को और मेरी बाजुओ को हाथ लगा कर कहने लगी, मेरा भाई इतना बलिश्त है और अपनी कमसिन सी बहन को अपनी गोद में नहीं उठा पा रहा है।
मैने गीतिका के खूब मोटे मोटे कसे हुए दूध पर नजर डालते हुए अपनी नज़रो को निचे फिसलाया और गीतिका के भारी चूतडो और मोटी मोटी गदराई जांघो को देखते हुए कहा ।अब तू कमसीन कहा रही अब तो भरपूर जवान हो गई है 55 के जी तो वजन होगा तेरा फिर कैसे मै तुझे आसानी से उठा लु।
गीतिका : क्या भैया आपके बराबर मरद तो बड़ी बड़ी औरतो को उठा लेते है मै तो फिर भी लड़की हूँ।
कालू : अच्छा बता कैसे उठाऊ तुझे।
गीतिका मेरे सामने आकर मेरे हाथो को पकड़ कर अपनी कमर में रखते हुए कहने लगी पहले झुक कर मेरी जांघो पर अपने हाथ का घेरा डालो और मुझे
उपर उठाओ।
मैने गीतिका की मोटी जांघो को अपनी बांहो में भर कर उसे ऊपर उठाया अब उसके मोटे मोटे चोली में कसे दूध मेरे मुह से टकराने लगे और मै अपने आपको रोक न सका और मैंने अपने मुह को गीतिका के मोटे मोटे बोबो में दबा दिया और उसकी मस्त सुगंध लेने लगा, हाय क्या मतवाली मस्त महक थी मेंरा
लंड तो ऐसा लग रहा था की धोती फाड कर बाहर आ जाएगा।
गीतिका ने अपनी बांहे मेरी गर्दन पर डाले हुए एक हाथ ऊपर बढ़ाया लेकिन आम उसकी पहुच से दुर था,
गीतिका : भैया ऐसे ही उठाये रहना उतारना मत, बस थोड़ा सा और ऊपर उठाओ, अब की बार मैंने अपने हाथो से गीतिका के चौड़े चौड़े मोटे चूतडो को
दबोचते हुए अपने पंजो को उसकी मस्त गुदाज गाण्ड में भर कर और भी ऊपर उठाया।लकिन गीतिका का हाथ आम तक नहीं पहुच रहा था, गीतिका भैया बस
थोड़ा सा और ऊपर करो न, गीतिका का घाघरा ऊपर हो गया और मेरे हाथ गीतिका की नंगी जांघो से होते हुये, जैसे ही उसकी गाण्ड की दरार में पहुचे मै चौक गया और मेरा लंड झटके देने लगा।
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