RE: non veg kahani नंदोई के साथ
मेरी हालत बड़ी बुरी हो रही थी। एक पीछे से ठोंक रहा था। राज सामने से मेरे मुँह में अपने लिंग को ठोंक रहा था और तीसरा नीचे झूलते मेरे स्तनों को अपने हाथों से बुरी तरह मसल रहा था। मैं तो बस इनके खल्लास होने का इंतेजार कर रही थी।
कुछ देर तक जोर-जोर से धक्के मरने के बाद जो मुझे पीछे से मेरी योनि में ठोंक रहा था भी मेरे ऊपर ढेर हो । गया। उसके बदन के वजन से मेरे शरीर को आगे की ओर झटका लगा। राज का लिंग जो मेरे मुँह में आगे-पीछे हो रहा था इस झटके से गले में फंस गया। मैं साँस लेने को छटपटा उठी। उसका लिंग शायद इस हमले के लिए तैयार नहीं था और उसके लिंग से तेज फुहार सीधे मेरे गले से होते हुए पेट में जाने लगी। मैं उसके लिंग को अपने मुँह से निकालने के लिए सिर को झटके देने लगी लेकिन उसने मेरे रेशमी बलों को सख्ती से थाम रखा था इसलिए मैं अपने सिर को हिला भी नहीं पा रही थी।
उसके लिंग से पूरा वीर्य निकल जाने के बाद ही उसने मुझे छोड़ा। मैं भी बिस्तर पर निढाल होकर गिर पड़ी। हम चारों वहीं बिस्तर पर एक दूसरे के ऊपर लेटे लेटे हाँफ रहे थे। चारों पशीने से नहाए हुए थे। मेरा बदन बुरी तरह दुख रहा था। एक तो पहली चुदाई थी ऊपर से गैंगरेप... उन तीनों ने मेरे बदन को तोड़ कर रख दिया था। मेरा। मुँह सूख रहा था और गले से आवाज नहीं निकल रही थी। प्यास के मारे मैं बार-बार अपने मुँह को खोलती और अपनी जीभ सूखे होंठों पर फेरती।
मेरी ये हालत देखकर तीसरा आदमी उठा और एक ग्लास में कोल्ड ड्रिंक लेकर आया। मैंने एक झटके में आधा ग्लास पी लिया। मुँह से गुजरते ही पता चला की उसमें कुछ मिला हुआ है। मैंने खाँसते खाँसते काफी सारा बिस्तर के पास उलट दिया मगर काफी कुछ पेट में चला गया था। तीनों मेरी इस हालत पर हँस रहे थे। मैं उठी और दौड़ते हुए बाथरूम में पहुँची। मैंने अपने चेहरे पर पानी मारा और बाथरूम से निकलकर अपने कपड़े ढूँढ़ने लगी।
लेकिन तभी मुझे पीछे से अपनी बाहों में पकड़कर वो आदमी वापस बिस्तर पर ले आया- “अरे इतनी जल्दी भी क्या है अभी तो पूरी रात पड़ी है। आज तो सारी रात खेलेंगे तेरे साथ...” उसने मुझे खींचकर वापस बिस्तर पर ले आया।
चोदो मुझे... राज जी अब तो मुझे छोड़ दो। वापस नहीं गई तो घर वाले ढूँढ़ने पहुँच जाएंगे। प्लीस आपने जो चाहा किया। अब तो छोड़ दो.” मैं राज से मिन्नतें करने लगी।
फोन कर दे घर में की तू सुबह आएगी। तेरी ननद ने तुझे रोक लिया। अभी तो सारी रात मजे लेंगे...” राज ने। मुझे फोन का रिसीवर देते हुए कहा- “मेरे साले को अब तुमसे सुहगरात को कोई शिकायत नहीं रहेगी। तुझे ऐसी ट्रेनिंग देंगे हम लोग की सुहगरात में मेरे साले के पशीने चुदवाकर ही मानेगी। हाहाहा...”
वैसे तो मैंने पहले ही रात भर का प्रोग्राम बना रखा था और दीदी ने मम्मी से पर्मिशन भी ले रखी थी। मैंने तो उनकी चंगुल से बचने के लिए ही घर वापस जाने का बहाना बनाया था। लेकिन अब उसी बहाने की खातिर ही मैंने घर का नंबर डायल किया। राज ने मुझे किसी फूल की तरह उठाकर अपनी गोद में बिठा लिया। मैं मम्मी को कहने लगी की दीदी ने मुझे रात को यहीं रुकने के लिए कहा है इसलिए मैं सुबह तक ही आ पाऊँगी। इस दौरान राज मेरे बदन को चूम रहा था और मेरे स्तनों को सहला रहा था। कुछ देर सुस्ता लेने के कारण अब । उसका लिंग वापस खड़ा होने लगा।
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