RE: non veg kahani नंदोई के साथ
आआआहह... इन्हें मत दबाओ... बहुत दर्द हो रहा है..” मैंने उसके सामने गिड़गिड़ा कर रहम की गुजारिश की।
वो अपनी जीभ निकलकर मेरे दोनों स्तनों को चाटने लगा। उसके मुँह से एक अजीब सी बदबू निकल रही थी। वो मेरे दोनों स्तनों को चाट-चाटकर गीला कर दिया। उसके लगातार चाटने से मेरे निपल भी खड़े होने लगे। मैं कोशिश कर रही थी की मेरे बदन में किसी तरह की उत्तेजना का संचार ना हो मगर मेरा बदन मेरे दिमाग का । आदेश नहीं मन रहा था, दोनों निपल्स फूलकर एकदम कड़े हो गये थे। उसकी थूक से दोनों निपल्स गीले होकर चमक रहे थे।
मैं उसकी हरकतों से गर्म होने लगी थी। धीरे-धीरे मेरे बदन में सिहरन सी दौड़ने लगी। जब भी वो अपने जीभ की नोक से मेरे निपल्स को छेड़ता तो मुझे लगता मेरे बदन में एक बिजली सी दौड़ने लगी। कुछ देर में जब । उसने देखा की मेरी ओर से किसी तरह का विरोध अब नहीं है तो उसने मेरे हाथों से अपनी पकड़ ढीली कर दी
और उन्हें छोड़कर अब अपना सारा ध्यान मेरे स्तनों पर लगा दिया। जब वो अपनी जीभ एक स्तन पर फेरता तब दूसरे स्तन के निपल को अपनी उंगलियों से छेड़ता रहता। काफी देर तक स्तनों से खेलने के बाद उसने नीचे झुक कर मेरी नाभि में अपनी जीभ घुसा दी और उसको अपनी जीभ से कुरेदने लगा। मैं अब काफी उत्तेजित ही गई थी और अपनी दोनों जांघों को एक दूसरे से रगड़ रही थी।
फिर वो मेरे बदन पर से उठा और मेरे दोनों टांगों के बीच बैठ गया, उसने मेरी दोनों टाँगें फैला दी। मेरी योनि खुलकर उसके सामने आ गई। वो मेरी कमर के नीचे अपने दोनों हाथ लगाकर मेरी कमर को ऊपर अपने चेहरे तक उठा लिया और आगे बढ़कर मेरी योनि के द्वार पर अपनी नाक लगाकर जोर-जोर से सांसें लेने लगा।
वाअह्ह... क्या खुश्बू है. इन हरामजादों के इतना मसलने के बाद भी मेरे फूल की खुश्बू में कोई कमी नहीं आई। है...” उसकी इन हरकतों से मेरे बदन से पानी की धार बह निकली।
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