RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
डॉली बेबस होकर वहीं लेटी रह गई। लेकिन अब वह मेरे साथ और भी चिपक गई ताकि उसके भाई से उसका फासला हो जाए।
फिर मैंने डॉली को सीधी होते हुए महसूस किया। लेकिन अगले ही लम्हे मुझे अपनी कमर के पास चेतन का हाथ महसूस हुआ। मेरे चेहरे पर मुस्कराहट आ गई.. क्योंकि एक बार फिर से उसका हाथ अपनी बहन की चूचियों पर आ चुका हुआ था।
थोड़ी ही देर में मुझे डॉली की आवाज़ सुनाई दी- भाई… उठो जरा.. यह मैं हूँ.. भाभी नहीं हैं..
फिर मुझे चेतन की बौखलाई सी आवाज़ सुनाई दी- अरे तू यहाँ कैसे आ गई.. और तेरी भाभी कहाँ है?
डॉली आहिस्ता से बोली- भैया वो उधर चली गई हुई हैं।
फिर चेतन की आवाज़ आई- सॉरी डॉली.. मैं समझा था कि अनीता है।
इसके साथ ही चेतन ने दूसरी तरफ करवट ली और दोबारा से सोने लगा। लेकिन मैं जानती थी कि दोनों बहन-भाई को काफ़ी देर तक नींद आने वाली नहीं थी।
मुझे यह भी पता था कि अब कुछ और नहीं होगा.. इसलिए मैंने भी अपनी आँखें मूँदीं और सो गई।
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सुबह जब मेरी आँख खुलीं तो दोनों बहन-भाई पहले ही उठ चुके हुए थे। मैं भी उठ कर बाहर आई और नाश्ता तैयार करने लगी।
जब मैंने नाश्ता टेबल पर लगाया और दोनों बहन-भाई को बुलाया तो मैंने महसूस किया कि वो दोनों एक-दूसरे से नजरें नहीं मिला पा रहे थे।
डॉली के चेहरे पर शर्म की लाली थी.. उसकी नजरें शरम से नीचे झुकी हुई थीं और चेतन भी अपनी नजरें चुरा रहा था और शर्मिंदा सा लग रहा था।
थोड़ी ही देर में वो दोनों घर से चले गए।
चेतन दोपहर में ही घर आ गए, उनके दफ्तर में किसी कारण से छुट्टी हो गई थी..
कुछ देर बातचीत होने के बाद चेतन कमरे में आराम करने चले गए।
मैंने और डॉली ने भी इस गरम दोपहर में एसी में सोने का सोचा और मैं और डॉली बिस्तर पर आकर लेट गई पर मुझे नींद नहीं आने वाली थी तो मैंने चेतन की तरफ देखा, वो आँखें मूंदे लेटे हुए थे।
फिर मैंने डॉली की ओर देखा, उसकी आँखें भी बंद हो गई थीं। मुझे नहीं पता था कि वो सो रही है या जाग रही है लेकिन एक बात पक्का थी कि चेतन अभी तक जाग रहा था।
मैं भी आँख बन्द करके सोने का ड्रामा करने लगी..
तभी मैंने देखा कि चेतन ने अपना हाथ मेरे ऊपर से होता हुआ डॉली की नंगी बाज़ू के ऊपर रख दिया और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी बाज़ू को सहलाने लगा।
मेरी पीठ चेतन की तरफ ही थी.. इसलिए मुझे उसका लंड अकड़ता हुआ महसूस हो रहा था.. जो कि मेरी गाण्ड में चुभ रहा था।
अचानक ही डॉली ने करवट बदली और दूसरी तरफ मुँह करके लेट गई। चेतन ने फ़ौरन ही अपना हाथ पीछे खींच लिया.. लेकिन ज्यादा देर तक चेतन खुद को ना रोक सका।
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