RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
रात 11:00 बजे-
इधर घर में रजिया और अनुम परेशान हो रही थीं कि अमन अब तक आया क्यों नहीं? जबकी अमन ने पहले ही फोन करके बता दिया था कि वो लेट हो जायगा। जब अमन घर में दाखिल होता है।
ख़ान साहब-आ गये बेटा, बड़ी लेट हो गई।
अमन-हाँ, आज पहला दिन था तो वक्त का पता ही नहीं चला।
रजिया-खाना लगा दूं अमन?
अमन-“नहीं मैं खाकर आया हूँ…” अमन जहाँ तक हो सके रजिया को अम्मी बोलने से बचता था। इस बात को रजिया ने भी नोटिस किया था।
अनुम अपने रूम में से बाहर आते हुए-“अमन, एक मिनट मेरे रूम में आना। मुझे कुछ काम है…”
और अमन सोफे पे से उठकर अनुम के रूम में चला जाता है।
अनुम-इतनी देर कैसे हो गई, कहाँ थे और किसके साथ थे?
अमन अनुम के गले में बाहें डालते हुए-“उफफ्र्फहो… अनुम कितने बीबीयों वाले सवाल? ये नहीं कि बंदा थका हारा घर आया है, उसे एक कप चाय पिलाई जाए, एक दो पप्पी दी जाए तो मूड ठीक हो जाता है…”
अनुम-“ओहोहो… तो जनाब को पप्पी चाहिए?” और अनुम अमन के पेट में घूँसा मार देती है-“ये लो झप्पे कैसे हैं?”
अमन-अह्म्मह… मेरा पेट।
अनुम घबराते हुए-“क्या हुआ? बताओ मुझे जोर से लगी क्या?
अमन हँसते हुए-“देखो…” और अमन उसे अपने गले से लगाते हुए-“सुनो…”
अनुम उसे देखती है।
अमन-“एक पप्पी दो ना…”
अनुम बिना कुछ कहे अपनी आँखें बंद कर लेती है। जैसे कह रही हो-ले लो।
अमन उसके कानों में-“अभी नहीं…” और उसे छोड़ देता है।
अनुम आँखें खोलते हुए, थोड़ी नर्वस थी क्योंकी उसे अमन के दिल का हाल ठीक तरह से पत्ता नहीं चला था। कभी अमन एकदम प्यार लूटने और प्यार करने वाला नज़र आता था, तो कभी एकदम अंजाना सा। अनुम ने कहा-“मुझे नींद आ रही है। तुम जाओ अब्बू से बातें करो…”
अमन उसके गाल पे गुड नाइट किस करके रूम से बाहर चला जाता है। तभी उसके मोबाइल पे मेसेज आता है। ये मेसेज रेहाना का था। जिसमें लिखा था-“आई लव यू जानू, आई मिस यू सो मच…”
अमन के चेहरे पे मुस्कुराहट आ जाती है, और वो किचिन में चला जाता है। वहाँ रजिया कुछ सफाई कर रही थी अमन पीछे से रजिया को पकड़ लेता है।
रजिया चौंकते हुए-“अह्म्मह… ओह्म्मह… आपने तो मेरी जान ही निकाल दी। छोड़ो मुझे, ख़ान साहब हाल में है।
अमन अपनी पाकेट से दो टैबलेट की स्ट्रिप निकालता है, और रजिया की हाथ में दे देता है।
रजिया-क्या है ये?
अमन उसके कानों में-“ये एक पैकेट नींद की गोलियों का है। इसमें से दो-दो टैबलेट अनुम और ख़ान को दे दो दूध में, वो सुबह तक नहीं उठेंगे। और दूसरा पैकेट तेरे लिये है।
रजिया-मेरे लिये?
अमन रजिया की चूत शलवार के ऊपर से सहलाते हुए-“हाँ… तुझे अभी मेरा बच्चा नहीं चाहिए ना, इसलिये ये प्रेग्गनेन्सी रोकने का है…”
रजिया के जिस्म में सनसनाहट होने लगती है। उसका बेटा उसकी चूत सहलाते हुए उसके लिये ऐसी टैबलेट लाया है।
अमन-रजिया की चूत को दबाते हुए-“जल्दी से ख़ान को गोली दे दे नींद की।
रजिया-“उंह्म्मह… ओह्म्मह… वो अब्बू हैं आपके…”
अमन-“अब्बू होगा अनुम का, मेरे तो लण्ड का दुश्मन है…” और दोनों हँसने लगते हैं।
ख़ान साहब किचिन में आते हुए-“अरे क्या हँसी मज़ाक हो रही है, माँ-बेटे में?”
अमन रजिया को छोड़ देता है।
रजिया हँसते हुए-“ये आपके लाट साहब… पता है क्या कह रहे है?”
