RE: vasna story जंगल की देवी या खूबसूरत डक�...
लड़की के आंखों से आंसू की बूंदे टपकने लगी ,कालिया कहता भी तो क्या कहता उसे अपने परिवार के दो सदस्यों की चिंता और भी जोरो से सताने लगी …
“मेरी बीवी और बहन कहा है “
लड़की के होठो में एक मुस्कान आ गई
“हर लड़की उनकी तरह खुशकिस्मत नही होती ,मैं तो सुख छोड़ कर इस नरक में आयी थी लेकिन तुम्हारी बहन को तो इसी नरक में मजा आने लगा है ,वो भी बेचारी क्या करे उसने इतने बुरे दिन देखे है ,गरीबी देखी है शायद इन सब सुखों के सामने जिस्म का सौदा उसे छोटा ही लग रहा होगा …”
कालिया उसकी बातो से चौक गया था ,उसके चहरे का भाव देखकर लड़की ने उसका हाथ पकड़ लिया ,चलो तुम्हे दिखती हु,वो उसे अपने साथ नीचे ले जाने लगती है और एक खिड़की के सामने अंधेरे में खड़ी हो जाती है ,कालिया उसके पीछे से अंदर का नजारा देख कर ही दंग हो जाता है,बड़े से पर्दे पर फ़िल्म चल रही थी …
‘बसंती इन कुत्तों के सामने मत नाचना ‘
कनक तालिया बजा रही थी और रोशनी उसके साथ बैठी हुई थी,दोनो लडकिया किसी रानी की तरह सजाई गई थी जैसे इस वक्त मौजूद प्राण ठाकुर की पत्नी थी ,कनक तो चहरे से ही बहुत खुस दिख रही थी वही रोशनी के चहरे में अलग अलग भाव आ जा रहा था ,कालिया के रगों में खून जोरो से दौड़ाने लगा,उसे समझ ही नही आ रहा था की वो क्या प्रतिक्रिया करे ,वो बस खिड़की से अंदर झांक रहा था……
कालिया देख रहा था की उसकी बहन किसी जिस्म बेचने वाली सस्ती रंडी जैसे हरकत कर रही है,उसके आंखों में आंसू आ गए ,वो भले ही एक डाकू बन गया हो लेकिन था तो वो गांव का एक सीधा साधा इंसान ही जो अपने परिवार से बेपनाह मोहोबत करता था,उसकी आंखों में आया हुआ आंसू झलक कर उसकी आंखों को छोड़कर नीचे गिरा कुछ बून्द जाकर ठकुराइन जिसका नाम पूनम था के कंधे में गिर गया,पूनम उसके सामने ही खड़ी थी ,वो अपना चहरा उठाकर कालिया को देखने लगी वो समझ सकती थी की आखिर कालिया के अंदर क्या चल रहा होगा,जिस परिवार को कालिया ने खत्म करने की सौगंध खाई थी ,उसी परिवार के सदस्य के सामने उसकी ही सगी बहन ऐसे व्यव्हार कर रही है ,हवेली में मिल रहे सुख ने उसे झोपड़ी में सीखी हुई मर्यादाओं को भुला दिया था,पूनम अपना हाथ आगे बड़ा कर कालिया के गालो पर रख दी ,ना जाने को कालिया उसे बेहद ही आकर्षित कर रहा था ,कमरे के अंदर कालिया के परिवार की इज्जत कनक विक्रांत के प्रति आकर्षित हो रही थी तो वही बाहर अंधेरे में खिड़की के पास खड़े विक्रांत के परिवार की इज्जत पूनम कालिया के प्रति आकर्षित हो रही थी,जंहा कनक को विक्रांत के शरीर से उठाने वाला इत्र का गंध मदहोश कर रहा था वही पूनम को कालिया के शरीर से उठाने वाली पसीने की खुश्बू मदहोश किये जा रही थी ,
वो जानबूझकर कालिया से और भी सट गई,प्राण से शादी के बाद कभी भी उसे प्यार तो मिला नही लेकिन साथ ही उसे शरीर का सुख भी प्राण नही दे पाया,जिस्म को नोंचना और शारीरिक सुख दो अलग चीजे होती है,प्राण के शरीर में अब इतना दम था भी नही की वो किसी नई नई जवान हुई लड़की के जिस्म की भूख को मिटा सके ,पूनम के लिए वो भूख कोई मायने नही रखती थी लेकिन फिर भी कालिया के मर्दानगी की खबरे वो कई दिनों से सुनती आ रही थी ,उसे मन ही मन कालिया से एक अजीब सा प्रेम भी हो गया था जिसके बारे में वो खुद भी नही जानती थी ,असल में उसे कालिया में वो शख्स दिख रहा था जो उसके ऊपर हुए अत्याचार का बदला प्राण से ले सकता था,और अवचेतन में छिपा यही आदर या प्रेम या कहे की आकर्षण आज बाहर आ रहा था..
कालिया को भी अब ये महसूस हो रहा था की पूनम कुछ ज्यादा ही उससे सट रही है,लेकिन कालिया के मन में कोई भी गलत विचार उसके लिए नही उठ रहे थे..
