RE: Indian Porn Kahani मेरे गाँव की नदी
कल्लु : तो फिर चलो माँ आज से ही तुम्हे तैरना सीखाना शुरू कर देता हु और कल्लु की ओर निर्मला ने देखा और फिर खड़ी होकर नदी की ओर चलने लगी कल्लु ने गुड़िया के मुस्कुराते गालो को खीचते हुए आँख मारी और वह भी अपनी माँ के मोटे तरबूजो की तरह गदराये बलखाते मोटे मोटे चूतडो की मतवाली थिरकन को देखते हुए चलने लगा।
निर्मला आगे आगे चलने लगी और कल्लु उसके पीछे पीछे कल्लु की नजर अपनी माँ के उभरे हुए मटकते चूतडो पर पड़ी और उसका लंड अपनी माँ के गुदाज भरे हुए चूतडो को देख कर फनफना गया वह अपने लंड को मसलते हुए अपनी माँ के पीछे पीछे चलने लगा तभी निर्मला ने एक बार पीछे मुड कर देखा और अपने बेटे को अपनी गुदाज मोटी गाण्ड को घुरते हुए देखा और तभी कल्लु की नजरे अपनी माँ से मिली और निर्मला ने एक मादक स्माइल कल्लु की ओर दे दी और फिर से आगे देख कर चलने लगी।
अब थोड़ी हवा उसी दिशा की ओर चलती जिस दिशा में वह दोनों जा रहे थे तब निर्मला का घाघरा पूरा उसके भारी चूतडो से चिपक जाता था और कल्लु अपनी माँ के भारी सुडौल चूतडो को देख कर पागल हो रहा था, उसकी माँ की गाण्ड आज कुछ ज्यादा ही मटक रही थी या यह कह ले की निर्मला जान बूझ कर अपने चूतडो को मटका मटका कर अपने बेटे को दिखा रही थि।
कुछ ही देर में दोनों नदी के किनारे पहुच चुके थे कल्लु पूरे जोश में था उसने नदी के पास जाते ही अपनी धोती उतार दी और उसका लंड उसके कच्छे में टनटनाया हुआ था निर्मला ने एक नजर कल्लु के विकराल लोडे पर मारी। तब उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया लेकिन उसकी मस्त चुत फूल कर कुप्पा हो गई उसकी बुर तो पहले से ही चिपचिपा पानी छोड़ रही थी अपने बेटे के मस्त मोटे लम्बे लंड को देख कर उसकी चुत की नशो में खून पूरी रफ़्तार से बहने लगा था और कल्लु देखते देखते पानी के अंदर उतर गया वह कमर तक की गहराई में गया और वहाँ से पलट कर बोला आ जा माँ तू भी पानी में उतर आ।
निर्मला : कल्लु मुझे तो डर लग रहा है उसकी माँ ने हस्ते हुए कहा।
कालू : अरे मेरे पास आ जा तेरा सारा डर दुर कर दूंगा अब जल्दी कर।
निर्मला कल्लु की बात सुन कर पानी में उतरने लगी तभी कल्लु ने कहा अरे माँ अपनी चोली तो उतार दे इसे पहन कर तुझसे तैरा नहीं जाएगा, निर्मला ने कल्लु की बात सुन कर मुस्कुराते हुए लाल चोली की डोर खोल दी और उसके मोटे मोटे पके हुए रसीले आम उसके बेटे की नज़रो के सामने आ गए कल्लु का लंड अपनी माँ के मोटे पके हुए रसीले आमो को देख कर झटके मारने लगा और निर्मला धीरे धीरे पानी में उतरने लगी वह जैसे जैसे पानी में उतर रही थी उसका घाघरा पानी में ऊपर तैरता हुआ ऊपर उठने लगा था, उसका गुदाज पेट और गहरी नाभि को देख देख कर कल्लु का लंड खूब तगडे झटके मार रहा था।
जैसे ही निर्मला कल्लु के पास पहुची कल्लु ने अपनी माँ का हाथ पकड़ कर उसे और बीच में ले जाना शुरू किया निर्मला ड़रते ड़रते पानी में जाने लगी लेकिन अचानक थोड़ा ज्यादा गहराई वाली जगह आते ही निर्मला का पैर फिसला और कल्लु ने उसे अपने बांहो में थाम लिया अब पानी निर्मला के रसीले मोटे मोटे आमो तक आ चूका था और कल्लु ने अपनी माँ की कमर को थामते हुए कहा माँ तू उधर मुह कर ले मै तुझे पीछे से पकडे रहुगा और तू अपने हाथो से पानी को पीछे धकलते हुए तैरने की कोशिश करना बस फिर क्या था निर्मला दूसरी ओर घुम गई और कल्लु ने अपनी माँ के गुदाज उठे हुए मुलायम पेट को अपने हांथो में भर कर उसकी गहरी नाभि को सहलाते हुए कहा माँ तू झुक कर पानी में तैरने की कोशिश कर मैंने तुझे पीछे से पकड़ा हुआ है तू डुबेगी नहीं और फिर कल्लु ने अपने खड़े लंड को अपनी माँ के मोटे मोटे चूतडो से सटा दिया, उसका लंड जैसे ही अपनी माँ के मुलायम चूतडो की जडो में घुसा उसके मोटे तगडे लंड के एह्सास से निर्मला आनंद से दोहरी हो गई।
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