ख़ान साहब-क्या?
अमन घबरा जाता है-“नहीं, कुछ भी तो नहीं…”
ख़ान साहब-अब बोलो भी भाई?
रजिया मुस्कुराते हुए-“ये कह रहे है कि अब्बू के आने से घर में कितनी रौनक आ गई है…”
अमन चैन की सांस लेता है।
ख़ान साहब-“मेरा बेटा…” और ख़ान साहब अमन को अपने गले लगा लेते हैं। अमन का चेहरा रजिया की तरफ था और रजिया उसे आँख मार देती है।
अमन वो दवा लाया था, वो रजिया अनुम और ख़ान के दूध के ग्लास में डाल देती है। तकरीबन आधे घंटे बाद दवा अपना काम दिखाना शुरू करती है।
ख़ान साहब रजिया से-“मुझे तो बड़ी नींद आ रही है…” और वो बेड पे लेटते ही खरा़टे मारने लगते हैं।
उधर अनुम भी अपने रूम में घोड़ी बेच के सो रही थी।
अमन अपने रूम में शॉर्ट्स में रजिया का इंतजार कर रहा था।
रजिया पहले अनुम का फिर खुद के बेडरूम का दरवाजा बाहर से बंद कर देती है। उसे पता था आगे क्या होने वाला है? उसे आगे की बातें सोच-सोचकर नशा सा होने लगा था, जैसे उसने कोई नशे की चीज़ खा ली हो। वो अमन के रूम में जाने से पहले अपने सारे कपड़े उतार देती है, और पूरी नंगी हो जाती है। उसकी चूत चमक रही थी, उसपे एक भी बाल नहीं था।
इन 10 दिनों में वो अमन को अपना शौहर दिल से मान चुकी थे। अब ख़ान उसके लिये सिर्फ़ दुनियाँ के लिये शौहर था, जिससे वो प्यार नहीं करती थी। जब वो पूरी नंगी हो गई तो उसके जिस्म के बाल, एक-एक रोंगटा खड़ा हो गया, उसकी चूत में सरसराहट सी होने लगी, उसके गुलाबी निपल एकदम खड़े हो चुके थे। रजिया धीरे से अमन का दरवाजा खोलती है, और अंदर आकर रूम बंद कर लेती है।
सामने अमन बैठा हुआ था। वो रजिया को इस हालत में देखकर खड़ा हो जाता है, और अपनी शॉर्ट्स उतार देता है। रजिया जब उसके लण्ड को एकदम खड़ा हुआ देखती है तो उसके नज़रें झुक जाती हैं। दोनों एक दूसरे के सामने खड़े थे। अमन बेड के पास और रजिया दरवाजे के पास।
अमन धीरे-धीरे रजिया की तरफ बढ़ता है। और रजिया के सामने आकर खड़ा हो जाता है। दोनों अपने पूरे जोश में थे, 10 दिनों की प्यास एक रात में बुझा लेना चाहते थे, दोनों कुछ नहीं बोल रहे थे। अमन रजिया से चिपक जाता है। चिपकने के वजह से अमन का खड़ा लण्ड रजिया की जाँघ में चला जाता है, और रजिया की चुचियाँ अमन की चौड़ी छाती में धँस जाती हैं।
रजिया-“अह्म्मह… जानू…” कहकर रजिया अपने शौहर अमन को अपनी बाँहों में भर लेती है-“जानू उंह्म्मह… आपने मुझे बहुत तरसाया है। उंह्म्मह… मुझे आज रात सब कुछ भुला दो उंह्म्मह…”
अमन रजिया को अपनी बाँहों में समेटते हुए-“हाँन्न मेरी रजिया, आज मैं तुझे ऐसे चोदूंगा कि तू सारी बातें भूल जाएंगी। आज रात हम दोनों तेरे चूत और मेरे लौड़े के पानी में भीग जाएंगे अह्म्मह…”
रजिया-“हाँ हाँ जानू, चोदो कस के चोदो आप, मैं कुछ नहीं कहूंगी उंह्म्मह… सारी रात चोदो मुझे उंह्म्मह…”
अमन रजिया को अपनी गोद में उठा लेता है, और उसे बेड पे बैठा देता है। फिर उसके सामने जाकर खड़ा हो जाता है-“रजिया, अपने शौहर के लौड़े को चूम चाट और गीला कर ताकी तुझे रगड़कर चोदूं मैं…” और अमन रजिया के सिर को पकड़कर अपने लण्ड पे झुका देता है।
रजिया तो पहले से ही बेचैन थी-“हाँ गलप्प्प अगलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प हाँ हाँ हाँ गलप्प्प…” वो तेजी से अमन के लण्ड को चूस रही थी, उसका सलाइवा उसकी चूत पे गिर रहा था-“उंह्म्मह… हाँ जानू, हाँ गलप्प्प अगलप्प्प…”
