vasna story जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत
05-13-2019, 12:32 PM,
#22
RE: vasna story जंगल की देवी या खूबसूरत डक�...
कालिया अपने बीवी और बहन की फिक्र में किसी भी खतरे से लड़ जाने को तैयार था ,वो अकेला हि उन्हें ठाकुर के किले से छुड़ाने को निकल पड़ा…….

कालिया दूर से ही उस हवेली को ध्यान से देख रहा था और साथ ही अंदर जाने की तरकीब ढूंढ रहा था ,पूरी हवेली मानो कोई किला हो ,चारो तरफ पहरेदार ही पहरेदार थे,बंदूख धारियों से पूरी हवेली ही घिरी हुई थी ,कालिया हवेली के पिछले भाग में गया,वँहा सुरक्षा कम थी लेकिन फिर भी बड़े से दीवाल के पर पहुच पाना भी मुश्किल था,कालिया ने अपने साथ एक रस्सी लाई थी ,वो गुना भाग कर एक नतीजे में पहुचा की वो रस्सी से दीवाल को पर करेगा फिर हवेली के बगीचे से छिपता हुआ मुख्य घर तक जाएगा,वो रस्सी को सही जगह डालने में सफल रहा और उसके सहारे ऊपर चढ़ नीचे कूद गया,उसका दिल जोरो से धड़क रहा था लेकिन अभी डरने का समय भी तो नही था,

वो फिर से रस्सी को उस बड़े से बगीचे में एक जगह छुपा दिया,और मुख्य हवेली की ओर बढ़ने लगा,लोग रात के सन्नाटे में एक दूसरे से बात करते हुए या ऊंघते हुए पहरा दे रहे थे,उसने ध्यान दिया की नॉकर आ जा रहे है और पहरेदार थोड़ा भी ध्यान उनपर नही दे रहे है,उसने रिस्क लेने की सोची और अपने बंदूख को वही रख चाकू को अपने कपड़े में छिपा कर अपने को थोड़ा संवारा ताकि वो गांव का ही आम आदमी लगे ,और जल्दी से जाकर एक आलू के बोरे को उठा लिया ,वो दूसरे दरवाजे से अंदर जाना चाहता था,

“ये क्या ले जा रहा है”

एक कड़कदार आवाज उसके कानो में पड़ी ,उसे लगा जैसे उसका दिल ही बाहर आ जाएगा …

“वो आलू है ,रसोई में पहुचा रहा था “

वो अपने को सम्हालते हुए बोला 
“अबे मादरचोद अभी तुम्हे ये सब काम सूझ रहा है दिन भर क्या कर रहे थे,चल जा “

एक पहरेदार तम्बाखू मलते हुए बोला,कालिया पीछे के दरवाजे से रसोई तक चला गया,बड़ी सी रसोई थी लेकिन ठाकुर के परिवार के रहने का कमरा ऊपर था ये नॉकरो की जगह थी ,कालिया ने रात का फायदा उठाया और आहिस्ते से एक पाइप के सहारे ऊपर पहली मंजिल तक आ गया,बड़े बड़े दरवाजो और खिड़कियों से सुशोभित आसियान था,कालिया को समझ ही नही आ रहा था की इतने कमरों में आखिर रहता कौन होगा और जंहा उसे जाना है वो कमरा कौन सा होगा ,या ठाकुर ने उन्हें हवेली के अलावा कही और रखा है ,पहली मंजिल से नीचे का नजारा साफ साफ दिख रहा था ,जंहा कई पहलवान हाथो में बड़ी बड़ी बंदूख लिए टहल रहे थे,सामने से जाना अब भी खतरनाक था ,वो फिर से पीछे का रुख किया ,उसने पीछे की ओर से खिड़कियों में झकने की सोची लेकिन नीचे गिरने का और किसी के देख लेने का डर उसे सता रहा था,वो बेहद परेशान था की उसे किसी के पायलों की आवाज सुनाई दी ,देखा तो एक सजी सवारी लड़की माथे में लाल सिंदूर लगाए और लगभग पूरे दुहलन के लिबास में झम झम करती उसी ओर आ रही थी ,वो छुपने को भागा इतने बड़े घर में उसे समझ ही नही आ रहा था की जाए तो कहा जाए,उसे सीढ़िया दिखाई दी और वो उसी में चढ़ता गया,वो हवेली के छत पर था तीन मंजिलों की हवेली बाहर और अंदर से विशालकाय थी,और पूरे ओर से दूर दूर तक खेतो से घिरी हुई थी,थोड़ी दूर उसे जंगल भी दिखाई दे रहा था,छत पूरी तरह से शांत थी ,वो वँहा से नीचे देख पा रहा था,साथ ही उस हवेली की सही संरचना भी उसे तभी समझ आयी,असल में वो हवले वर्गाकार थी,जंहा वो खड़ा था वो एक छोर था ,वर्ग की चारो भुजाओं की तरह कमरे बने हुए थे और बीच में बड़ा सा बरामदा था जो की बाहर से नही दिखता था,वो एक छोर में खड़े हुए दूसरे छोर के कमरों को देख पा रहा था ,जो कमरे खुले हुए वो अपने वैभव की कहानी खुद ही कह रहे थे,

‘साला इतने बड़े घर में रहते कितने लोग होंगे,’उसके दिमाग में अनायास ही आ गया ,तभी उसे फिर से झम झम की आवाज सुनाई दी जिस आवाज से भागकर वो यंहा आया था फिर से उसे सुनकर वो डर गया लेकिन फिर उसे याद आया की वो एक अकेली औरत है और कालिया के पास उसे डराने को एक चाकू भी तो है ,वो सतर्क होकर अंधेरे में एक कोने में जा छिपा ..

