RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
ये अमन की मोहब्बत का ही असर था वो रजिया चुदते हुए झड़ती, फिर दुबारा तैयार हो जाती और अमन उसकी चूत में ही पानी निकालता चला जाता। वो 10:00 बजे तक अपनी चुदाई में बिजी रहते हैं। जब वहाँ अनुम आकर उनके पास बैठ जाती है, तब उन्हें होश आता है कि बहुत देर हो चुकी है।
अनुम अमन को देखते हुए-“अपनी जवान बीवी को भूल मत जाना…”
अमन उसकी चूची मसलते हुए-“तू कोई भूलने की चीज़ है क्या रानी?”
रजिया अपने चूत को सहलाते हुए नहाने बाथरूम में घुस जाती है। और अमन दूसरे बाथरूम में।
सुबह 11:00 बजे-
अमन टीवी देखते हुए नाश्ता कर रहा था। तभी आजतक न्यूज चैनेल पे उसे वो न्यूज दिखाई देती है, वो उसके हाथ से नाश्ते का निवाला गिरा देती है। जिसे सुनकर उसके पैरों के नीचे की ज़मीन खिसक जाती है। और पास में बैठी रजिया जोर से चिल्लाते हुए ज़मीन पे गिर जाती है।
आजतक चैनेल पे न्यूज थी कि सऊदी से आने वाला इंडियन एयरलाइन्स का विमान 9126 क्रेश हो गया है। और उसमें बैठे सभी यात्रियों की मौत हो गई है। ये हादसा तब हुआ जब विमान (प्लेन) लैंडिंग के लिये उतर रहा था कि अचानक प्लेन का लैंडिंग गियर सिस्टम फेल होने से वो सीधा दूसरे खड़े प्लेन से जा टकराया।
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ख़ान साहब और जमाल मलिक की मौत के 3 महीने बाद।
अमन और पूरे ख़ान परिवार के लिये ये वक्त बहुत मुश्किल था। दोनों परिवारों के मर्द दुनियाँ छोड़ चुके थे। सारी जिम्मेदारी अब अमन के कंधों पे थी और उसने ये बहुत अच्छे से निभानी थी।
महक के शौहर पाशा वापस आ चुके थे। पाशा ने अपनी फैक्टरी और शिमला वाला घर अमन को 3 करोण रूपये में बेच दिया। फैक्टरी का मालिक बनने के बाद अमन का सारा वक्त फैक्टरी और उससे जुड़े कामों में ही लगने लगा था। उसने पिछले 3 महीने से किसी को भी नहीं चोदा था। न जाने उसे क्या हो गया था। वो बस अपनी फैक्टरी और वहाँ से घर।
रजिया-समझ सकती थी कि अमन इस वक्त किस दौर से गुजर रहा है। जब किसी बच्चे के सिर से बाप का हाथ उठ जाता है, और उस बच्चे को पूरे परिवार की देख भाल करनी होती है। तब उस शख्स की वो हालत होती है, वही इस वक्त अमन की थी। बाप की मौत के बाद अमन के अंदर के मिचयोरिटी और काबिलियत सामने आई थी। उसे एहसास हुआ था कि घर की क्या-क्या जिम्मेदारियाँ होती हैं। दिन रात खानदान की औरतों को चोदने वाला अमन अब पूरी तरह बदल चुका था। अब उसे सेक्स पे काबू करना आ चुका था। उसके बात करने का अंदाज उसके रहन-सहन के तौर तरीके सब कुछ बदल चुके थे।
महक पाशा के साथ अमेरिका जा चुकी थी और साथ में अमन की निशानी भी साथ ले जा रही थी। उस बर्थ-डे वाली रात जब अमन ने महक और डाक्टर सानिया को चोदा था तो उसका ये असर हुआ था कि दोनों औरतें प्रेगनेंट हो गई थीं। महक बहुत खुश थी। उसकी जिंदगी की सबसे कीमती चीज़ उसे अमन से मिली थी।
