Adult Kahani समलिंगी कहानियाँ
05-14-2019, 11:31 AM,
#30
RE: Adult Kahani समलिंगी कहानियाँ
मस्त कर गया पार्ट --01

दोस्तों ये कहानी काल्पनिक है भाइयों, आपको पढने के पहले ही वॉर्न कर दूँ कि मेरी इस कहानी में भी बहुत सी ऐसी चीज़ें हैं जो शायद आप में से कुछ को अच्छी ना लगें! ये केवल एंटरटेनमैंट के लिये लिखी गयी हैं! इस में गाँड की भरपूर चटायी के बारे में, पिशाब से खेलने और उसको पीने के बारे में, इन्सेस्ट, गालियाँ, गेज़ और लडकियों के प्रति गन्दी गन्दी इन्सल्ट्स, फ़ोर्स्ड सैक्स, किन्की सैक्स वगैरह जैसी बातें हैं!इसकी रेटिंग कुछ पार्ट्स में एक्स।एक्स.एक्स. होनी चाहिये! इसमें चुदायी की ओवरडोज़ है! कभी कभी लगेगा, कि सिर्फ़ चुदायी ही जीवन है! जिस किसी को ये बातें अच्छी ना लगें वो कॄप्या आगे ना पढें!ये बात उन दिनों कि जब मैं सिर्फ़ 20 साल का हुआ करता था और होटल डिप्लोमा करके देहली में एक कम्प्यूटर कोर्स करने गया था! तब मोबाइल और ई-मेल्स नहीं थे, कम्प्यूटर भी नया नया आया था इसलिये गेज़ को ढूँढने के लिये सिर्फ़ इन्स्टिंक्ट, चाँस, लक और एक्सपीरिएंस ही इस्तेमाल होता था! अब तो मैं आराम से इंटरनेट के ग्रुप्स और चैट्स पर लडकों से मिलता हूँ मगर तब बात अलग थी! अभी मैं कुछ दिन से, इन्फ़ैक्ट डेढ साल से ज़ायैद नाम के एक लडके से चैट करता हूँ! उसने मुझे अपने फ़ेस के अलावा अपने जिस्म की बहुत पिक्स दिखाई हैं और खूब दिल खोल के चैट किया है! वो मुझे लम्बी लम्बी मेल्स लिखता है! लडका अभी शायद 18-19 का ही है, मुझे भी पता है कि वो मिलेगा नहीं! नेट पर अक्सर लोग मिलते हैं और बिछड जाते हैं... इंटरनेट कुम्भ के मेले की तरह है, जिसमें खो जाना आसान है!

इन्फ़ैक्ट, मैं जितने लोगों से नेट पर चैट करता हूँ उसमें से मिलते कम और बिछडते ज़्यादा हैं, मगर फ़िर भी आदत सी बन गयी है! जब तक ज़ायैद जैसे लडके, चाहे कुछ देर को ही सही, दिल बहलाते रहेंगे, मैं बहलता रहूँगा! मेरे ऑफ़िस में भी इसका चलन है! सभी साइड में एक विन्डो खोल कर चैट करते रहते हैं! वैसे आजकल मेरे ऑफ़िस में एक नया एग्ज़िक्यूटिव आया हुआ है! देखिये, उसके साथ कुछ हो पाता है या वो भी कुम्भ में खो जायेगा! इन्फ़ैक्ट अभी ये लिखते लिखते भी ज़ायैद से चैट कर रहा हूँ और वो चिकना सा सैक्सी एग्ज़िक्यूटिव भी मेरे आसपास ही अपना काम कर रहा है! अभी कुछ देर पहले, वो अपनी ड्रॉअर में कुछ ढूँढने के लिये बहुत देर तक झुका हुआ था! उसकी मज़बूत गाँड फ़ैल के मेरी नज़रों के सामने थी! उसकी थाईज़, पैंट के अंदर से टाइट होकर दिख रही थी!!! काश मैं उनको सहला पाता, उनको छू पाता या उनको किस कर पाता!

