RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
मैं बोली- तुम जानते थे कि मैं ब्रा पेंटी नहीं पहने हूँ।तो वो बोला- बिल्कुल जानता थाजानू… मैं तुम्हें रोज देखता हूँ और तुम कभी कभी ही ब्रा पेंटी पहनकर आती हो।
अब मैं ऐसे इंसान के सामने एकदम नंगी खड़ी थी जिसे मैं 1 घंटे पहले तक जानती भी नहीं थी… वो मुझे खा जाने वाली नज़र से घूरे जा रहा था।मैं बोली- यार, मुझे तो तुमने नंगी कर के मेरी चुची, चुत, गांड सब देख लिए। अब जरा अपना भी तो लंड दिखाओ। मैं भी तो देखूँ कि मैं जिसके लिए नंगी हुई, उसकी बन्दूक में जान है या नहीं?
मेरे इतना बोलते ही वो तुरन्त पूरी तरह से नंगा हो गया, उसका लंड वाकयी में उसकी उम्र से बहुत बड़ा था, एकदम संतोष की तरह था 7-8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा!मैं तो देखती ही रह गई।
वो बोला- क्या हुआ जानू, भूल गई न अपने बॉयफ्रेंड का लंड? एक बार अगर तुम मौका दो तो ऐसे चोदूँगा कि उस संतोष की याद कभी नहीं आने दूँगा।मैं भी अंदर से मचल रही थी पर मैं अपने आपको कंट्रोल करके बोली- अब हो गया, अब जाऊं?तो वो बोला- सिर्फ 10 मिनट और… मैं तुम्हारे हुस्न की खुशबू लेना चाहता हूँ। टच नहीं करूँगा।
मुझे भी मजा आ रहा था, मैं बोली- जल्दी करो जो भी करना है।वो नीचे बैठ गया, मेरे पैरों को सूंघने लगा और धीरे धीरे ऊपर आने लगा।जैसे ही जांघ को सूंघने के लिये आया, मैं मदहोश होने लगी क्योंकि वो गरमागरम साँसें छोड़ रहा था।
फिर वह चुत पर आया और तेज साँसें छोड़ने लगा। मेरी तो आँखें बंद हो गई… ऐसा आज तक किसी ने नहीं किया था।वो बोला- क्या मदहोश करने वाली खुशबू है।और सूँघते-सूँघते गांड पर चला गया, बोला- अभी भी वीर्य की खुशबू है।फिर वो पीठ से होते हुए मेरी चूचियों पर आ गया और मुझे गर्माने लगा था।
मैं तो एकदम पागल हो गई थी, अब मुझे बस एक ही फीलिंग आ रही थी कि बस यह मेरी जोरदार चुदाई कर दे। अब वो सूँघते सूँघते मेरी गर्दन से होते हुए मेरे लबों पर आ गया।मुझे अब अपने आप पर कॉन्ट्रल नहीं हो रहा था, मेरी आँखें बंद थी।
फिर वो मेरे कान के पास गया और धीरे से बोला- मजा आया मेरी जान?मैंने सुनते ही आँख खोली और एक्टिंग करते हुए बोली- मुझे या तुम्हें?वो बोला- मैं तो स्वर्ग की सैर कर रहा था।मैं कैसे बताऊँ कि मैं उससे ज्यादा एन्जॉय कर रही थी।
फिर वह बोला- अगर तुम आर्डर दो तो एक बार तुम्हारे गले लगाना चाहता हूँ।मैं भी पूरे मूड में आ चुकी थी तो हाँ कर दी।
मेरे हाँ करते ही वो मेरे से फेविकॉल की तरह चिपक गया और उसका लंड इतना कड़क हो गया था कि बार बार मेरी चुत में ठोकर मार रहा था।वो गले लगते ही मेरी चुची, बूब्स, पीठ, गांड सब मसलने लगा, गर्दन पर गरमागरम साँस छोड़ रहा था तो मैं एकदम मदहोश हो गई थी।
