RE: Kamvasna मजा पहली होली का, ससुराल में
मैं भूल ही चुकी थी कि जिस रफ्तार से लंड मेरी बुर में अंदर बाहर हो रहा था, उसी तरह मेरी गांड में उंगली अंदर बाहर हो रही थी.
लंड तो रुका हुआ था पर गांड में उंगली अभी भी अंदर बाहर हो रही थी.
एक मीठा मीठा दर्द हो रहा था पर एक नये किस्म का मजा भी मिल रहा था.
उन्होंने कुछ देर बाद फिर चुदायी चालू कर दी. दो तीन बार वो मुझे झड़ने के कगार पे ले जाके रोक देते पर गांड में दोनो उंगली करते रहते, और अब मैं भी गांड उंगली के धक्के के साथ आगे पीछे कर रही थी.
और जब कुछ देर बाद उंगली निकाली तो क्रीम के टयूब का नोजल लगा के पूरी की पूरी ट्यूब मेरी गांड में खाली कर दी. अपने लंड में भी तेल लगा के उसे मेरी गांड के छेद पे लगा दिया और अपने दोनो ताकतवर हाथों से मेरे चूतड पकड, कस के मेरी गांड का छेद फैला दिया. उनका मोटा सुपारा मेरी गांड के दुब्दुबाते छेद से सटा था. और जब तक मैं सम्हलती, उन्होंने मेरी पतली कमर पकड के कस के पूरी ताकत से तीन चार धक्के लगाये.
* उईईईई ....मैं दर्द से बडे जोर से चिल्लायी. मैने अपने होंठ कस के काट लिये पर लग रहा था मैं दर्द से बेहोश हो जाउंगी. बिना रुके उन्होने फिर कस के दो तीन धक्के लगाये
और मैं दर्द से बिलबिलाते हुए फिर चीखने लगी.मैने अपनी गांड सिकोडने की कोशिश की और गांड पटकने लगी पर तब तक उनक सुपाडा पूरी तरह मेरी गांड में घुस चुका था, और गांड के छल्ले ने उसे कस के पकड़ रखा था.मैं खूब अपने चूतड हिला, पटक रही थी पर जल्द ही मैने समझ लिया की वो अब मेरे गांड से निकलने वाला नहीं. और उन्होने भी अब कमर छौड मेरी चूचीयां पकड़ ली थीं और उसे कस कस के मसल रहे थे. दर्द के मारे मेरी हालत खराब थी. पर थोड़ी देर में चूचीयों के दर्द के आगे गांड का दर्द मैं भूल गयी.
अब बिना लंड को और ढकेले, अब वो प्यार से कभी मेरी चूत सहलाते कभी क्लीट छेडते. थोड़ी देर में मस्ती से मेरी हालत खराब हो गयी. अब उन्होने अपनी दो उंगलीयां मेरी चूत में डाल दीं और कस कस के लंड की तरह उससे चोदने लगे.जब मैं झड़ने के कगार पे आ जाती तो वो रुक जाते. मैं तड़प रही थी. मैने उनसे कहा प्लीज मुझे झडने दो तो वो बोले तुम मुझे अपनी ये मस्त गांड मार लेने दो. मैं पागल हो रही थी, मैं बोली हां राजा चहे गांड मार लो पर...वो मुस्करा के बोले जोर से बोल.
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