मेरी इस कहानी में भी बहुत सी ऐसी चीज़ें हैं जो कुछ लोगों को बुरी लग सकती हैं! इसलिये मैं पहले ही बता दूँ कि ये कहानी भी मेरी और कहानियों की तरह केवल एंटरटेन्मैंट के लिये लिखी गयी है! इस में पता नहीं कितना सच है और कितना झूठ! बहुत सी ऐसी चीज़ों का विवरण है, जो मैने ना कभी की हैं और शायद ना कभी करूँगा... बस फ़ैंटेसीज़ हैं, या लोगों से सुना है, देखा है... इसलिये उनके बारे में लिखा है!
वैसे ऐसा कुछ भी नहीं है जो चुदायी शास्त्र में नहीं होता है! हम मे से बहुत लोग शायद मेरी कहानी के कैरेक्टर्स की तरह बहुत सी चीज़ें कर भी चुके होंगे! इसलिये भाइयों, इस कहानी को थोडा नमक मिर्च के साथ पढियेगा तो मज़ा आयेगा!

ये सब टाइप करने के कारण 'मेरा' वैसे भी कुछ खडा है और मैं चुपचाप अपनी ज़िप पर हाथ रख कर हल्के हल्के अपना लँड भी सहला लेता हूँ! कुछ देर पहले वो मेरी तरफ़ मुडा था और मुझे देख कर मुस्कुराया था! उसकी स्माइल बहुत ही सुंदर है! लगता है सारी की सारी गदरायी नमकीन जवानी जैसे पिघल कर होंठों पर आ गयी हो! उसकी उम्र 21 से ज़्यादा नहीं हुई होगी! वो हमारे यहाँ अपनी पहली जॉब ही कर रहा है और अभी दो महीने ही हुए हैं! पहले दिन ही उसकी जवानी मेरी नज़र में बस गई थी! मगर ये कहानी यहाँ शुरु नहीं होती है!

चलिये, आपको करीब 15 साल पहले ले चलता हूँ जब ये कहानी शुरु हो रही थी! मेरे कम्प्यूटर कोर्स के दिन थे! मैं जिस ढाबे पर खाना खाता था, वहाँ एक चिकना सा बिहारी लडका, असद, रोटियाँ बनाता था! उस ढाबे पर जाने का कारण ही था कि मैं उसकी जवानी आराम से निहार सकूँ! मैं ऐसी टेबल पर बैठता, जिससे मुझे वो तंदूर पर झुकता हुआ साफ़ दिखे और मैं उसकी निक्‍कर में लिपटी गदरायी गाँड और नँगी सुडौल माँसल जाँघों को देख सकूँ!

वो उम्र में मुझसे कुछ साल छोटा था मगर उसकी जवानी बडी उमँग से भरी थी! साले की पतली कमर चिकनी और गोरी थी, उसके बाज़ू कटावदार थे, रँग गोरा था, चूतड गोल और रसीले थे और आगे ज़िप के अंदर लौडा जैसे उफ़नता रहता था! वो चिकना और देसी था, मासूम सा मर्द, मुस्कुरा के रोटियाँ देता, मगर ढाबे की भीड में मैं बस उसको देख कर उसके नाम की मुठ ही मार सकता था! कभी रोटियाँ पैक करवाने के बहाने उसके पास कुछ देर खडा होकर उसको पास से देखता और वैसे ही मैने उससे काफ़ी दोस्ती कर ली!

उसका ढाबा मेरे रूम से एक घर आगे था, वो ग्राउँड पर था और मेरा रूम फ़र्स्ट फ़्लोर पर! अक्सर वो बालकॉनी से भी दिखता था! रात में वो वहीं ढाबे पर सोता! उसके साथ पाँच और लडके रहते थे! एक दिन ठँड में बारिश हो गयी तो एरीआ सूनसान हो गया! उस दिन 7 बजे ही आधी रात का सन्‍नाटा था! मैं जब उसके ढाबे पर गया तो वो और लडकों के साथ छुपा हुआ कम्बल ओढ कर टी.वी. देख रहा था! मैने भी दो पेग लगा रखे थे! वो हाथ मलता हुआ आया और तंदूर खोल कर रोटियाँ डालने लगा! दूसरे लडके ने मेरा खाना लगाया! उस दिन जब तीन रोटियाँ हो गयी तो मैने असद को अपने पास बिठा लिया! ठँड के मारे असद का सुंदर सा चेहरा गुलाबी हो गया था, उसके होंठ मुझसे बातें करने में थिरक रहे थे, वो एक पुरानी सी जैकेट पहने था!
'आज टी.वी. का प्रोग्राम है?' मैने पूछा!
'नहीं, ये साले आज कहीं से अध्‍धा ले आये थे...'
'तुम भी पीते हो क्या?'
'नहीं, मगर आज इन्होने पिला दी...'