पता नहीं वो कब मेरे गालों पर चुम्मी करने लगा। अब वो मुझे बुरी तरह मसलने लगा, मैंने भी उसका लंड पकड़ लिया और जोर से मसलने लगी।वो अब मेरे लबों को चूसने लगा, वो बार बार मेरी चुत में लंड से धक्का मार रहा था। लेकिन मैं अपने चुत को बचा रही थी।
करीब 10-15 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा, हम दोनों पूरी मदहोशी में खोये हुए थे, तभी मुझे अचानक महसूस हुआ कि मैं यह क्या कर रही हूँ और मैं जबर्दस्ती उससे अलग हुई तो देखा कि उसका लंड एकदम लाल किला बना हुआ है।मैं लंड देखकर चुदने के मूड में आ गई थी लेकिन अपने आप को सम्भाला और बोली- तुम यह क्या कर रहे थे?तो राजीव बोला- सॉरी… पता ही नहीं चला कब यहाँ पहुँच गए। प्लीज माफ़ कर दो।
मैंने सोचा कि यह माफ़ी मांग रहा है, यही बहुत है, नहीं तो कोई और होता तो अभी तक तो मेरी चुदाई कर चुका होता। इसलिए मैं बोली- इट्स ओके… अब जल्दी चलो।तो राजीव अपने लंड की ओर इशारा करते हुए बोला- मैडम, मैं इसका क्या करूँ।मैं हँसती हुई बोली- काट दो!
फिर वो बोला- मैडम, एक बात बोलूँ?मैं बोली- बोलो?तो वो बोला- जब इतना हो ही गया है तो इस लंड को भी शांत कर दो।मैं बोली- यह मुमकिन नहीं है, मैं जा रही हूँ।तो वो बोला- मैडम, मेरी पूरी बात तो सुन लो। मैं चुत या गांड में बिना आपके परमिशन के नहीं डालूँगा। मैं तो बस कह रहा हूँ कि आप अपने हाथों से हिलाकर झार देती तो इस बालक का भला हो जाता।मैं बोली- छी… मेरे हाथ में वीर्य लग जाएगा।और मैं बोली- तुम बालक हो? अगर तुम्हारा बस चलता तो अभी तुम मुझे अपने बच्चे की माँ बना देते!तो वो बोला- प्लीज मैम!
फिर वो बोला- मेरे पास एक और आईडिया है।मैं बोली- क्या?वो बोला- आपकी चुची को चोद कर ठंडा हो जाता हूँ।मैं बोली- चुची को कैसे?तो वो बोला- आप घुटनों पर बैठ जाओ और दोनों हाथों से चुची को चिपकाओ।
मैं मान गई, उसने अपना गरमागरम लंड मेरी दोनों चूचियों के बीच घुसा दीया और आगे पीछे करने लगा और अपने मुंह से आवाज़ निकालने लगा- उम्म्ह… अहह… हय… याह…और तेजी से मेरी चुची की चुदाई करने लगा।मैं ऐसे पहली बार चुद रही थी इसलिए यह पहला अनुभव था और बहुत सुखदाई अनुभव था। मैं भी अपनी चुची की चुदाई को पूरी तरीके से एन्जॉय कर रही थी। चुची पर लंड की चुदाई से मैंफिर से गर्म होने लगी थी। वो भी मेरी चुची को चुत समझकर चोदे जा रहा था और अलग-अलग आवाजें निकाल रहा था।मैं भी वासना में खोती जा रही थी।
तभी उसके लंड से जोरदार पिचकारी निकली और मेरी गर्दन पर वीर्य की बरसात कर दी। मैं अभी पूरी तरीके से गरमाई ही थी कि वो खल्लास हो गया और उसका सारा वीर्य मेरी गर्दन, चुची और पेट पर बिखर गया, मेरे नाक में वीर्य की मादक खुशबू जाने लगी जिससे मैं और मदहोश हो रही थी.
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