Adult Kahani समलिंगी कहानियाँ
05-14-2019, 11:32 AM,
#40
RE: Adult Kahani समलिंगी कहानियाँ
फ़िर जब मुझे पिशाब लगा तो देखा कि अभी तो 11 ही बजे थे! मैं मूतने के बाद नीचे भैया लोगों के कमरे की तरफ़ बढ गया! ना जाने क्यों मुझे वहाँ बैठे जवान मर्दों को देखने का दिल कर रहा था! कमरा अन-लॉक्ड था! मैने हल्के से दरवाज़ा खोला तो पाया कि उनका एक दोस्त बेड पर पलट के सो चुका था! राशिद भैया अपनी लुँगी मोड के बैठे थे और विक्रान्त भैया सिर्फ़ निक्‍कर में अपने घुटने मोड कर दीवार से टेक लगा के बैठे थे! बाकी दोनो दोस्त शायद जा चुके थे! दोनो भारी नशे में धुत्त थे! मैं अभी कुछ बोल ही पाता कि विक्रान्त भैया बोले!
"लो, अम्बर आ गया... इसके साथ चला जा, जा..."
"जी भैया, कहाँ जाना है?"
"अरे, इस गाँडू को मूतने जाना है... साला कब से बैठा है, नशे के कारण चल नहीं पा रहा है..." मैं राशिद भैया को मुतवाने के ख्याल से ही सिहर गया! नशा तो मुझे भी था, जिस कारण मेरा सन्कोच भी कम हो चुका था!
"क्यों भाई, इसको ले जा पायेगा?" जब राशिद भैया खडे हुए तो मैने उनका हाथ अपने कंधे पर रखवा लिया! वो पूरी तरह नशे में चूर थे! उनको कुछ भी होश नहीं था! वैसे विक्रान्त भैया की हालत भी खासी अच्छी नहीं थी! मैने जब सहारा देने के बहाने अपना एक हाथ राशिद भैया की कमर में लगाया तो उनका मज़बूत जिस्म छूकर मैं मस्त हो गया! उनका गदराया जिस्म मज़बूत और गर्म था! और जहाँ मेरा हाथ था, उसके ठीक नीचे उनकी गाँड की गोल फ़ाँकें शुरु हो रहीं थी! मैने बहाने से उनको भी हल्के से छुआ! हम बाहर निकले तो देखा कि कॉरीडोर में दूर.. सिर्फ़ एक बल्ब जल रहा था, बाकी सब अँधेरा था! वो पूरी तरह मेरे ऊपर अपना वज़न डाल कर चल रहे थे!

हम जब बाथरूम पहुँचे तो वहाँ भी कोने में दो बल्ब टिमटिमा रहे थे! इन्फ़ैक्ट जिस तरफ़ खडे होकर मूतने के कमोड थे, उधर तो अँधेरा सा ही था! मगर फ़िर भी रोशनी थी! मैने भैया को वहाँ खडा किया और जब हटने लगा तो वो गिरने लगे और मैं खडा रह गया! मेरा दिल तेज़ी से धडक रहा था! उनके जिस्म की गर्मी मुझे मदहोश कर रही थी!
"पिशाब कर लीजिये भैया..." मैने कहा तो वो नशे में अपनी लुँगी मे लडखडाये!
"सम्भाल के भैया..."
"हाँ... उँहू... हाँ..." उन्होने मेरी तरफ़ देख के मेरे मुह के बहुत पास अपना मुह रख कर कहा तो मैं शराब में डूबी उनकी साँसें सूंघ के और मस्त हो गया!

फ़िर उन्होने मेरे सामने ही अपनी लुँगी उठायी तो मेरी नज़र वहीं जम गयी! उन्होने हाथ से अपना लँड सामने करके थामा तो मैं उनके मुर्झाये हुये लँड का भी साइज़ देख कर मस्त हो गया! उनका सुपाडा गोल और चिकना था, और लँड भी सुंदर और लम्बा लग रहा था! बिल्कुल अपने बाप के साइज़ का हथौडा पाया था उन्होने भी! वो लँड थामे खडे रहे मगर मूता नहीं और इस बीच उनके लँड का साइज़ बढने लगा! अब उसमें थोडी जान आने लगी! मैं सिर्फ़ उनके लँड को ही देखता रहा जिसके कारण मैं खुद भी दहक के ठरक गया!

