RE: vasna story मेरी बहु की मस्त जवानी
उसकी गरम चूत बस २-३ इंच के दूरि पे थी और थोड़ा ऊपर उसके ट्रैक पैंट की ड़ोरी बाहर निकली थी। मन हुआ की वो झुक के अपने दांतो से उसकी ड़ोर को खोल दुं, लेकिन नहि।।।। मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी मेरे लंड को तो जैसे सारे दिन खड़े होने की सजा मिल गई हो। अब बहु बिस्तर से उठ के बैठ गई और मैंने अपना हाँथ हटा लिया। मैं उठा और फ्रिज खोल के पानी की बोतल निकालने लगा। बहु अपने कमरे में चलि गई, करीब आधे घंटे बाद मैं बहु के कमरे में गया। बहु नहाने गई थी उसकी ब्लैक ब्रा और ब्लू पैंटी वहीँ बिस्तर पे पड़ी थी। मैं उसकी पैंटी उठा कर देखने लगा।
पैंटी में थोडा सा दाग था शायद पसीने या फिर उसकी चूत का जुस। मैं उसकी पैंटी को सूँघने लगा।। एक अजीब से एक्साइट करने वाली स्मेल थी। मैंने पैंटी को लेफ्ट हैंड में लिए जीभ से उसकी चूत वाली जगह को चाटने लगा और राइट हैंड में अपना लंड पकड़ के हिलाने लगा। बस कुछ ही देर में मेरे लंड से पानी निकल फर्श और हाथ पे गिर गया। फिर मैंने अपना लंड उसकी पैंटी से पोंछ उसे वहीँ छोड़ कमरे से बाहर निकल गया।।।
बहु ने नहाने के बाद साड़ी पहनी थी वो भी पहली बार उसने साड़ी को अपने नावेल से करीब ३ इंच नीचे बांधे थी न जाने क्योँ, शायद २ दिन पहले जब मैंने उसकी नावेल की तारीफ की थी इसलिए।
बहु मुझे अपनी नावेल बड़ी ही बेशरमी से पूरे दिन दिखाती रहि।। किचन में काम करते वक़्त जब उसने पल्लू कमर में बांधा तो उसकी कमर और पेट का हिस्सा पूरा पूरा खुल गया और वो अधनंगे बदन मेरे सामने बड़े ही बेशरमी से आती जाती रहि।।
रात को मैं और मेरी बहु उसके कमरे में बैठ के बातें कर रहे थे।। क़रीब १० बजे बहु ने डिनर के लिए पुछा मैंने उससे कहा की वो डिनर इसी कमरे में लेती आए। फिर हमदोनो बिस्तर पे बैठे के डिनर किये।। डिनर के बाद बहु किचन में बर्तन साफ़ करने चलि गई और मैं वहीँ बहु के कमरे में सो गया।।
सूबह के क़रीब ५ बजे मेरी नींद खुली कमरे में हलकी हलकी रौशनी थी मैंने देखा बहु मेरे बगल में मेरी ओर पीठ किये सोयी है। मुझे याद आया की रात को डिनर करने के बाद मैं यहीं सो गया, और बहु शायद बाद में मेरे बगल में सो गई। मैंने नोटिस किया बहु एक वाइट कलर के टी-शर्ट पेहने हुए है और बेड के बगल में एक चेयर पे बहु की साड़ी, पेटीकोट, ब्लाउज और सबसे ऊपर ब्लैक कलर की ब्रा पड़ी थी।
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