RE: Kamvasna मजा पहली होली का, ससुराल में
मैं सोच रही थी की तो क्या मेरी मां के साथ भी ..कैसे कैसे सोचते हैं ये ...वैसे बात सही भी थी की मेरी मां की चूंचियां और चुतड बहोत मस्त थे और हम सब बहनें बहोत कुछ उन पे गयी थीं. वैसे भी बहोत दिन हो गये होंगे , उनकी बुर को लंड खाये हुए.
क्या मस्त गांड मराता है तू यार मजा गया बहोत दिन हो गये ऐसी मस्त गांड मारे हुए. ८ हल्के हल्के गांड मारते हुए वो बोले.
ननदौयी कभी उसे चूम रहे थे कभी उससे अपना सुपाडा चटवा चुसवा रहे थे. उन्होने पूछा क्या हुआ. जो तुझे इस साल्ले की गांड में ये मजा आ रहा है. वो बोले अरे इसकी गांड जैसे कोयी हाथ से लंड को मुठियाते हुए दबाये वैसे लंड को भींच रही. ये साल्ला नेचुरल गांडू है, और एक झटके में सुपाडे तक लंड बाहर कर के सटासट गपागप उसकी गांड मारना शुरु कर दिया. मैने देखा की जब उनका लंड बाहर आता तो उग्न्के मोटे मुसल पे उसके गांड का मसाला...लेकिन मेरी नज़त सरक के उसके लंड पे जा रही थी. सुंदर सा प्यारा, खडा, कभी मन करता था की सीधे मुंह में ले लें, कभी चूत में लेने का...तभी सुनायी पडा वो बोल रहे थे,
* साले, आज के बाद से कभी मना मत करना गांड मराने के लिए, तुझे तो मैं अब पक्का गंडुआ बना दूंगा और कल होली में तेरी सारी बहनों की गांड मारुंगा चूत तो चोदंगा ही. तुझे तेरी कौन छिनाल बहन पसंद है बोल साले. इस गांड मराने के लिये तुझे अपनी साली इनाम में दूंगा.”
मेरा मन हुआ की इनाम में तो वो उनकी छोटी बहन की मस्त कच्ची चूत की सील तो वो सुबह ही खोल चुका है. वो बोला,
* सबसे छोटी वाली लेकिन अभी वो छोटी है...”
अरे उसकी चिंता तू छोड चोद चोद कर इस होली के मौके पे तो मैं उसकी चूत का भोंसडा बना दूंगा और ...अपनी सारी सालियों को रंडी की तरह चोदुंगा चल तू भी क्या याद करेगा. सारी तेरि बहनों को तूझसे चुदवा के तूझे गांडू के साथ नम्बरी बहन चोद भी बना दूंगा.”
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