वहीं डाक्टर सानिया भी अपने प्रेगनेंट होने से अमन का शुकिया अदा करती नहीं थकती थी। डाक्टर सानिया ने कई बार अमन से संपर्क करने की कोशिश की, पर अमन ने उससे दुबारा जिश्मानी संबंध नहीं बनाया।
अमन एक जानदार पठान था और पठानों की एक बात मशहूर है कि जिंदगी में कुछ ऐसा काम करो पठान कि जिस गली से गुजरो हर बच्चा कहे अब्बाजान, अब्बाजान, अब्बाजान।
रात 8:00 बजे-
जब अमन फैक्टरी से वापस घर आता है, वो सीधा अपने रूम में चला जाता है, और फ्रेश होकर डाइनिंग टेबल पे आकर बैठ जाता है, वहाँ अनुम और रजिया उसका इंतजार कर रही थीं।
अमन खाना खाते हुये-“मैं सोच रहा था कि रेहाना और फ़िज़ा भी हमारे साथ रहेंगे। चाचू के जाने के बाद हमें उनका खयाल रखना पड़ेगा…”
रजिया-“आप सही कह रहे हैं। मैं कल रेहाना और फ़िज़ा को ये बात बता दूँगी…”
अमन खाना खाने लगता है।
अनुम उससे कुछ पूछना चाहती है, पर पूछ नहीं पाती। अमन के खाना खाकर अपने रूम में जाने के बाद अनुम रजिया से पूछती है-“अम्मी चाची और फ़िज़ा यहाँ रहेंगी तो फिर?”
रजिया उसकी बात समझ चुकी थी। वो अनुम को धीरे से बताती है कि रेहाना और फ़िज़ा अमन से चुद चुकी हैं, कई बार। ये सुनकर पहले अनुम को धक्का सा लगता है। पर रजिया उसे समझा देती है। और उसे समझ में भी आ जाती है बात कि अमन इस खानदान का मर्द है। उसका हम सभी औरतों पे पूरा-पूरा हक है।
अनुम-“तो क्या अमन खाला को भी चोद चुका है?”
रजिया-“मुझे नहीं पता? चल आज अमन से पूछते है…”
अनुम-तो क्या आज?
रजिया-हाँ।
उन दोनों की चूची ऊपर नीचे होने लगती है। आज पूरे 3 महीने हो गये हैं, अमन ने रजिया और अनुम को नहीं चोदा। एक प्यासी चूत कब तक खुद पे काबू रख सकती है?
वही हाल अमन का भी था। उसे भी शिद्दत से रजिया और अनुम चाहिए थी। पर वो खुद से बोलने से कतरा रहा था। कुछ देर बाद रजिया और अनुम अमन के रूम में दाखिल होती हैं। जब रजिया और अनुम दोनों अमन के रूम में दाखिल हुए तो अमन अपने बेड पे लेटा हुआ लैपटाप पे कुछ काम कर रहा था। वो दोनों को एकसाथ देखकर लैपटाप बंद करके साइड में रख देता है।
रजिया-अमन क्या कर रहे हो?
अमन-“कुछ खास नहीं बस थोड़ा ओफिस वर्क…”
अनुम अमन के बगल में बैठ जाती है। और रजिया दूसरी तरफ।
अमन खामोश था पर साँसें तीनों की तेज थीं।
रजिया-“अमन, मैं जानती हूँ कि वो हमारे साथ हुआ वो बहुत बुरा हुआ। मैं पिछले तीन महीने से देख रही हूँ कि तुम फैक्टरी जाते हो और फिर अपने रूम में बंद हो जाते हो। तुम अपने अब्बू का सपना पूरा करना चाहते हो पर एक सबसे बड़ी जिम्मेदारी वो तुम नहीं पूरी कर रहे हो उसके बारे में भी थोड़ा सोचो ना…”
अमन-वो क्या?
