RE: Adult Kahani समलिंगी कहानियाँ
मस्त कर गया पार्ट --18 लास्ट
मैं जब बनारस से वापस आया तो लगातार आकाश के कॉन्टैक्ट में रहने लगा! वो इस बीच एक बार देहली भी आया, उस रात का हमने पूरा फ़ायदा उठाया और इस दौरान वो मुझसे फ़िर थ्रीसम या फ़ोरसम की रिक्वेस्ट करता रहा! ऑफ़िस में मैने आशित पर पूरा ध्यान केन्द्रित किया हुआ था! उसके जिस्म का एक एक अँग ताड लिया था! उसकी झाँट और गाँड का एक एक बाल तक ऊपर से ही जैसे गिन सा लिया था! उसकी गाँड के सुराख की एक एक चुन्नट देख ली थी और लँड की लम्बाई नाप ली थी! उसके साथ ही लंच करता, उसके साथ ही चाय के लिये जाता! मैं और वो शाम में बैठ कर अपनी अपनी चैट करते! फ़िर एक दिन के लिये ऑफ़िस से जयपुर जाना पडा!
"यार, जब जा ही रहे हैं तो एक दिन घूम के भी आयेंगे..."
"आप रहेंगे तो ठीक है..." उसने कहा!
"चलो, तब मैं अपना और तुम्हारा दो दिन का ट्रिप रखता हूँ... जिसको जल्दी आना है, आ जायेगा..."
"हाँ, मैं आपके साथ हूँ..."
सुबह से लेकर करीब चार बजे तक तो हम जयपुर की मीटिंग में बिज़ी रहे! शाम में ऑफ़िस वालों ने साइट सीईंग का इन्तज़ाम किया और रात के १० बजे हम होटल की बार मैं बैठ गये!
"बहुत थक गये यार..." उसने बीअर पीते हुये कहा!
"हाँ यार..." मैं अब आने वाले समय के लिये एक्साइटेड था... क्या कुछ हो पायेगा या नहीं? मैने उसकी हर बात में इशारे ढूँढ रहा था, मगर कुछ मिल नहीं रहा था!
उसकी दारू की कैपेसिटी अच्छी थी! पहले दो बॉटल बीअर फ़िर तीन व्हिस्की! उसके बाद उसने खींच के चिकन खाया!
'चलो बढिया है... जवान लौंडों को ज़्यादा ताक़त चाहिये होती है... सब उनके आँडूओं में वीर्य बनकर स्टोर हो जाती है, जिससे वो अपना वंश चलाते हैं... और मुझ जैसों का भी भला हो जाता है...' मैने सोचा!
हम रूम पर गये तो वो सोया नहीं... बस अपने बेड पर बैठ गया और शूज़ उतार दिये! उसके सॉक्स से दिन भर के पसीने की बदबू आ रही थी, जो मुझे किसी परफ़्यूम की खुश्बू से कम नहीं लग रही थी! उसकी काली टाइट पैंट बडी सैक्सी लग रही थी! वो नशे में चूर था! देखते देखते उसने पीछे टेक लगायी और वैसे ही बैठे बैठे सो गया... मेरे सारे सपने तोड के...
मैने रूम की लाइट्स ऑफ़ करके नाइट लाइट्स ऑन कर दी और कुछ देर टी.वी. देखते देखते मेरी भी आँख लगने लगी! कुछ देर में रूम में आहट हुई! "अम्बर भाई... अम्बर भाई..." जब उसने पुकारा तो मैने सोचा, देखूँ ये क्या करता है!
फ़िर बाथरूम का दरवाज़ा खुला! उसने दरवाज़ा बन्द नहीं किया! कुछ देर शायद उसके कपडे बदलने की आवाज़ आयी उसके बाद सन्नाटा... मगर फ़िर लगा जैसे वो उल्टी कर रहा था! मैने उसको पुकारा तो उसने जवाब नहीं दिया! अब मैं उठा और मैने बाथरूम का दरवाज़ा खोला तो पाया वो कमोड पर झुका उल्टी कर रहा था... मैने देखा वो उस समय बिल्कुल पूरा का पूरा नँगा था! मैने सोचा वापस आ जाऊँ, मगर उसका नँगा जिस्म ऐसा था कि बस... मैं उसकी पीठ सहलाने लगा और नशे के कारण उसने इस बात का ध्यान नहीं दिया कि उसने अपने कपडे नहीं पहन रखे थे! उसका साँवला सा जिस्म गठीला और मस्क्युलर था! गाँड भरी भरी थी और मज़बूत मसल्स वाली जाँघें और बाकी का बदन... कपडों से पता नहीं चलता था मगर नँगा दिखने में काफ़ी गठीला था... और बाल नहीं थे! बस गाँड की दरार में छेद के पास कुछ बाल दिखे! उसका मुरझाया हुआ लँड सुंदर था और उसके नीचे गोल गोल आँडूए थे! मैने उसकी पीठ सहलाते हुये भी मौका देख कर उसकी गाँड को अच्छी तरह से झुक के देखा और कमर भी सहला दी!
