RE: vasna story मेरी बहु की मस्त जवानी
बाथरूम में फर्श पे बैठी मेरी बहु चेहरे से अपने पापा का मुठ साफ़ कर रही थी। मैं अपना माल निकाल चूका था, मुझे समधी जी को सम्भालने में अब बहुत मुश्किल हो रही थी। मैंने बहु से धीरे से कहा।।
मै - बहु, उठो आओ समधी जी को रूम में ले चलते है।।
बहु ने मेरी बात जैसे सुनि ही न हो।। वो आँखें बंद किये अपने होठों से मूठ साफ़ करती रही।
शायद इतना सबकुछ कर बहु बहुत ही गरम हो गई थी उसे मजा आ रहा था। मैंने अपना चिपचिपा हाथ बहु के काँधे पे रख कर एक बार और आवाज़ लगाई।
मै - बहु।।क्या हुआ?
बहु ने मेरी तरफ मुड के देखा तो दंग रह गई, मेरा लंड पेंट के बाहर देख उससे समझने में जरा सी भी देर नहीं लगी के मैं अपना माल निकाल चूका हूँ।
सरोज - बाबूजी, ये आप क्या कर रहे है। पापा ने देख लिया तो?
मै - मुझे माफ़ करना बहु, तुम्हे अपने पापा का लंड चुसता देख मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर मूठ मार लिया
सरोज - लेकिन पापा के सामने?
मै - अरे बहु, तुमने उनका लंड चूस लिया और उनकी नींद नहीं खुली तो मेरे मूठ मार लेने से उन्हें क्या पता चल जायेगा?
सरोज - ओह बाबूजी।। मेरा पूरा बदन चिपचिपा हो गया है, और ये क्या आपने भी अपना हाथ साफ़ नहीं किया और मेरे काँधे पे अपना मूठ लगा दिया।।
मै - ठीक है बहु, चलो पहले मैं समधी जी को बेड पे लेटा देता हूँ उसके बाद तुम अपनी सफाई कर लेना। अब आओ मेरी मदद करो।
सरोज - जी बाबूजी।। लेकिन आप अपना लंड अंदर तो कीजिये।
मैने समधी जी को वापस बिस्तर पे लिटा दिया। बहु वाशरूम चलि गई और शावर लेने लगी। वाशरूम का दरवाज़ा खुला था, मैं बहु के पीछे पीछे वाशरूम के नजदीक आ गया। बहु का बदन वाइट कलर की ट्रांसपेरेंट शर्ट में भीगने के बाद बहुत कामुक दिख रहा था।
एक बार फिर मेरे लंड में हलचल मचने लगी। बहु नहाते वक़्त अपनी चूचियां मसल रही थी। बहु के निप्पल खड़े हो गए थे, वो हैंड शावर उठा कर अपनी बुर पे रगडने लागी। मुझे तो पहले से ही पता था की बहु गरम हो गई है। मैंने सोचा नहीं था की वो अपने पापा का लंड देख कर इस तरह उत्तेजना से भर उठेगी। बहु वाशरूम में तेज़ी से अपना हाथ अपनी बुर पे रगड रही थी।
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