Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
05-19-2019, 01:20 PM,
#72
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
सोफिया उसकी पेशानी पे चपत मारते हुये-“बेवकूफ़ कहीं की… वो भी हमारी तरह इंसान है, कोई भूत नहीं । जो तुझे डर लग रहा है। अब चलती है कि नहीं ?” और सोफिया उसका हाथ पकड़कर उसे जीशान के रूम में ले जाती है। 

जीशान बेड पे उल्टा लेटा हुआ था। तीन तकिये उसके नीचे थे। ये देखकर सोफिया को हँसी आ जाती है। 

जीशान जाग चुका था, पर रात की बात का गुस्सा उसके पूरे जिस्म पे नजर आ रहा था। वो उठकर बेड पे बैठ जाता है और सामने खड़ी लुबना को घुरने लगता है। 

सोफिया-“ये लो जेशु मियाँ, ले आई मैं तुम्हारी मुजरिम को। अब जो सजा देनी हो दो। पर प्लीज़्ज़… जल्द , वरना तुम दोनों के चक्कर में मेरी ईद रह जाएगी…” और ये कहते हुये सोफिया जीशान के रूम से बाहर निकल जाती है। 

लुबना सोफिया को रोकना चाहती थी। पर जीशान को अपनी तरफ बढ़ता देखकर वो सहमकर वहीं रुक सी जाती है। जीशान लुबना के एकदम करीब पहुँचकर उसके बाल अपने हाथ में लेकर उसका चेहरा ऊपर उठाता है। लुबना दर्द के मारे कराहने लगती है, पर वो जानती थी कि वो जितना कमजोर दिखाएगी उतनी जल्द जीशान का गुस्सा कम होगा। 

लुबना-“अह्ह… जीशान भाई, आई एम सॉरी …” 

जीशान अपने दाँत पीसते हुये-“कौन जीशान… मैं तुझे नहीं जानता, तू है कौन? और यहाँ क्या कर रही है? चल जा वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा…” 

लुबना की आँखे किसी भी वक्त छलक सकती थीं। पर वो उसे जप्त किए हुई थी। वो खुद को और मजबूत दिखाना चाहती थी। पर जीशान की आँखों की तपिश उसे कभी रास ना आती थी। वो जब भी उसकी आँखों में देखती, दुनियाँ को भूल जाती-“प्लीज़्ज़… भाई, मुझे माफ कर दो। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई ना प्लीज़्ज़… मुझे एक आखिर बार माफ कर दो…” 

जीशान-“कभी नहीं … जिस तरह तू मुझे नहीं पहचानती, उसी तरह मैं भी तुझे नहीं जानता। अच्छा यही होगा लुबना कि तू यहाँ से चल जा, कोई नहीं लगती तू मेरी , कोई रिश्ता नहीं तेरा मेरा। 

लुबना को ये शब्द तीर की तरह चुभे थे। वो नीचे फर्श पे बैठ जाती है और आँसू उसकी आँखों की दीवार तोड़कर जोरों से बहने लगते हैं। वो कुछ ही पलों में इतनी दुखी हो गई थी कि उसकी साँसें अटकने लगी थीं। जीशान की कही बातों ने उसे अंदर तक हिला दिया था। 

जीशान उसकी आँखों में एक आँसू नहीं देख सकता था। आखिरकार वो उसकी सगी बहन थी, एक माँ के पेट से पैदा हुई, उसकी अपनी बहन। जिसकी जगह उसके दिल में कुछ ऐसी थी जैसे फूल और खुश्बू । वो लुबना को अपने हाथों से पकड़कर उठा लेता है और अपने एक हाथ से उसके आँसू साफ करने लगता है-“बस चुप हो जा माफ किया मैंने तुझे…” 

पर लुबना रोए जा रही थी। 

जीशान-“मैंने कहा ना तुझे, मेरी कसम लुबु रोना बंद कर दे…” 

लुबना के कानों में जब कसम वाले शब्द पहुँचे, तो वो ऐसे रोना बंद हुई जैसे अचानक किसी ने ओन बटन को आफ कर दिया हो, आँसू बहना बंद हो गये थे और चेहरे पे कोई उदासी नहीं थी। जीशान उसके चेहरे को गौर से देखने लगता है और फिर उसे अपनी छाती से लगा लेता है। ये प्यार अब तक भाई बहन के ररश्ते से आगे नहीं बढ़ा था। लुबना अभी तक ये बात खुद को समझाने से नाकाम रही थी कि आखिर क्यूँ वो जीशान को दुनियाँ में सबसे ज्यादा चाहती है? आखिर वो क्यूँ जीशान के करीब किसी को भी देख नहीं पाती? आखिर वो क्या वजह है कि वो जीशान की हर बात को मानती है, बिना सोचे समझे। 

जीशान अपनी बहन से बेपनाह मोहब्बत करता था। उसकी हर छोटी बड़ी ज़रूरतें वो पूरी करता था। एक बार को वो सोफिया या नग़मा को मना कर देता पर लुबना के लिए वो कभी ना नहीं कहता। दोनों भाई बहन के ररश्ते में आई वो छोटी सी खटास भी आँसू ने धो दी । 