"पिशाब करिये ना भैया... " मैने अपना थूक निगलते हुये कहा मगर तभी वो फ़िर लडखडाये और उन्होने अपना लँड छोड कर सामने का पत्थर थाम लिया और आगे झुक गये!
"अरे भैया... सम्भाल के" कहकर मैने उनकी कमर में हाथ डाल लिया!
"मैं मुतवा दूँ क्या?" अब उनकी लुँगी के ऊपर से ही उनका लँड तम्बू की तरह उठता हुआ दिखने लगा!
"हाँ... साला, खडा नहीं हुआ जा रहा है..." मैने इस बार काँपते हाथों से उनकी लुँगी ऊपर उठायी!
"आप.. ज़रा लुँगी पकडिये..." कहकर मैने उनको लुँगी पकडवा दी! तब तक उनका लँड ना जाने कैसे काफ़ी उठ गया था! अब उसमें गर्मी आ गयी थी! वो लम्बा और मोटा दोनो हो चुका था! उनका सुपाडा भी फ़ूल गया था! उसके नीचे उनके बडे काले आँडूए थिरक रहे थे! उनकी झाँटें बडी और घुँघराली थी! मैं नशे में तो था ही, इतना कुछ होने के बाद मैने भी अपना हाथ नीचे किया और ना आव देखा ना ताव, सीधा उनका लँड अपने हाथ में जब थाम लिया, पर थामा तो मेरी साँस उनकी गर्मी और मज़बूती से रुक गयी!

बिल्कुल मर्द का लौडा था... जानदार... और कामुकता से विचलित उन्होने इस सब में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी और अपने लँड को मेरी मुठ्‍ठी में समा जाने दिया! मैने अभी उनका लँड एक दो बार ही सहलाया था कि अचानक उनके लँड से मूत की धार निकली और सामने कमोड के ऊपरी हिस्से पर पडी, जिससे पिशाब की एक बौछार मेरे हाथ पर वापस आ गयी! मैने उनके सुपाडे की दिशा नीचे की तरफ़ कर दी जिसमें से निकलते सुनहरे गर्म पिशाब की तेज़ धार आवाज़ के साथ सामने के कमोड पर सुन्दरता से बहने लगी! उसको देख कर मेरी तो हालत ही खराब हो गयी! मेरी गाँड और मुह दोनो ही उनकी जवानी का सेवन करने के लिये कुलबुलाने लगे! मैने उनके लँड पर अपनी मुठ्‍ठी की गिरफ़्त मज़बूत कर दी! अब मुझे उसमें होते हर भाव का अहसास होने लगा था! उन्होने अभी भी सामने का पत्थर पकडा हुआ था और दूसरे हाथ से अपनी लुँगी! उनका चेहरा नशे के कारण बिल्कुल भावहीन था! आँखें बस हल्की हल्की खुली थी! होंठ भीगे हुये थे और सर धँगल रहा था मगर बस उनका लँड शायद जगा हुआ और पूरे होश में था!

जब उन्होने मूत लिया तो उनका लँड छोडने का मेरा मन ही नहीं किया और शायद ना उनका! मैं हल्के हल्के उनका लँड मसल के दबाने लगा और मैने अपना सर उनकी बाज़ू पर रख लिया!
"चलिये भैया..." जब मैने कहा तो उनकी तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई!
"क्या हुआ भैया, नशा हो गया है क्या?" उन्होने फ़िर भी कुछ नहीं कहा!
"लाईये, आपकी लुँगी सही कर दूँ..." कह कर मैने उनकी लुँगी और ऊपर उठा दी और पाया कि उनका लँड पूरा सामने हवा में उठके हिल रहा था! अब मुझसे ना रहा गया!
"इधर आईये..." मैने उनको सहारा दे कर सामने के नहाने वाले क्यूबिकल में ले गया और वहाँ उनके सामने बैठ कर मैने उनके लँड को अपने चेहरे से टकरा जाने दिया तो मेरी तो जान ही निकल गयी! फ़िर मैने प्यार से जब उनके सुपाडे को मुह में लिया तो उनका लँड उछला और मैने उनके सुपाडे पर ज़बान फ़ेरी मगर मैं और मज़ा लेना चाहता ही था कि दूर से विक्रान्त भैया की आवाज़ आयी!
"अबे, कहाँ रह गये दोनो... सो गये क्या?" मैने हडबडी में राशिद भैया को सहारा दे कर वापस रूम की तरफ़ का रुख कर लिया! फ़िर वहाँ उनको छोड कर वापस फ़ुर्ती के साथ काशिफ़ को रगड के उसके साथ सो गया! वो रात मेरे लिये बडी लाभदायक साबित हुई!
अगली सुबह, मुझे क्लास के लिये जाना था इसलिये मैं उन दोनो को सोता छोड के वहाँ से निकल लिया! मगर उनके साथ बिताये वो प्यार के लम्हे रास्ते भर याद करता रहा! विक्रान्त भैया उठ गये थे! उन्होने कहा कि वो दोपहर में उनको अपने साथ मेरे रूम तक ले आयेंगे!