मैं खुश हो गया! वो मुझे अचानक और ज़्यादा सैक्सी लगने लगा!
'तो क्या अब फ़िर प्रोग्राम चलेगा?'
'कहाँ... सब खत्म हो गयी... एक एक ही पेग बन पाया...'
'तो आज मेरे रूम पर आ जाओ, मेरे पास और भी है...'
'सच?'
'हाँ'
'मगर मैं कैसे आपके रूम पर आ सकता हूँ?'
'क्यों? इसमें क्या है, मैं चलता हूँ... तुम आ जाओ... इनको मत बताना, क्योंकि सबके लिये नहीं होगी...'

मैने उसको अकेले बुलाने का बहाना किया जो कामयाब रहा!
'नहीं नहीं... सबको थोडी पिलाऊँगा भैया...'
'तो आ जाओ'
'कुछ जुगाड करता हूँ...'
उसके साथ अकेले बैठ के दारू पीने की सोच के ही मेरा लौडा ठनक के खडा हो गया! उस दिन उसके चेहरे पर कसक, कामुकता और कसमसाहट थी! शायद मौसम ही इतना सैक्सी था, जिस वजह से उसकी जवानी हिचकोले खा रही थी! उसकी आँखों में एक पेग का नशा और एक कसक भरी प्यास थी जो शायद वैसे मौसम और माहौल में कोई भी गे या स्ट्रेट लडका महसूस कर सकता था और वैसे माहौल में चूत का बडा से बडा रसिया इतना कामातुर हो चुका होता कि वो गाँड मारने से भी परहेज़ नहीं करता!

मैं वहाँ पेमेंट करके उससे आँखों ही आँखों में इशारा करके बडी कामुकता से अपने रूम पहुँचा और वहाँ पहुँच के सिर्फ़ अपने बेक़ाबू लँड को ही सहलाता रहा! मेरे अंदर बेसब्री थी, पता नहीं साला कुछ करने देगा कि नहीं मगर फ़िर भी ये तो था कि मैं कम से कम उसकी जवानी को अकेले सामने बिठा के निहार तो सकता था! मैने जब चुपचाप खिडकी से नीचे झाँका तो वो नहीं दिखा मगर तभी मेरे दरवाज़े पर नॉक हुआ! मैने धडकते हुये दिल से दरवाज़ा खोला! वो अपनी उसी जैकेट और नीचे ट्रैक के ब्लूइश ग्रे लोअर में खडा था! ठँड के मारे उसकी हालत खराब थी!
'भैयाजी, बडी ठँड है... बहनचोद गाँड फ़ट गयी...'
'हाँ, ठँड तो बहुत है...'
मैने अपने लँड को छुपाने के लिये अपने लोअर के नीचे अँडरवीअर पहन ली थी!
'आओ, वोडका से गर्मी आ जायेगी...'
मैं बेड पर टेक लगा के आधा लेट के बैठ गया और वो बगल पर पडी कुर्सी पर बैठ गया, जहाँ मैने जानबूझ के कुछ अश्लील किताबें रख दी थी! मैने जल्दी जल्दी दो पेग बनाये और एक उसको दे दिया! साले ने गटागट अपना ग्लास खाली कर दिया!
Reply


Messages In This Thread
RE: Adult Kahani समलिंगी कहानियाँ - by sexstories - 05-14-2019, 11:31 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,455,421 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,238 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,213,558 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 917,613 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,626,418 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,059,141 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,914,057 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,935,047 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,984,708 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,529 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)