जीशान-“मोटी अगर तेरी जगह कोई और होता ना तो कसम से वो आज हॉस्पीटल में होता…” 


लुबना के चेहरे पे आज सुबह की पहले मुश्कान नजर आई थी-“जानती हूँ , मगर एक बात अच्छे से सुन लो, अगर आपने आइींदा ऐसी वैसी कोई हरकत की ना तो सीधा एस॰पी॰ ऑफिस जाऊूँगी और वहाँ फिर मैं खुद लिखवाउन्गी…” ये कहती हुई वो दरवाजे की तरफ लपकती है और जीशान उसे पकड़कर मारने के लिए उसके पीछे भागता है। 

तभी रूम में सोफिया दाखिल होती है-“अरे र … ये क्या हो रहा है भाई? कुछ देर पहले तो एक दूसरे के जान के दुश्मन बने हुये थे और अब फिर से शैतानी…” 

जीशान-“आप बीच में से हट जाओ आपी, मैं इस मोटी को ठीक करता हूँ …” 

लुबना सोफिया के पीठ पीछे छुपकर जीशान को जुबान से चिढ़ाने लगती है-“लगता है आपी ये चूड़ियों वाला अपनी औकात भूल गया है…” लुबना और सोफिया दोनों खिलखिलाकर हँसने लगती हैं। 

और जीशान गुस्से से लुबना के बाल खींचते हुये कहता है-“ये चूड़ियों वाला तुम्हें अपनी औकात के साथ बहुत महँगा पड़ेगा लुबना बेबी…” 

सोफिया-“बस-बस बहुत हुआ, चलो जीशान तुम फ्रेश हो जाओ और जल्द से नीचे नाश्ता करने आ जाओ…” ये कहती हुई वो लुबना को अपने साथ बाहर ले जाती है। 
लुबना खुशी में झूमती हुई आ रही थी और सीधा वो अनुम से टकरा जाती है-“ओह्ह… सारी फुफु…” 

अनुम प्यार भरा हाथ लुबना के सर पे फेरते हुये-“कोई बात नहीं बेटा…” और अपनी बेटी लुबना के मासूम चेहरे को देखते हुये जीशान के रूम की तरफ चल देती है। 

लुबना सर झटकते हुये सोफिया के साथ अपने रूम में घुस जाती है। 

जीशान बाथरूम में नहा रहा था। उसे पता नहीं था कि अनुम उसके रूम में उसके कपड़े प्रेस कर रही है। वो एक छोटी सी तौलिया लपेटे हुये सीधा बाथरूम से बाहर निकलता है और जैसे ही वो सामने अनुम को खड़ी पाता है तो घबरा जाता है और इसी घबराहट में उसकी वो छोटी सी तौलिया उसका साथ छोड़कर नीचे जमीन पे गिर जाती है-“आई एम सारी फुफु…” और वो सीधा किसी तरह वापस बाथरूम में घुस जाता है। पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 

अनुम उन 7 सेकेंड में जीशान का वो खूबसूरत हथियार देख चुकी थी। जो शायद उसे नहीं देखना चाहिए था। वो मुँह पे हाथ रखे वहाँ से अपने रूम में चल जाती है। 

अनुम अपने दिल की तेज धड़कनें संभालने के लिए लेट जाती है और जैसे ही वो आँखें बंद करती है, वही सीन उसकी आँखों के सामने आ जाता है। वो उठकर वापस बेड पे बैठ जाती है। 

नहीं नहीं , ये नहीं होने दूँगी मैं। मैं अम्मी के रास्ते पे नहीं चलूंगी । चाहे कुछ भी हो जाये मैं ये सब दुबारा इस घर में किसी कीमत पे नहीं होने दूँगी । वो खुद से बातें करने लगती है की तभी अमन उसके रूम में आता है। अनुम उससे देखकर खुद को संभालती है-“अरे, आप यहाँ?” 

अमन-“हाँ, वो शीबा पता नहीं कब से बाथरूम में घुसके बैठी है। सोचा चलो तुम्हारे रूम का बाथरूम इश्तेमाल किया जाए…” 

अनुम मुश्कुराते हुई अमन की बाहों में सिमट जाती है-“सिर्फ़ बाथरूम ही क्यों जी…” 

अमन उसे अपनी छाती से कसते हुये-“ह्म्म्म्म… सही कह रही है तू । पहले मेरी जान को इश्तेमाल किया जाए, उसके बाद बाथरूम शेयर किया जाए। क्यों सही कहा ना मैंने?” 

