RE: vasna story जंगल की देवी या खूबसूरत डक�...
मॉंगरा अभी बलवीर के गोद में लेटी थी ,दोपहर का वक्त था और ठाकुर के हवेली के बगीचे में लगे हुए आम के पेड़ ने नीचे दोनो की ही फुर्सत का ठिकाना था,वो अक्सर ही यंहा आते थे,बलवीर की उम्र भी रणधीर जितनी ही थी लेकिन मोंगरा को देखने का नजरिया उसके बिल्कुल ही विपरीत …
वो रणधीर से कही ज्यादा बलशाली था,गठीला शरीर और रौबदार चहरा ...कोई भी लड़की उसे देखते ही रह जाती लेकिन आज तक बलवीर के जेहन में मोंगरा के अलावा और कोई नही आ पाई थी …
“वो साला कुत्ता तुझे आज फिर ऐसे देख रहा था ,जी करता है साले की आंखे निकाल दु …:
मोंगरा हल्के से हँसी ,जैसे वो बलवीर को अधीर देखकर अधिकतर करती थी ..
“क्यो तुम्हे इतनी जलन क्यो होती है उससे “
मोंगरा के सवाल पर बलवीर ने एक बार उसे घूरा लेकिन कुछ भी नही कहा ..
“तुम मेरे भाई हो क्या “
बलवीर जैसे झुंझला गया
“किसने कहा “
“सब कहते है की बलवीर और मोंगरा भाई बहन की तरह रहते है “
“नही मैं तेरा भाई नही हु”
मोंगरा के चहरे पर एक हल्की मुस्कान आई …
“तो क्या हो ,..मेरे घरवाले ..”
मोंगरा खिलखिलाई ,लेकिन बलवीर हड़बड़ा गया
“छि कैसी बात करती हो ,शर्म नही आती क्या,शर्म बेच खाई हो क्या “
बलवीर की भोली बाते मोंगरा को बहुत अच्छी लगती थी ,बलवीर उससे उम्र में ही बड़ा था लेकिन समझ में वो मोंगरा को बच्चा ही लगता था,या ये कहे की बलवीर अपनी समझदारी मोंगरा पर नही झाड़ता था ..
“तो ऐसे क्यो जलते हो ,देखने दो अगर देखता है तो ..”
बलवीर गुस्सा में आ गया ,वो खड़ा होने लगा ..
“तो जा उसी के पास ,तुझे तो उसका देखना अच्छा लगता है ना कैसे उसके सामने ही कमर मटका के चल रही थी …”
मोंगरा फिर से हँस पड़ी लेकिन बलवीर गंभीर था उसके चहरे से गुस्सा टपक रहा था,वो जाने को हुआ और मोंगरा जल्दी से उठाकर पीछे से उसके जकड़ ली ..और अपना सर उसके पीठ पर टीका दिया …
“छोड़ मुझे ..पैसे का बहुत प्यार हो गया है तो जा उसी के साथ ..हम कौन है तेरे ”
“नही …”मोंगरा की आवाज बहुत ही धीमी थी
“मुझे क्यो पकड़ती है जा ना उसी के पास ..उसका देखना तुझे अच्छा लगता है ना “
बलवीर की बात से मोंगरा सिसकने लगी ,उसकी सिसकियां सुनकर बलवीर फिर से हड़बड़ाया,बलवीर कभी मोंगरा को रोता हुआ नही देख सकता था वो पलटा और उसे अपने बांहो में उठाकर फिर से उस आम के छाव में ले गया,वो किसी गुड़िया सी मोंगरा को उठाये हुए था,अब मोंगरा बलवीर के छाती से लगी सिसक रही थी और उसकी गोद में बैठे हुई थी ..
बलवीर ने उसके सर पर प्यार से अपने हाथ फेरे ..
“मेरी बात का इतना बुरा मान गई क्या ,तुझे पता है ना की मैं तुझे रोता हुआ नही देख सकता “
उसकी बात सुनकर मॉंगरा थोड़ी और उसके छाती से लग गई ..
“तुम्हे क्या लगता है की पैसा मेरे लिए तुझसे ज्यादा जरूरी है ,या तू ये सोचता है की तेरी जगह कोई और ले सकता है …मैं अगर यंहा हु तो सिर्फ तेरे और माँ की वजह से वरना कब की मर गई होती ,कैसे देखते है मुझे ये हवेली के लोग ,कोई मारने की बात करता है तो कोई कलंक कहता है,यंहा मुझे कोई भी पसंद नही करता बलवीर लेकिन एक तू ही है जो मुझे सच्चे मन से अपना मानता है…”
मोंगरा के कहने से बलवीर भी भावुक हो गया था,वो जोरो से उसे अपने गले से लगा लेता है ..
“तुझे कोई और देखे ना दिल जल जाता है मेरा पता नही क्या हो जाता है ..”
मोंगरा के आंसुओ से भरे नयना में भी मुस्कुराहट झलक गई…
“इतना प्रेम है मुझसे ..”
बलवीर सोच में पड़ गया
“प्रेम का तो नही पता लेकिन जो भी है बस ऐसा ही है ..”
मोंगरा ने अपना चहरा ऊपर किया ..
“उसे देखकर अपनी कमर मटकाने या उसे देखकर मुस्कुराने में मुझे मजा नही आता बलवीर ना ही उसे ही मुझे दूसरी औरतो की तरह उसके पैसे चाहिए जो उसके साथ जा के सो जाऊ...लेकिन उसके सहारे मुझे इस कैद से आजाद होना है …”
बलवीर उसकी बात सुनता ही रह गया उसे समझ नही आ रहा था की आखिर वो करना क्या चाहती है ..
“तू करना क्या चाहती है मोंगरा “
मोंगरा के होठो में रहस्यमयी हँसी आ गई ..
“तू बस देखता जा लेकिन कभी अपनी मोंगरा की नियत पर संदेह मत करना ,और कभी मुझसे नाराज नही होना..चाहे कुछ भी हो जाए ..कसम खा मेरे सर की “
मोंगरा ने बलवीर के हाथो को अपने सर पर रख दिया ,बलवीर बस किसी कठपुतली उसे कसम दे बैठा..
बलवीर को इस कसम की कीमत बहुत महंगी चुकानी पड़ी ,लेकिन वो मोंगरा के प्रति उसका प्यार ही था की उसने कभी उफ तक नही किया ……...
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