वो लड़की आयी और छत की एक छोर में जाकर बैठ गई,वो सामने कुछ देख रही थी फिर उसने अपने हाथो से कुछ निकाला और अपने मुह में लगा लिया ,कालिया ने पहली बार किसी औरत कोई सिगरेट पीते हुए देखा था,उसने ठाकुर को ही ऐसा करते हुए देखा था बाकी गांव के लोग तो बस बीड़ी में ही खुस थे ,वो गहरे कस लगाए जा रही थी जैसे किसी गंभीर से ख्यालों में हो ...थोड़ी ही देर हुए थे की उसकी नजर अंधेरे में छिपे हुए कालिया पर पड़ गई ……

“कौन है कौन है वँहा “


कालिया को लगा की जैसे बचने का कोई भी चारा नही है 

“मलकीन हम हम हरिया है”

“कौन हरिया और यंहा क्या कर रहे हो पता है ना की यंहा नॉकरो को आने की अनुमति नही है “

“माफ कीजिए मालकिन “

“चलो जाओ यंहा से “

कालिया चुप चाप उठा और वँहा से जाने लगा लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था ,छत में बिछे पानी के एक पाइप में कालिया का पैर फंसा और वो गिर गया साथ ही उसके कपड़े में रखा चाकू उसके कपड़े से निकल कर सीधे उस लड़की के पैरो में गिर गया ,लड़की उस चाकू को तो कभी कालिया को देखती ,इतना बड़ा चाकू देख उसे किसी अनहोनी की असंका जागी वो चिल्लाने को ही हुई थी की कालिया ने फुर्ती दिखाई और जाकर उसे दबोच लिया,उसके मुह को जोरो से बंद कर दिया और पैरो से ही चाकू को उठाकर उसकी गर्दन पर टिका दिया,अब फंस चुका था तो डरना कैसा …

“थोड़ी भी आवाज की तो सीधे गाला रेत दूंगा “

कालिया ने कड़क आवाज में उसके कानो में कहा ,लड़की सिहर गई और शांत हो गई,कालिया ने धीरे से उसके मुह से हाथ हटाया ..

“कौन हो तुम और क्या चाहते हो “

लड़की ने डरे हुए आवाज में पूछा 
“मै...क्या करोगी जानकर ..चलो पूछ ही लिया है तो बता दु मेरा नाम कालिया है…”

लड़की जितना पहले डर रही थी कालिया का नाम सुनकर मानो उसका डर ही खत्म हो गया ..

“कालिया,..वही कालिया जिसने इतने सालो बाद ठाकुर को उसकी औकात दिखाई,और जिससे बदला लेने के लिए वो उसकी बहन और बीवी को उठा लाया है,वही गरीबो का मसीहा “

लड़की उसके गिरफ्त से छूट गई थी लेकिन फिर भी कालिया से दूर नही भाग रही थी ना ही उससे डर रही थी बल्कि उसकी बातो में अपने लिए तारीफ सुन कालिया भी हैरान रह गया ..
“तुम तुम कौन हो …”

लड़की ने एक फीकी सी हँसी हँसी ..

“एक अभागन और ठाकुर के जुल्म का एक शिकार ...लेकिन अब लोग मुझे इस हवेली की ठकुराइन बुलाते है ,मैं प्राण ठाकुर की नई पत्नी हु …”

कालिया को याद आया प्राण ने कुछ महीने पहले ही अपनी पहली बीवी के मरने के बाद अपने से आधी उम्र की लड़की से शादी की थी ,
“तुम तो इस हवेली की ठकुराइन हो फिर तुम्हे कैसा दुख “

कालिया ने व्यंग मारा ,लड़की का मुह दुख से भर गया 

“ठाकुर ने मेरे पिता के गले में तलवार रखकर मेरा बलात्कार किया था,उसे मैं ज्यादा पसंद आ गई तो वो मुझे हवेली ले आया और अपनी बीवी के मरने के बाद मुझे अपनी बीवी बना लिया,उसके लिए मैं बस हवस मिटाने का एक खिलौना ही हु उससे ज्यादा कुछ भी नही ..दुनिया को शायद लगता होगा की मैं इतने बड़े घर की मालकिन हु ,जमीदार की बीवी लेकिन असलियत तो मैं ही जानती हु,मेरी पिता जी ने मुझे फूलों की तरह पाला था,अच्छे संस्कार दिए थे ,पढ़ाया लिखाया,कालेज तक की पढ़ाई कर मैं नॉकरी कर रही थी ,लेकिन प्राण की नजर मुझपर पड़ गई ,मैं पड़ी लिखी हु शहर की रहने वाली हु शायद इसलिए इसने मुझे अपनी पत्नी का दर्जा दे दिया वरना शायद मैं भी उसकी रखैल बन कर रह जाती …”
Reply


Messages In This Thread
RE: vasna story जंगल की देवी या खूबसूरत डक�... - by sexstories - 05-13-2019, 12:32 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,459,586 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,717 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,439 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,076 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,209 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,324 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,917,643 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,946,691 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,989,280 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,924 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)