Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
05-18-2019, 01:11 PM,
#62
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
18
लगभग दो घंटों में नम्रता चाची, ऋतू मौसी और दीदी भी मीनू और मेरे जैसे चोली और लहंगे में सज- धज कर हमें लेने आयीं। 
मीनू और मेरे धड़कनें अपने आप तेज़ हो गयीं। हम दोनों के चेहरे हो उठे। 
समारोह की व्यवस्था तरणताल के घर में की थी। 
बड़े मामा पूरे निवस्त्र थे सिर्फ एक दुल्हे की पगड़ी के सिवाय। उनकी तरह ही सुरेश चाचा भी नग्न थे लेकिन सर पर पगड़ी थी। 
मीनू और मैंने हॉल में सब तरफ देखा। संजू भी निवस्त्र था। उसके पास वस्त्रविहीन विशाल बालों से भरे शरीर के मालिक गंगा बाबा थे। उनके अगले सोफे पर 
नग्न मनोहर नानाजी बैठे थे। मनोहर नानू उस समय शायद छियासठ साल के थे। नानू लम्बे चौड़े मर्द हैं. वो भी सुरेश चाचा की तरह मोटे थे। उनकी तोंद 
चाचू से भी बड़ी थी पर बालों से भरा पहलवानो जैसा शरीर बहुत ही आकर्षक और शक्तिशाली लग रहा था। उनके बाद के सोफे पर राज मौसा बैठे थे। राज 
मौसा उस समय पच्चीस साल के थे और उनका बलवान हृष्ट-पुष्ट बड़ी बड़ी मांसपेशियों से भरा लम्बा शरीर उनके अत्यंत सुंदर चेहरे की तरह हर स्त्री के हृदय 
की धड़कन बढ़ाने में सक्षम था। जब राज मौसाजी ऋतू मौसे के पास खड़े होते हैं तो कोइ भी देख कर कह सकता है कि दोनों एक दुसरे के लिए ही बने हैं 
चाहे समाज कुछ भी कहे. 

इसीलिए दोनों शहर में एक जगह ही काम करते हैं और एक घर में ही रहते हैं। दोनों का शादी का कोइ भी इरादा नहीं था। 
मनोहर नाना और राज मौसा के विकराल लंड बड़े मामा उनकी बलशाली भारी जांघों के बीच में मोटे महा-अजगर की तरह विराजमान थे। 
नम्रता चाची ने छोटी सी घोषणा की ,"डैडी, राज भैया, गंगा बाबा, संजू बेटा। हम सब आज अपनी दो बेटियों के कौमार्यभंग के उस्तव के लिए यहाँ हैं। 
आज उनका विवाह उसी लंड के मालिक से होगा जिसने उनका कौमार्य-भंग किया है। उसके बाद उसी लंड से आज हम सबके आशीर्वाद और उत्साहन के 
अधीन इन दोनों का अधिकारिक कौमार्यभंग एक बार फिर से होगा।" 
नम्रता चाची ने एक गहरी सांस ली और फिर से शुरू हो गयीं, "अब मैं तो पुजारी बन चुकीं हूँ सो ऋतू तुम गंगा बाबा और संजू के लिए सम्पर्ण हो और जमुना 
तुम डैडी और राज के लिए। अब तुम दोनों वस्त्रविहीन हो अपने पुरुषों के लिए समर्पित हो जाओ। " 
"आखिर की घोषणा है कि आज रात के रंडी-समारोह की रंडी मेरी बेटी जैसे छोटी बहन ऋतू है। जमुना और मैं उसके सौभाग्य के लिए ऋतू को हार्दिक बढ़ाई 
देते हैं। " नम्रता चाची के कहे शब्दों का पालन जमुना दीदी और ऋतू मौसे ने लपक कर किया। शीघ्र ही उनके विशाल गदराये गोल सख्त पर मुलायम उरोज़ 
चोली से मुक्त हो गए। 