उस दिन मैं आकाश की जवानी देख कर मस्ती लेता रहा! वो व्हाइट पैंट में जानलेवा लगता था! उसके अंदर एक चँचल सा कामुक लडकपन था और साथ में देसी गदरायी जवानी जो उसे बडा मस्त बनाती थी! मैं तो रात-दिन बस नये नये लडकों के साथ चुदायी चाहता था मगर ऐसा शायद प्रैक्टिकली मुमकिन नहीं था! फ़िर मेरे टच में एक स्कूली लौंडों का ग्रुप आया, वो मेरे रूम के आसपास ही रहते थे! उनमें से दीपयान उणियाल, जो एक पहाडी लडका था, उसके साथ राजेश उर्फ़ राजू रहा करता था और एक और लडका दीपक उर्फ़ दीपू था, जिसके बाप की एक सिगरेट की दुकान थी जहाँ से मैं सिगरेट लिया करता था! अपनी उम्र से ज़्यादा लम्बा और चौडा, दीपू, अक्सर वहाँ मिलता था जिसके कारण मेरी दोस्ती दीपयान और राजू से भी हो गयी थी!

तीनों पास के गवर्न्मेंट स्कूल में पढने वाले, अव्वल दर्जे के हरामी और चँचल लडके थे, जिनको फ़ँसाना मेरे लिये मुश्किल नहीं था! बशर्ते वो इस लाइन में इंट्रेस्टेड हों! तीनों अक्सर अपनी स्कूल की टाइट नेवी ब्लू घिसी हुई पैंट्स में ही मिलते! मैं उनके उस हल्के कपडे की पैंट के अंदर दबी उनकी कसमसाती चँचल जवानियों को निहारता!

दीपयान गोरा था, लम्बा और मस्क्युलर! राजू साँवला था, ज़्यादा लम्बा नहीं था मगर उसके चेहरे पर नमक और आँखों में हरामी सी ठरक थी! जबकि दीपू स्लिम और लम्बा था, उसकी कमर पतली, गाँड गोल, होंठ और आँखें सुंदर और कामुक थी! अब मैं असद और विशम्भर के अलावा अक्सर इन तीनों को भी मिल लेता था! तीनों मेरे अच्छे, फ़्रैंडली सम्भाव से इम्प्रेस्ड होकर मेरी तरफ़ खिंचे हुये थे और उधर आकाश मेरे ऊपर अपनी जवानी की छुरियाँ चला रहा था! अब तो मुझे कॉलेज के और भी लडके पसन्द आने लगे थे! उन सब के साथ उस रात काशिफ़ का मिलना और राशिद भैया के साथ वो हल्का सा प्रेम प्रसँग मुझे उबाल रहा था!

मौसम अभी भी काफ़ी सर्द था, जिस कारण मुझे लडकों के बदन की गर्मी की और ज़्यादा चाहत थी! उस दिन मैं और आकाश बैठे बातें करने में लगे हुये थे! हमारे साथ कुणाल भी था! आकाश उस दिन अपने क्रिकेट के लोअर और जर्सी में था! बैठे बैठे जब उसने कहा कि उसको पास की मार्केट से किट का कुछ सामान लेने जाना है तो हम दोनो भी उसके साथ जाने को तैयार हो गये! और फ़िर उस दिन उस भीड-भाड वाली बस में जो हुआ उससे मैं और आकाश बहुत ज़्यादा फ़्रैंक हो गये! बस में हम साथ साथ खडे थे और बहुत ज़्यादा भीड थी! मैं खडा खडा आकाश का चेहरा निहार रहा था और उसकी वो गोरी मस्क्युलर बाज़ू भी, जिससे उसने बस का पोल पकडा हुआ था! उसके चेहरे पर एक प्यास सी थी! उसकी आँखों में कामुकता का नशा था, वो कभी मुझे देखता कभी इधर उधर देखने लगता!
Reply


Messages In This Thread
RE: Adult Kahani समलिंगी कहानियाँ - by sexstories - 05-14-2019, 11:32 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,455,120 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,193 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,213,410 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 917,522 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,626,271 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,059,003 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,913,791 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,934,216 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,984,308 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,501 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)