RE: non veg kahani नंदोई के साथ
पता नहीं कब तक मैं दुनियां से बेखबर उन तीनों दरिंदों के बीच बिल्कुल नंगी सोती रही। अचानक बदन पर किसी रेंगते हुए हाथ ने मुझे नींद से उठा दिया। मैंने देखा की कोई मेरे एक स्तन को अपने मुँह में लेकर चूस रहा है।
कौन है... छोड़ो... छोड़ो... प्लीस्स... रात भर बहुत सताया है तुम लोगों ने। बुरी तरह मसलकर रख दिया मुझे अब और नहीं। चोदो मुझे...” कहकर मैंने अपने स्तनों को चूसते सिर को धक्का दिया तो वो उठा और अपना चेहरा उठाया। मेरे सामने अपने पीले पीले दांतो को निकलकर हँसता हुया चौकीदार खड़ा था।
तू.. तुम.. भाग जा यहाँ से नहीं तो मैं शोर मचा कर इनको उठा दूंगी."
अच्छा साली ये सारे तेरे मर्द हैं ना जिनसे तू अब तक उछल-उछलकर चुदवा रही थी। साली मुझसे नखरे करती है। जब इन लोगों ने तुझे इतनी बार रगड़ा तो एक बार मेरे चोदने से तेरा कुछ घिस नहीं जाएगा..” उसने मुझे बाहों से पकड़कर एक जोर से झटका दिया। मुझे लगा मानो मेरी बाँह टूट कर शरीर से अलग ही हो जाएगी। इससे पहले की वो इसी हरकत को दोहराए मैं कराहती हुई उठ खड़ी हुई।
उसने एक झटके में मुझे अपनी गोद में उठाया और वहाँ से बाहर ड्राईंग रूम में ले आया। मैं अपने हाथ पैर पटक रही थी। उसके बदन से पशीने की बू आ रही थी, उसने मुझे कार्पेट के ऊपर लिटा दिया। मैं उसकी पकड़ से भागना चाहती थी मगर वो काफी ताकतवर था। मुझे लगातार विरोध करता देखकर उसने खींच खींचकर दो झापड़ मेरे गालों पर दिए। उसके हाथों में इतना जोर था की मुझे अपना सिर घूमता हुआ लगा। मैं कुछ देर के लिए संज्ञा-शून्य हो गई। मेरे दोनों गाल सूज गये होंगे। मैंने अपने बदन को ढीला छोड़ देने में ही अपनी भलाई समझी।
मैं चुपचाप बिना किसी हरकत के कार्पेट पर पड़ी रही। वो किसी भूखे जानवर की तरह कूद कर मेरी जांघों के ऊपर बैठ गया और मेरे दोनों हाथों को अपने एक हाथ से पकड़कर सिर के ऊपर की तरफ लेजाकर सख्ती से दबा दिया। अब मैं किसी तरह का विरोध भी नहीं कर सकती थी बस अपने सिर को ही एक ओर से दूसरी ओर हिला सकती थी। मैं उसके सामने निर्वस्त्र लेटी हुई थी वो मेरे बदन पर बैठा हुआ मेरे नाजुक बदन को निहारने लगा।
साली बड़ी कटीली चीज है। खूब मजा लिया होगा साहिब लोग ने... अब मेरी बारी है...” उसने वापस अपने तंबाकू से पीले पड़े दाँत निकालकर हँसते हुए कहा। वो झुक कर मेरे एक स्तन को अपने एक मुट्ठी में भरकर मसला। मेरे स्तनों का तो पहले से ही बुरा हाल हो रहा था। दोनों स्तनों पर नीले नीले निशान उनके साथ हुई ज्यादतियों की कहानी कह रहे थे। दोनों स्तनों पर ना जाने कितने दाँतों के निशान भी चमक रहे थे।
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