उनके लहंगे भी कुछ क्षणों में फर्श पर थे। उनकी मांसल गदराई जांघों के बीच में घने घुंघराले बालों से ढके अमूल्य कोष के लिए तो बड़े युद्ध शुरू हो सकते 
थे। उनके लहंगे भी कुछ क्षणों में फर्श पर थे। उनकी मांसल गदराई जांघों के बीच में घने घुंघराले बालों से ढके अमूल्य कोष के लिए तो बड़े युद्ध शुरू हो 
सकते थे। दोनों के रेशम जैसी झांटे उनके रति-रस गीली हो गयीं थी। उनकी योनि के रस की बूंदे उनकी झांटों पर कर रात के असमान में तारों की तरह 
झलक और झिलमिला रहीं थीं। 

ऋतू मौसी अभी संजू और गंगा बाबा के बीच में बैठ ही पायी थीं कि उन दोनों के हाथ उनके अलौकिक जम गये। ऋतू मौसी ने अपने नाजुक कोमल हाथों 
से संजू और गंगा बाबा के धड़कते हुए लंडों को सहलाने लगीं। 

जमुना दीदी को मनोहर नानाजी ने खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया और उनके विशाल चूचियों से खेलने लगे। राज मौसा ने जमुना दीदी के सुंदर कोमल पैरों को सहलाने लगे। 
नम्रता चाची ने मीनू और मुझे हमारे दूल्हों के साथ खड़ा कर दिया। मीनू अपने डैडी के साथ लग कर खड़ी थी और मैंने बड़े मामा के चिपक कर खड़ी हो गयी। 
नम्रता चाची कुछ गोलमोल संस्कृत जैसे श्लोकों को बुदबुदा कर ज़ोर से बोलीं ,"अब कुंवारी कन्या अपने दुल्हे का लंड पकड़ेगी। "

मैंने और मीनू शरमाते हुए अपने नन्हे हाथो से बड़े मामा और सुरेश चाचा के दानवीय तेजी से तंतानते हुए लिंगों को मुश्किल से पकड़ पाईं। 
सोफे से राज मौसा की शैतानी भरी नाटकीय आयी ,"इस शादी के पण्डित जी ने बहुत कपडे पहन रखें हैं। " 
सब लोगों ने तालियां बजा कर समर्थन किया। 

नम्रता चाची ने धीरे धीरे अपनी तंग छोले को खोल कर दूर फैंक दिया। उनके पर्वत जैसे उन्नत और विशाल मादक स्तन उके सीने पे अपने वज़न के 
भर से थोडा बहुत ही आकर्षक नम्रता चाचे के उरोज़। चाची ने हुए अपना लहंगा भी उतर फैंका। उनके भारी गदराई जांघें और फूले चूतड़ों से सब 
पुरुषों के लंड में और भी तनाव आ गया। 
उनकी घनी घुंघराली झांटे उनके योनि रस से पसीजी हुईं थीं। कमरे में मोहक रति रस की सुगंध वातावरण में व्याप्त होने लगी। 
राज मौसा फिर से बोले, " इन पंडित से सेक्सी कोई पंडित इस दुनिया में नहीं है।" सबने फिर से तालियाँ बजा कर उनका समर्थन किया। 
नम्रता चाची ने वापस हमारी 'शादी' के ऊपर अपना लगाया। 
"अब तुम दोनों शादी के शपथें लो। मीनू पहले आप बोलो - 'मैं अपनी चूत अब दिल से अपने कौमार्यभंग लंड को समर्पित करतीं हूँ। डैडी जैसे 
और जब चाहें मेरी छूट मर सकते हैं। " 
Reply


Messages In This Thread
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार - by sexstories - 05-18-2019, 01:11 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,495,802 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 543,798 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,229,535 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 929,966 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,650,638 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,077,935 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,946,579 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,041,224 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,026,156 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,403 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)