RE: non veg kahani नंदोई के साथ
मैंने जल्दी से फोन को वापस रख दिया। ज्यादा देर बात करने पर हो सकता है मेरी मम्मी को मेरी हालत का आभास होने लगता। या अगर मम्मी दीदी से बात करने के लिए कहती तो मेरी झूठ पकड़ी जाती।
तीनों वापस अपने-अपने ग्लास में शराब भरकर पीने लगे। तीनों वहीं बिस्तर पर बैठे हुए थे और मुझे एक खींचकर अपनी गोद में बिठाता और कुछ देर तक मेरे बदन को मसलता, मेरे स्तनों को, मेरे निपल्स को अपनी मुट्ठी में भरकर दबाता और अपने होंठों से मेरे होंठों को और मेरे चेहरे को चूमता। इस दौरान उसका लिंग मेरे नितंबों के नीचे या मेरी योनि के द्वार पर ठोंकर मारता रहता। कुछ देर बाद दूसरा मुझे उसकी गोद से खींच लेता। मुझे किसी खिलोने की तरह एक गोद से दूसरे की गोद में धकेलते रहे।
तीनों को नशा काफी चढ़ गया था। तीनों गंदी गंदी गलियां दे रहे थे। तीनों ने वापस मुझे उठाया और इस बार राज नीचे लेट गया। बाकी दोनों मुझे उठाकर राज के लिंग पर बैठाने लगे।
ठहरो... ठहरो। मुझे कुछ देर तो सुस्ता लेने दो। मेरा एक-एक अंग दुख रहा है। प्लीस अभी नहीं..." मगर मेरी मिन्नतों का अब तक कोई असर जब किसी पर नहीं हुआ था तो अब कैसे होता। मैं उनसे छूटने के लिए हाथों
और पैरों के बल आगे बढ़ी तो वो भी मेरे नितंबों से चिपके हुआ आगे बढ़ गये। उन दोनों ने मेरी कमर को सख्ती से अपने बाजुओं में थाम लिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके मुझे राज के लिंग पर बैठा दिया। राज का लिंग सरसरा...ता हुआ मेरी योनि में फँस गया।
मैं इतनी जल्दी वापस उनको झेलने के लिए तैयार नहीं थी। पूरा बदन दर्द से सिहर उठा। पहले से ही दुखती। योनि में वापस जलन शुरू हो गई। मेरे मुँह स ना चाहते हुए भी एक “अयाया” निकल ही गई। मैंने अपने हाथ राज के सीने पर रख दिए जिससे की अपने बदन को एकदम से राज के लिंग पर बैठने से रोक सकें। जब पूरा लिंग अंदर चला गया तो मैं कुछ देर तक यूँ ही बैठी रही। फिर धीरे-धीरे मैं अपनी कमर को उसके मोटे लिंग पर ऊपर-नीचे करने लगी।
अब बाकी दोनों अपने-अपने सिकुड़े हुए लिंग लाकर मेरे चेहरे पर फेरने लगे। मुझे उनकी हरकतों से घिन आ रही थी। मगर मैं अपने चेहरे को उनके बीच से हटा नहीं पा रही थी। राज मेरे कूदते हुए । मुम्मों को सहला रहा था। बाकी दोनों मेरे दोनों गाल अपने टपकते हुए लिंग से सहला सहलाकर गीला कर दिए थे।
दोनों में से एक वापस अपना ग्लास भर लाया। एक तो मुझे ही पिलाने पर उतर आया मगर मैंने काफी ना। नुकुर किया तो राजजी ने मेरी ओर से उन्हें मना कर दिए। तीनों नशे में एकदम झूम रहे थे। उनका अपने ऊपर से कंट्रोल हटता जा रहा था। एक ने मेरे बालों को अपनी मुट्ठी में पकड़कर जबरदस्ती अपने लिंग को मेरे मुँह में डालने लगा। मैं इसके लिए तैयार नहीं हो रही थी मगर वो मानने वाला नहीं था। मगर नशे की अधिकता के कारण अब वो अपने लिंग को मेरे मुँह में डाल नहीं पा रहा था। उसकी जोर जबरदस्ती से मैं जैसे ही मुँह खोलती वो झोंक में पीछे की ओर गिर जाता। दो तीन बार इस तरहकरने के बाद वो जो गिरा तो फिर नहीं उठा और उसके खर्राटों की आवाज से कमरा गूंजने लगा।
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