रजिया अमन का हाथ अपने पेट पे लगा देती है-“इसका… ये तुम्हारा खून, वो मेरी कोख में पल रहा है। इसे तुम्हारे प्यार की ज़रूरत है। और अनुम ये भी मेरी तरह तुमसे बहुत प्यार करती है। इसे तुमसे बे-इंतेहा प्यार चाहिए। अब तुम इस घर के मर्द हो और हमारे भी। अपनी दोनों बीवियों को प्यार करो ना… हम तुम्हारे प्यार के बिना जी नहीं पाएंगे अमन…” और अनुम और रजिया अमन के सीने पे सर रख देती हैं।
अमन उन दोनों का चेहरा अपने करीब करता है-“तुम सही कह रही हो रजिया। मैं सबसे अहम जिम्मेदारी नहीं निभा रहा था। अपनी दोनों बीवियों का खयाल रखना और अपने आने वाले बच्चे का भी। आज के बाद तुम्हें मैं किसी किश्म की शिकायत का मौका नहीं दूँगा…”
फिर दोनों औरतें अमन के होंठों से चिपक जाती हैं। वो कई महीने के प्यासी थीं और उनकी प्यास अमन अपनी जीभ उनके मुँह में डालकर बुझा रहा था। रजिया अनुम की नाइटी उतारने लगती है, और साथ में खुद भी नंगी हो जाती है।
अनुम अमन के सिर को चूमते हुये नीचे सरकती चली जाती है, और अंडरवेअर के पास पहुँचकर उसे नीचे उतार देती है। अमन का लण्ड थोड़ा टाइट था, बाकी उसे करना था। वो एक अच्छी बीवी की तरह अपने शौहर के लण्ड को अपने होंठों से चूमती है। और फिर उसपे जीभ फिराकर उसे अपने मुँह में भर लेती है-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”
अमन रजिया को इशारे से अपने मुँह पे बैठने को कहता है, तो रजिया अपनी दोनों टाँगें खोलकर अमन के होंठों पे अपनी चूत लगा देती है। अमन अपनी लंबी जीभ को बाहर निकालकर रजिया की सूखी चूत में डालने लगता है-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”
रजिया की चूत कई दिनों के बाद अपने साजन के चूमने से सिहर उठती है, और उसमें चिंगारियाँ जलने लगती हैं-“उंह्म्मह… आह्म्मह… आह्म्मह… उंह्म्मह…”
अमन के दाँत रजिया की क्लटोरिस को कुरेदने लगते हैं, जिससे रजिया की चूत की फांकें पूरी तरह खुल सी जाती हैं। अमन बुरी तरह से रजिया की चूत चाट रहा था, क्योंकी उसके लण्ड को अनुम अपने गले तक उतार के चूस रही थी-अह्म्मह… आराम से कर अनुम अह्म्मह…”
अनुम-“नहीं, मुझे आज मत रोको ना जी… गलप्प्प-गलप्प्प उंन्ह… प्यासी है आपकी बीवी… गलप्प्प उंन्ह… पीने दो ना अपना पानी गलप्प्प…”
अमन-“मुझे पेशाब करके आने दे अह्म्मह…”
अनुम-“मेरे मुँह में करो अह्म्मह… मुझे पीना है…”
अनुम की ये बात सुनकर रजिया भी अमन के मुँह से उतरकर अमन के लण्ड के पास आ जाती है, और अमन के मूसल लण्ड को अनुम के मुँह से निकालकर अपने मुँह में भर लेती है-“गलप्प्प-गलप्प्प… अब मूतो जानू गलप्प्प…”
अनुम-“अम्मी मुझे भी पीना है। गलप्प्प-गलप्प्प…”
अमन-“अह्म्मह…” दोनों का सर पकड़कर पेशाब करने लगता है।
रजिया और अनुम बारी-बारी अपने मुँह में लण्ड डाल-डालकर अमन का सारा पेशाब पी जाती हैं-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”
अमन का लण्ड खड़ा था और सामने दो चूतें उसका बेसब्री से इंतजार कर रही थीं।
रजिया अमन से कहती है कि अनुम की चूत में पहले डालो।
वो जानती थी कि अगर अमन झड़ गया तो उसके लण्ड को वो दुबारा खड़ा कर देगी और फिर दूसरी बार अमन जल्दी नहीं झड़ता। अनुभव हमेशा काम आता है।
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