RE: non veg kahani नंदोई के साथ
तब तक भी मुझे किसी खतरे का आभास नहीं हुआ था। मगर बेडरूम के दरवाजे पर पहुँचते ही मुझे चक्कर आ गया। अंदर दो आदमी बेड पर बैठे हुए थे। उनके बदन पर सिर्फ शार्टस था। ऊपर से वे निर्वस्त्र थे। उनकी हाथों में शराब के ग्लास थे। और सामने ट्रे में कुछ स्नैक्स और एक आधी बोतल रखी हुई थी।
अचानक पास में नजर गई। पास में टीवी पर कोई ब्लू-फिल्म की सी.डी. चल रही थी। मेरा दिमाग ठनका मैंने वहाँ से भाग जाने में ही अपनी भलाई समझी। वापस जाने के लिए जैसे ही मुड़ी मैं सीधी राज की छाती से। टकरा गई।
जानू इतनी जल्दी भी क्या है। कुछ देर हमारी महफिल में भी तो बैठो। दीदी तो कुछ देर बाद आ जाएगी। तब तक हमसे मिल लो...” कहकर उसने मुझे जोर से धक्का दिया। मैं उन लोगों के बीच जा गिरी। उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।
मैं हालत की नाजुकता को समझकर घबरा गई। मेरा बदन डर से काँपने लगा। मैं वहाँ से उठने की कोशिश की तो उन लोगों ने मुझे जकड़ लिया।
मुझे छोड़ दो मेरी कुछ ही दिनों में शादी होने वाली है। जीजाजी आप तो मुझे बचा लो मैं आपके साले की होने वाली बीवी हूँ...” मैंने उनके सामने हाथ जोड़कर मिन्नतें की।
भाई मैं भी तो देखू तू मेरे साले को संतुष्ट कर पाएगी या नहीं..." उन्होंने एक भद्दी सी गाली दी और कहादोस्तों बड़ी रसीली चीज है। मैं कब से फेंक रहा हूँ इसके लटके झटको को देखते हुए। मगर साली है की हाथ ही नहीं धरने दे रही है। इसके मुम्मे बड़े मुलायम हैं। मजा आ जाएगा। मैंने उन्हें खूब मसला है...”
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