RE: vasna story मेरी बहु की मस्त जवानी
बहु आनन्द के उत्कर्ष पर थी, कुछ ही देर में वो झड गयी। उसकी चूत को बहता देख कर बाबू जी और भी उत्तेजित हो गये।। उन्होंने अपना पूरा लंड बहु के गांड में पेल दिया, फिर बाहर निकाल कर एक झटके के साथ अंदर घुसा दिया। अब वो पूरे लंड को अंदर बाहर कर चोदने लगे। थोड़ी देर में बाबू जी भी चरम पर पहुँच गये। उन्होंने अपना लंड बहू की गांड में बिलकुल भीतर तक पेल कर बाहर निकाला और अपने हाथ से हिला कर अपने प्रेम रस को बहू के मुँह के अंदर गिरा दिया जिसे बहू किसी कुतिया की तरह चाटकर साफ करने लगी।
अगले दिन सुबह मैं देर से उठा, मैंने देखा की समधी जी मिरर के सामने खड़े होकर शेविंग कर रहे थे। बहु मेरे बगल में चादर के अंदर लेटी थी। मैंने बहु को धीरे से उठाया
मै - बहु, उठो।।
सरोज - मैं सो नहीं रही बाबूजी। बस ऐसे ही लेती हू।
मै - लगता है समधी जी की तबियत आज ठीक है, वो शेविंग कर रहे है। उन्होंने हमे साथ में सोते हुए भी देख लिया। अब तुम उन्हें रिझाने की कोशिश शुरू कर दो।
सरोज - ओके बाबूजी।
बहु अपने बदन से चादर हटा कर फेंक दिया। उसने अपना गाउन घुटने के ऊपर अपनी जांघो तक खीच लिया और पैर मोड़ कर बिस्तर पे बैठ गई। फिर उसने एक सेक्सी अंगडाई ली और नशीले आवाज़ में अपने पापा से कहा।
सरोज - गुड मार्निंग पापा, आप कब उठ गए? आपकी तबियत अब कैसी है?
समधि जी - मैं अभी अच्छा फील कर रहा हूँ बेटी (समधी जी ने बिना बहु को देखे जवाब दिया)
सरोज - पापा इधर मेरे पास आइये न मुझे आपको किस करके गुड मॉर्निंग बोलना है।
समधि जी - अरे बेटी २ मिनट में हो गया बस।
सरोज - उम् आइये।।
समधि जी - ओके हो गया, (जैसे ही समधी जी पीछे मुड कर अपनी बेटी को देखा उनकी आंखे बड़ी और जुबान बाहर हो गई )
अपनी बेटी को इस तरह से उन्होंने कभी नहीं देखा था उनकी सेक्सी बेटी अपनी आधी चूचियां लटकाये और मांसल गोरी जांघो को खोले उनके सामने बैठी थी। उनके मुह से कुछ नहीं निकला वो बेड के पास आ गये। बहु ने अपना पोजीशन चेंज किया और झुकते हुए पापा के क़रीब आ गई। झुकने से उसकी चूचि इस बार पूरी बाहर निकल गई थी, बेड पे जब वो झुकि तो उसकी नंगी चूचिया बेड को छु रही थी। बहु अपनी गाउन के सरकने से जानबूझ कर अन्जान बनी हुई थी।
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