अनुम अमन से चिपकते हुई-“जैसी आपकी मर्ज़ी जान …” शायद रात भर वो अमन के लिए जागी थी इसलिये जिस्म टूट रहा था, शमा पिघलने के लिए बेकरार थी। 
अमन रूम लाक करके वापस मुड़ता है तो सामने अनुम को कपड़े उतारता देखकर दिल ही दिल में खुश हो जाता है। वो टापलेश हो चुकी थी और अमन के कपड़े उतारने के इंतजार में थी। जब अमन कोई हरकत नहीं करता तो वो खुद आगे बढ़कर उसका पैंट नीचे खेंच लेती है और साथ में उसकी अंडरवेयर भी। 

अनुम-“आज सबसे पहले मैं मुँह मीठा करूँगी…” 

अमन-“हाँ अनुम, आज सबसे पहले तू …” और ये कहते हुये अमन अनुम को नीचे बैठा देता है। 

अनुम के हाथ में अमन का लण्ड आते ही उसमें जैसे हलचल सी पैदा होने लगती है। वो उसे पहले चूमती है और फिर अपने शौहर के उस हिस्से को, जिसे वो सबसे ज्यादा चाहती थी। अपने मुँह में लेकर चूसने लगती है-“गलप्प्प गलप्प्प गलप्प्प गलप्प्प…” 

अमन-“अह्ह… ऐसे मत कर अनुम अह्ह…” 

अनुम दोनों हाथों से अमन की कमर पकड़कर लण्ड गले में घुसा लेती है और अपनी आँखो से अमन को देखते हुये लण्ड को और अंदर लेती चल जाती है। उसकी आँखें साफ कह रही थीं अमन से-“कि खबरदार जो मना किया तो… पूरा का पूरा खा जाऊूँगी…” 

अमन उसे अपनी गोद में लेकर बेड पे पटक देता है। उसके पास वक्त कम था और काम ज्यादा। वो अनुम के उठने से पहले अपनी जुबान को उसकी चूत पे लगा देता है, जिससे अनुम वापस बेड पे लेट जाती है। उसकी आँखें हमेशा की तरह बंद हो जाती हैं। पर आज न जाने क्यों फिर से उसे जीशान का वही लण्ड नजर आ रहा था। वो आँखें खोलती है और फिर से बंद कर देती है। इस बार उसे अलग सा नशा चढ़ने लगता है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। 

अनुम-“अह्ह… जान मुँह में डालो ना…” 

अमन उसे अपने ऊपर आने के लिए कहता है और दोनों 69 की पोजीशन में आ जाते हैं। अमन तो अपनी बीवी अनुम की चूत चाट रहा था। पर अनुम क्या सोचकर अमन के लण्ड को मुँह की गहराईयों में उतार रही थी। ये सिर्फ़ अनुम जानती थी। उसका जिस्म झटके खाने लगता है। शायद वो बहुत जोश में आ चुकी थी। वो नीचे उतरकर अमन के लण्ड को हाथ में ले लेती है और उसकी आँखों में देखने लगती है। मुँह से तो कुछ नहीं कह पा रही थी वो पर हाले दिल अमन को बखूबी सुना रही थी। 

अमन उसके साथ पिछले 20 साल से जिंदगी गुजार रहा था। वो जानता था अनुम को कब प्यास लगती है और कब भूख वो अनुम की चूत पे लण्ड घिसने लगता है जिससे अनुम तड़प उठती है। 

अनुम-“अह्ह… घिस मत घुसा दो उम्ह्ह… क्यों सताते हो जी, अपनी जान सी प्यार बीवी को उम्ह्ह…” 

अमन-“क्या करीं अनुम तेरी चूत है ही इतने छोटी की ये अंदर ही नहीं घुसता ना…” 

अनुम-“अह्ह… दो-दो बच्चे निकाल चुके हो इससे, और आप कहते हो छोटी है अह्ह… छोटी है तो बड़ी कर दो ना…” 

अमन मुश्कुराता हुआ अपने लण्ड को उसकी चूत में घुसा देता है। 

अनुम-“अह्ह… जान … मुझसे यहाँ अकेले नहीं सोया जायेगा, मैं कल से अम्मी के साथ सोऊूँगी अह्ह… ओह्ह…” 

अमन-“ठीक है मेरी गुड्डो अह्ह…” 

अनुम के चेहरे पे मुश्कान आ जाती है पर अगले ही पल अमन के झटके से वो कहीं गायब हो जाती है। आज अनुम के दिल की हालत कुछ और थी। आँखें बंद करती तो जीशान नजर आता। आँखें खोलती तो अमन उसपे झुका हुआ सटासट अपना लण्ड चूत में पेलता हुआ। पर इन सब बातों का उसके जिस्म पे ये असर हुआ था कि कई सालों बाद वो जिस सेक्स को कम महसूस करने लगी थी, आज वही जोश, वही जुनून जो आज से ठीक 20 साल पहले अमन से पहल बार उससे चुदते वक्त महसूस हुआ था। वही जज़्बात वो आज महसूस कर रही थी। 

अमन 10 मिनट बाद अपने लण्ड का पानी अनुम की चूत में निकालकर बाथरूम में घुस जाता है। और अनुम अपनी चूत में उंगल डालकर वही पानी होंठों से लगाकर चाटती है। 
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ - by sexstories - 05-19-2019, 01:20 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,530,242 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,691 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,244,604 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 940,838 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,670,817 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,095,615 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,975,932 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,137,793 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,062,702 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,745 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)