अब तक मेरा लँड खडा हो गया था! फ़िर मैने उसको कुल्ली करवाई! उसने सहारे के लिये एक हाथ मेरे कंधे पर रख लिया था!
"लो, मुह धो लो..." कहकर मैने खुद ही हाथ में पानी लेकर उसका मुह धुलाया तो उसका चेहरा छूकर मस्ती आ गयी! मैने अपनी उँगलियों से उसके होंठ सहलाये!
"पिशाब करोगे क्या?" मैने उससे पूछा!
"हुँ? हाँ..."
मैने उसको कमोड के पास खडा किया और एक हाथ कमर में डाल कर दूसरे से उसका लँड थाम लिया! फ़िर मुझे ठरक लग गयी! तो मैने एक दो बार उसका लँड मसल भी दिया!
"नहीं हो रहा है..." उसने कहा तो मैं उसको वापस रूम में ले आया!
"चलो लेट जाओ..." मैने उसको बेड में लिटा दिया और उसका नँगा जिस्म देखा, फ़िर खुद भी उसके बगल में लेट कर कम्बल ओढ लिया! कुछ देर तो मैने कुछ भी नहीं किया, बस वहाँ लेट कर उसका रिएक्शन देखता रहा! मैने एक हाथ सीधा उसके सर के ऊपर से बेड के दूसरी तरफ़ सीधा किया हुआ था! मेरा दिल तेज़ी से धडक रहा था, साँसें बहक बहक के चल रही थी! उसके बगल में लेटा तो मुझे उसके जिस्म की खुश्बू आयी! उसकी गर्म साँसें सूंघने को मिलीं और उसके बदन की गर्मी महसूस हुई! ये सब ही इतना मादक, मनमोहक और दिलकश था कि मेरे लँड में हलचल हुई और वो खडा होने लगा!
फ़िर वो हिला! उसने अपना मुह मेरी छाती की साइड में घुसाते हुए मेरी तरफ़ करवट ले ली और अपना एक हाथ मेरे पेट के पार डाल दिया! उसका एक पैर भी मेरे पैर पर हल्का टच हो गया! अब मुझे उसके बदन का दबाव भी महसूस होने लगा! उसका मुह ऑल्मोस्ट मेरी बाज़ू के पास था, जहाँ से शायद वो मेरा पसीना सूँघ रहा था... कुछ देर में मुझे लगा कि उसने जो हाथ मेरे ऊपर डाला हुआ था वो सिर्फ़ डाला हुआ नहीं था बल्कि उसकी हथेली में दबाव भी था! उसकी उँगलियाँ कभी कभी हल्के से मूव कर रही थी और उसका पैर भी जो मेरे पैर पर था, धीरे धीरे कुछ और चढ गया था और उसमें भी कुछ कुछ मूवमेंट था, हल्की सी रगड थी! मेरा जो हाथ सीधा था, वैसे रखे रखे दुखने लगा! मैने उसको मोड लिया तो मेरी हथेली भी उसकी पीठ पर पहुँच गयी! करीब पन्द्रह मिनिट गुज़र गये! फ़िर उसका हाथ मेरे पेट पर हिला और उसने मेरी छाती को सहलाया! मैं लेटा रहा मगर जब उसकी हथेली और उँगलियाँ मेरी चूचियों को रगड देने लगीं तो मेरी भी उत्तेजना बढी... और लँड भी पूरा ताव में आ गया!
