RE: Kamvasna मजा पहली होली का, ससुराल में
मेरा भाइ मचल गया और मुंह फुला के बोला, और अपने जीजा से बोला, “ देखिये जीजा अगर ये ऐसी बात करेंगे तो...”
उन्होने बोतल से दो बडी घूट लीं और बोतल ननदोयी को लौटा के बोले,
* जीजा ऐसे थोड़े ही पूछते है, अभी कच्चा है, मैं पूछता हूँ...” फिर मेरे भाई के गाल पे प्यार से एक चपत मार के बोले, अरे ये तेरे जीजा के भी जीजा हैं, मजाक तो करेंगे ही
क्या बुरा मानना. फिर होली का मौका है. तू लेकिन साफ साफ बता, तू इत्ता गोरा चिकना है, लौंडियों से भी ज्यादा नमकीन तो मैं ये मान नहीं सकता की तेरे पीछे लड़के ना पड़े हों. तेरे शहर में तो लोग कहते हैं की अभी तक इसी लिये बडी लाइन नहीं बनी की लोग इतने छोटी लाइन के शौकीन है. लोग कहते हैं की वहां बाबी में डिम्पल से ज्यादा लोग ...”
और उन्होने बोतल ननदोयी को दे दी. ना नुकुर कर के उसने बताया की कयी लडके उसके पीछे पड़े तो थे...और कुछ ही दिन पहले वो साइकिल से जब घर आ रहा हा था तो कुछ लडकों ने उसे रोक लिया और जबरन स्कूल के सामने एक बांध है, उसके नीचे गन्ने के खेत में ले गये. उन लोगों ने तो उस की पैंट भी सरका केउसे झुका दिया था
लेकिन बगल से एक टीचर की आवाज सुनायी पड़ी तो वो लोग भागे.
* तो तेरी कोरी है अभी... चल हम लोगों की किस्मत. कोरी मारने का मजा ही और है.” ननदोयी बोले और अबकी बोतल उसके मुंह से लगा दिया. वो लगा छटपटाने. उन्होने उसके मुंह से बोतल हटाते हुए कहा, “ अरे जीजा अभी से क्यों इसको पिला रहे हैं.” ( लेकिन मुझको लग गया था की बोतल हटाने के पहले जिस तरह से उन्होने झटका दिया था, दो चार घूट तो उसके मुंह में चला ही गया ) और खुद पीने लगे.
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