लेकिन जब रोशनी को विक्रांत ने खिंचा और अपने से सटा लिया और जब रोशनी की भी आंखे मजे में बंद हो गई कालिया टूट गया और वँहा से जाने को हुआ .पूनम ने तुरंत ही उसका हाथ पकड़ कर अपने पास खिंच लिया और अपने से सटा लिया…
पूनम का सर कालिया के छाती में लग गया था और पूनम की भारी छतिया कालिया के विशाल चौड़े सीने से,पूरी तरह से काला कालिया और दूध ही गोरी पूनम एक दूसरे से चिपके हुए अमावस और पूर्णिमा की रात का मिलन लग रहे थे,पुनम की सांसे तेज हो रही थी वही कालिया उसकी इस हरकत से घबरा गया था,
“जब वो तुम्हारे घर की इज्जत से खेल रहे है तो तुम क्यो पीछे हो ,तुम उनकी इज्जत की धज्जियां उड़ा दो “
पूनम ने अपने हाथो को कालिया के सीने के बालो पर फेरा ,कालिया का दिमाग शून्य में चला गया था उसे कुछ भी समझ आना बंद हो चुका था वो फिर से अंदर देखा,विक्रांत उसकी नई नई बीवी को उत्तेजित करने में कामयाब हो गया था ,कालिया को जोरो का गुस्सा आया और वो पूनम को जोरो से अपने बांहो में दबोच लिया ..
“आह “
पूनम को लगा जैसे वो किसी असली मर्द की बांहो में आ गई हो,ऐसी गिरफ्त और वो पसीने से भीगा कालिया का बदन और उसकी मजबूत मांसपेशियां पूनम पूनम के योनि से रिसाव करने को काफी थी,पूनम की कमर कालिया के कमर पर रगड़ खाने लगी ये कैसे हो रहा था ये तो पूनम को भी समझ नही आ रहा था लेकिन वो अपने कमर को जैसे कालिया के कमर से जितना हो सके उतना चिपकाना चाहती थी,कालिया भी उनके पिछवाड़े में उठे हुए पर्वत जैसे नितंबो को पकड़कर अपने कमर से और भी जोरो से दबा देता है…
पूनम की दबी ही सिसकी निकली ,कालिया की आंखे लाल थी वो गुस्से से बौखलाया था रोशनी अभी भी विक्रांत की बांहो में मदहोश सी पड़ी थी ,
कालिया ने पूनम की साड़ी को उठा लिया,पूनम की साड़ी कमर तक उठ चुकी थी कालिया ने अपने पंजे से पूनम के दोनो जांघो के बीच को दबोच लिया,
“आह नही “
पूनम उत्तेजना के मारे जैसे मर रही थी वो अपना सर कालिया के कंधे पर गड़ा गई,वो जोरो से सिसकियां ले रही थी ,कालिया ने अपने धोती से अपने लिंग को निकाला और सीधे ही पूनम के जांघो के बीच दे मारा,लेकिन वो भूल गया था की शहर की लडकिया नीचे कुछ कपड़ा भी पहनती है,उसका लिंग पूनम की पेंटी के ऊपर से ही पूनम के योनि में प्रहार कर गया,पूनम तो पूरी तरह से टूट गई वो जोरो से चिल्लाना चाहती थी उसे लगा जैसे किसी ने लोहे का रॉड उसके योनि में मार दिया हो,लेकिन अपनी आवाज को दबाने के लिए उनके अपना खुला हुआ मुह कालिया के कंधे में गड़ा दिया और दांतो को उसके मांस पर गड़ा दिया,कालिया कोई जब समझ आया की एक और कपड़ा पूनम के योनि में है वो हाथो को लेजाकर उसे थोडा साइड हटा कर फिर से अपने लोहे के सरिए जैसे लिंग को उसकी योनि में टिकाया जो अभी पूरी तरह के गीली हो चुकी थी और उसे एक ही झटके में पूनम के अंदर उतार दिया,कालिया का झटका इतना तेज था और उनका गांव का मजबूत लिंग पूनम की नाजुक योनि के लिए इतनी बड़ी थी की वो छिल कर खून फेक दी ,वो दर्द में झटपटा गई लेकिन उसका मुह बस खुला का खुला ही रह गया ,दर्द और आश्चर्य के मारे उसके मुह से आवाज तक ना निकली ...कालिया ने तुरंत ही उसके मुह को अपने हाथो से दबा दिया ताकि उसकी चीख उसके हाथो में ही घुट जाए,पूनम की आंखों में आंसू था,और कमरे के अंदर रोशनी ने अपने को विक्रांत से छुड़ा लिया था और अपने आंसुओ को पोछती हुई भागी थी ,
ये दोनो ही आंसू कालिया लिये उसकी गलती का अहसास दिलाने वाले साबित हुए वो तुरंत ही पूनम से अलग हो गया,पूनम ने अंदर देखा और समझ गई की कालिया उससे अलग क्यो हो गया,लेकिन उसके होठो में मुस्कान थी वो अपना कपड़ा थोड़ा ठीक की और कालिया जो अभी हुए हादसे से उभरा भी नही था के कानो के पास अपने होठो को लाई
“सच में तुम असली मर्द हो ,कितना बड़ा और कठोर है तुम्हारा ,तुम्हारे साथ मजा आएगा “
पूनम की बात से जंहा कालिया बुरी तरह से झेंपा वही पूनम उसे झेंपता हुआ देखकर हल्के से हँस पड़ी ……..
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