फ़िर वो सिमट के थोडा मेरे और करीब आया और उसने अपनी जाँघ, मेरी जाँघ पर चढा के अपना घुटना मेरे लँड पर रख दिया! उसने मेरे खडे लँड को महसूस किया और अपना मुह मेरी बगल में डाल दिया, जहाँ मुझे अब उसके होंठ महसूस हुये, और गर्म गर्म साँसें महसूस हुई! मैं जानता था कि वो अब जगा हुआ है... नशे में है, मगर जगा हुआ है और शायद कॉन्फ़िडेंस बटोर रहा है... इसलिये मैं हिला नहीं, उसी को सब करने दिया! मैं हिल कर उसको डराना नहीं चाहता था! मैं चाहता था कि वो खुद ही बात आगे बढाये! उसने अपना हाथ मेरी छाती से फ़िर नीचे करना शुरु किया! कुछ देर उसने फ़िर मेरा पेट सहलाया! उसकी उँगलियों ने मेरी नाभि को सहलाया और उसके बाद वो और नीचे हुआ और मेरी ट्रैक पैंट की इलास्टिक पर आया! उसने अपनी चढी हुई जाँघ को थोडा खींचा ताकि मेरा लँड उसके घुटने के नीचे से फ़्री हो जाये! फ़िर उसका हाथ गायब हो गया! कुछ पलों के बाद मुझे पता चला कि उसने अपना हाथ अपने घुटने पर रख लिया था और इस बार उसने वहाँ से ऊपर मेरे लँड की तरफ़ अपनी उँगलियाँ धीरे धीरे बढाई! अपनी जाँघ पर उसकी रेंगती उँगलियों के अहसास से मेरा लौडा उछल गया जिसका शायद उसको भी अहसास हुआ! उसकी उँगलियाँ मेरे आँडूओं के पास आईं और फ़िर मुझे अपने लँड पर उँगली की हल्की हल्की गर्मी महसूस हुई! उसने एकदम से लौडा थामा नहीं बल्कि पहले सिर्फ़ उँगलियों से सहलाया! फ़िर जैसे वो मेरे लँड को पुचकारने लगा! उसकी उँगलियाँ मेरे सुपाडे के पास से होकर आँडूओं तक जातीं! कभी वो मेरी कमर को भी अपनी हथेली से महसूस करता!
अब वैसे तो कुछ छिपा हुआ नहीं था मगर मैं सिर्फ़ उस समय का मज़ा लेने के लिये चुप रहा! उसने अपनी उँगलियों को मेरे लँड पर कस लिया... शायद वो मेरे लँड को नाप रहा था! मुझे उसकी साँसों में एक एक सिसकारी सी सुनाई दी! फ़िर मैने अपना हाथ, जो उसकी पीठ पर था, नीचे उसकी कमर तक रगड दिया... बिल्कुल उसकी फ़ाँकों की चढाई तक! उसका जिस्म मस्क्युलर और चिकना था और मेरे बगल में इतनी देर लेटने के बाद गर्म भी हो गया था! मेरे ऐसे करते ही उसने अपना सर मेरी छाती पर रख लिया और अपने हाथ से मेरा बदन सहलाता रहा! वो मुझे रह रह कर कस कर पकड लेता था और अपना सर मेरी छाती पर घुसा लेता था! फ़िर मैने करवट ली और उसको ज़ोर से अपनी बाहों में जकड लिया! मैने अपनी एक जाँघ उसकी जाँघों के बीच घुसा दी, अपना लँड उसके पेट पर घुसेड दिया और उसको पकड लिया तो उसने अपना मुह मेरी गर्दन के आसपास घुसा लिया और मेरा लँड थाम के दबाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से मेरी कमर सहलाने लगा! उसकी साँसें मेरी गर्दन पर थी!
उसने अब मेरी ट्रैक नीचे खिसकाना शुरु कर दिया और खिसका के मेरी कमर सहलाने लगा! मेरा लँड अभी भी अंदर था, बस झाँटों का क्लीन शेव्ड एरीआ बाहर हुआ, जिसे उसने सहलाया! वो कुछ नीचे हुआ, मेरी गर्दन से अब वो छाती तक आया, उसने मेरे सीने को अपने होंठों से रगडा, मेरी चूचियों को एक एक करके अपने होंठों से चूसा, अपने हाथ से मेरी छाती को मसला! हाथ से चूचियों को दबा के उनको मुह में भर के चूसने लगा! पहले एक फ़िर दूसरी... मैने उसका सर पकडा हुआ था और उसके बालों को सहलाता रहा, फ़िर उसने मेरी ट्रैक का लोअर उतार दिया और सीधा मेरे पैरों के पास बैठ गया! मैने थोडा उचक के उसको देखा और अपनी टाँगें फ़ैलायी तो एक पैर उससे टकराया! फ़िर वो झुका और झुक के उसने अपना सर मेरे एक पैर पर रख दिया, वो मेरे पैर से लिपटने लगा, कभी अपने गालों और कभी अपने होंठों को मेरे पैर पर रगडने लगा! उसने फ़िर मेरे पैर की उँगलियों पर अपने होंठ रखे! फ़िर उसने मेरे पैर के अंगूठे को अपने मुह में ले लिया तो मैने मस्ती में आकर अपना दूसरा पैर भी उसके सर पर रख के उससे उसको दबाने लगा! लौंडे के शौक़ अच्छे थे!
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