RE: Indian Porn Kahani मेरे गाँव की नदी
अब कल्लू जोर जोर से चाची की गांड मार रहा था किसी कुतिया की तरह।साथ में चाची के चूतडो पर थप्पड़ भी मार रहा था।और गुड़िया को अपने पास बुलाकर उसके होंठो का रस चूस रहा था।अब कल्लू तेज स्पीड में चाची की गांड मारने लगा।चाची दर्द और मजे से चिल्ला रही थी।कल्लू ने आखिरी शॉट मारा और अपना लंड निकालकर दोनों रंडियों को अपने आगे बैठाके अपना लंड चुसवाने लगा।दोनों अपनी अपनी जीभ से कल्लू का लंड चाटने लगी।कल्लू ने जल्दी ही दोनों के मुह पर अपना वीर्य गिराने लगा।दोनों का चेहरा कल्लू के वीर्य से भर गया।जिसे दोनों ने चाट चाट के साफ कर दिया।फिर साफ सफाई करके हम लोग जल्दी से कपडे पहन कर अपने खेतो की ओर चल दिए।
आज सुबह से ही बारिश का मौसम हो रहा था और बाबा खेतो की ओर जा चुके थे गीतिका ने मुझसे
कहा भैया हम थोड़ी देर से चले तो, मैंने कहा ठीक है उसके बाद मै गुड़िया के साथ खेतो की ओर चल दिया गुड़िया मुझसे काफी खुल चुकी थी और मै उसके भारी चूतडो को दबाता हुआ उसके साथ चल रहा था।
कभी कभी मै उसे चलते हुये उसके दूध दबा कर उसके होठो को भी चुम लेता था, गुड़िया लगता था की गरम हो गई है उसके गाल लाल हो रहे थे और वह बार बार मेरे धोती में खड़े लंड की ओर देख कर मुस्कुरा रही थी,
जब हम गांव से बाहर थोड़ी सुनसान जगह पर आ गए तो गीतिका का सब्र का बांध टूट गया और वह कहने लगी भैया लगता है आपके लंड को चुत का पानी लग गया है अब यह बार बार चुत में घूसने को तड़प रहा है।
कल्लु : हाँ लेकिन यह असली झटके तो तब देता है जब इसे तेरे मोटे मोटे चूतडो में घूसाने के बारे में सोचता हूँ।
गुडिया : मुस्कुराते हुये, अच्छा तो आपको अपनी बहन के नंगे चूतडो को देखना है तो ठीक है।
आप मेरे पीछे पीछे चलो मै अपनी मोटी गाण्ड खोल कर अपने भैया को अपने मटकते लहराते
चूतडों की थिरकन दिखाती हु और गुड़िया ने अपना घाघरा उठा दिया और अपनी गुदाज मोटी गाँड
मटकाते हुए मेरे आगे आगे चलने लगी हाय क्या कातिल जवानी थी मेरी बहन की ऊपर से रंडी
चलते हुए अपनी गाण्ड की फॉको को फैला कर अपनी गुदा दिखा दिखा कर सहला रही थी मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपनी उंगलियो को उसकी गुदा में पेल कर उसकी गाण्ड सहलाते हुए उसके साथ
साथ चलने लगा।
गुडिया : भैया लगता है आपको औरतो की गाण्ड बहुत अछि लगती है।
कालू : हाँ मुझे बड़े बड़े चूतडो को दबाने और चोदने का बड़ा मन करता है।
गुडिया : अच्छा सबसे पहले आपने किसके मोटे मोटे चूतडो को देखा था।
कालू : माँ का।
गुडिया : हाय दैया आपको शर्म नहीं आई अपनी माँ के चूतडो को आपने नंगा देखा है।
कालू : अरे इसमें शर्म की क्या बात है मैंने तो माँ की मस्त फुली हुई चुत को भी खूब देखा है।
गुडिया : अच्छा लेकिन कब।
कालू : अरे वही खेत में घास काटते हुए माँ का घाघरा ऊपर उठ गया और उसकी मस्त फटी हुई फांके
खुल कर मेरे सामने आ गई क्या मस्त चुत है माँ की।
गुडिया : मुस्कुराते हुये, कभी माँ की फुली चुत को हाथ से छु कर या दबा कर देखा है आपने।
कालू : हाय गुड़िया मेरी ऐसी किस्मत कहा मुझे तो बहन की चुत भी बड़ी मुश्किल से चोदने और
दबाने को मिली है, पर तेरी शादी हो जायेगी तब तेरी मस्त चुत भी मुझसे दुर हो जाएगी।
गुडिया : फिकर न करो भैया जब भी मै ससुराल से आउंगी तो फिर अपने भैया को दिन रात अपनी
चुत चटा चटा कर मस्त करुँगी और अब तो मै हमेशा ही अपने भैया के मोटे लंड से चुदूंगी।
और आपको तो मै अपने ससुराल बुला कर वही अपने पति के बिस्तर में ही अपने भैया से खूब चुत मरवाउंगी।
कल्लु : और तेरे पति का क्या होगा।
गुडिया : अरे वह काम धाम करने जायेगा और मै अपने पति के बिस्तर में अपने भैया के साथ पुरी नंगी होकर रात भर चुदुँगी।
कल्लु : अच्छा वह सब ठीक है अब खेत आने वाला है और वहाँ बाबा होंगे इसलिए चल जरा किसी कुतिया की तरह झुक जा गुडिया अब मेरे लंड से नहीं रहा जा रहा है एक बार तेरी गदराई चुत में घूसने का बड़ा मन कर रहा है।
गुडिया : मुसकुराकर हाँ तो डालो न मेरी तो खुद की चुत से पानी बह बह कर जांघो तक आ गया है और गुड़िया वही झुक कर अपनी मस्त चुत और गाण्ड दिखाने लगी।
कल्लु ने एक बार गुड़िया की भारी गाण्ड को थपथपाया और फिर अपने सुपाडे को गुड़िया की रसीली बुर में रख कर धक्का मारा की लंड सट से गुड़िया की चुत में उतर गया।
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