अमन-“आह्म्मह… रजिया अह्म्मह… अह्म्मह…” कहकर अमन अपनी कमर हिलाने लगता है। जैसे रजिया का मुँह चोद रहा हो-“आह्म्मह… रजिया अह्म्मह…”
रजिया-“गलप्प्प-गलप्प्प जानू, मैं रात भर चुदना चाहती हूँ गलप्प्प… चोदेगे ना मुझे उंह्म्मह…” उसकी चूत में पानी आने लगा था।
अमन-“हाँ चोदूंगा हाँ…” और रजिया के मुँह से अपना लण्ड निकाल लेता है। फिर रजिया को पकड़कर बेड पे उल्टा कर देता है, जिससे रजिया की गाण्ड ऊपर की तरफ आ जाती है, और चूत पीछे की तरफ।
रजिया-“उंह्म्मह…”
अमन कई दिनों से बर्दाश्त कर रहा था, पर अब नहीं। वो रजिया के बाल पकड़कर पीछे से अपना लण्ड उसकी गीली चूत में रगड़ते हुए जोर से धक्का मारता है-“ले…”
रजिया-“अह्म्मह… जानू…” वो इतना जोर से चिल्लाई थी कि अगर ख़ान पे गोलियों का असर नहीं होता तो वो भागकर रूम में आ जाता।
अमन-“चिल्ला मत साली…” और जोर-जोर से रजिया को चोदने लगता है-“अह्म्मह… बहुत तरसाया है तूने मेरे लण्ड को… ले साली अह्म्मह…” अमन इतने जोर से उसको चोद रहा था कि रजिया हर धक्के के साथ बेड में धँसी जा रही थी-“अह्म्मह… अब तरसाएगी मुझे बोल्ल अह्म्मह…”
रजिया-“नहीं, ना जी उंन्ह… जानू नहीं… अम्मी मेरी चूत… अब नहीं तरसाऊँगी मैं… आराम से चोदो ना जी…”
सटासट की आवाज़ से अमन रजिया की चूत पेल रहा था। रजिया एक तरह से घोड़ी बनी हुई थी और अमन पीछे से अपनी पूरी ताकत से उसे चोदे जा रहा था-“अह्म्मह… अह्म्मह… रजिया… तेरी चूत मेरी है… सिर्फ़ मेरी अह्म्मह…”
रजिया-“उंह्म्मह… हाँ…” और रजिया अपना पहला पानी छोड़ने लगती है-“जानू जी अह्म्मह…” वो निढाल हो चुकी थी। 10 मिनट की चुदाई ने उसे पागल कर दिया था।
पर अमन धक्के मारे जा रहा था, जिससे रजिया में और चुदने की ख्वाहिश होने लगी।
रजिया-“सुनिए उंह्म्मह… मेरे ऊपर आइए ना…”
अमन रजिया को चित्त कर देता है, उसके ऊपर आ जाता है, और अपना लण्ड फिर से उसकी चूत में डालकर चोदने लगता है-अह्म्मह… अह्म्मह…”
रजिया-“हाँ मेरे शौहर को अपनी सीने से लगाने तरस रही थी मैं उंह्म्मह… ऐसे ही उंह्म्मह…”
दोनों मानो एक दूसरे को चोद रहे थे, ऊपर से अमन और नीचे से रजिया अपनी गाण्ड उठा-उठाकर उसका साथ दे रही थी। रूम में चुदाई और इन दोनों का शोर था।
रजिया-आपका लौड़ा मेरी चूत के लिये ही है।
अमन-“हाँ मेरी जान तेरी चूत के लिये…”
दोनों पसीना-पसीना हो चुके थे अपने धक्कों के स्पीड बढ़ते हुए अह्म्मह… उंन्ह… दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमते हुए जीभ को चाटते हुए पानी छोड़ने लगते हैं।
रजिया-“उंन्ह… अह्म्मह…”
अमन-“रजिया अह्म्मह…”
दोनों जोर-जोर से हाँफ रहे थे। ये पहली चुदाई तो सिर्फ़ शुरुआत थी आज रात की। दोनों एक दूसरे से चिपके हुए थे और एक दूसरे के अंदर रहना चाहते थे।
अमन रजिया की पेशानी पे चूमते हुए-“रजिया, आज मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ, दिल कर रहा था कि तुझे तेरे ख़ान और अनुम के सामने चोदूं…”
रजिया-“उंन्ह… मेरा भी यही हाल था। और जब आपने मुझे वो गोलियाँ दी, तबसे मेरी चूत पानी छोड़ रही है…”
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