RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
दोपहर को दोनों एक साथ ही वापिस आ गए। खाने की टेबल पर ही मैंने चेतन को कह दिया कि आज हम दोनों को शाम को शॉपिंग के लिए लेकर चलो.. मुझे कुछ रेडीमेड कपड़े ख़रीदने हैं।
चेतन मान गया कि शाम को खरीददारी के लिए निकलते हैं।
तक़रीबन अँधेरा ही हो चुका था जब हम लोग शॉपिंग की लिए निकले। चूंकि अगले दिन रविवार था.. इसलिए कोई फिकर नहीं थी कि रात को देर हो जाएगी या सुबह कॉलेज और ऑफिस जल्दी जाना है।
मैंने और डॉली ने जीन्स ही पहनी थीं और ऊपर से लोंग शर्ट्स पहन ली थीं। जो कि ज्यादा वल्गर या सेक्सी नहीं लग रही थीं। लेकिन मेरी शर्ट का गला हमेशा की तरह ही डीप था.. जिसकी वजह से मेरा क्लीवेज आसानी से नज़र आ रहा था।
डॉली भी आज खूब बन-संवर कर तैयार हुई थी। उसने बहुत ही अच्छा सा परफ्यूम भी लगाया हुआ था और हल्का सा मेकअप भी कर रखा था।
उसके पतले-पतले प्यारे-प्यारे होंठों पर पिंकिश लिप ग्लो लगी हुई थी.. जिसकी वजह से उसके लिप्स बहुत ही सेक्सी लग रहे थे। दिल करता था कि उनको चूम ही लें।
मैंने आज भी डॉली को हम दोनों के दरम्यान में बिल्कुल चेतन के पीछे बैठाया और खुद उसको चेतन की कमर के साथ दबाते हुए उसके पीछे बैठ गई।
डॉली की दोनों खुबसूरत चूचियाँ अपने भाई की कमर के साथ दब रही थीं और आज मुझे पक्का यक़ीन था कि चेतन भी खुद उनको अपनी पीठ से महसूस करना चाह रहा होगा।
यही वजह थी कि वो थोड़ा-थोड़ा अपनी कमर को आगे-पीछे भी कर रहा था।
मैंने अचानक ही हाथ एक साइड से आगे ले जाकर चेतन की जांघ पर रखा और फिर जैसे ही उसकी पैन्ट के ऊपर से उसके लण्ड को छुआ.. तो पता चला कि वो तो पहले से ही खड़ा हो चुका है।
चेतन के लंड के ऊपर हाथ फेरते हुए मैं थोड़ा सा ऊँची आवाज़ में डॉली से बोली- डॉली डार्लिंग.. आज तो तुम बहुत प्यारी लग रही हो और तुम्हारे लिप्स तो बहुत ही सेक्सी लग रही हैं। मेरा तो दिल करता है कि इनको चूम ही लूँ।
मैंने अपनी आवाज़ इतनी तेज रखी थी कि चेतन भी सुन सके और उसके सुनने का अहसास मुझे उसके लण्ड से हुआ.. जिसने मेरे हाथ में एक साथ दो-तीन झटके लिए।
मैं मुस्करा दी और आहिस्ता से अपने होंठ डॉली की गर्दन से थोड़ा नीचे पीठ के ऊपरी हिस्से को चूम लिया।
डॉली कसमसाई- भाभी.. क्या करती हो यार..
मैं उसकी गर्दन के नीचे अपने होंठ आहिस्ता-आहिस्ता चलाते हुए बोली- डार्लिंग तू प्यारी ही इतनी लग रही है आज.. तो मैं क्या करूँ..
वो चुप रही।
मैंने फिर पूछा- तू बता.. तूने क्या क्या लेना है?
वो बोली- कुछ नहीं भाभी..
मैंने आहिस्ता से उसकी चूची को एक साइड से छुआ और बोली- नई ब्रेजियर ही ले लो.. आज तो तेरे भैया भी साथ ही हैं।
डॉली ने पीछे को हौले से अपनी कोहनी मेरी पेट में मारी और बोली- भाभी कुछ तो शरम करो.. भैया भी साथ हैं।
मैं जोर-जोर से हँसने लगी और फिर उसके कान में बोली- उस दिन से भी तो अपने भैया की ही लाई हुई ब्रा पहन रही है ना.. तो उनके साथ आकर लेने में क्या शरम है तुझे?
डॉली चुप रही लेकिन मैंने देखा कि वो मुस्करा रही थी। मुझे यक़ीन था कि मेरी यह नोक-झोंक चेतन ने भी सुन ली होगी और यही मैं चाहती थी कि वो भी मेरी यह बातें सुन कर एन्जॉय करे।
चेतन ने एक बड़े शॉपिंग माल के बाहर बाइक रोकी और हम नीचे उतर आए।
चेतन बाइक पार्क करने गया तो डॉली बोली- भाभी.. यार कुछ तो शरम किया करो न.. भैया अगर सुन लें तो.. क्या सोचेंगे?
मैंने दिल ही दिल में सोचा कि उस वक़्त तो तुझे शरम नहीं आती.. जब तेरे भैया तेरी चूचियों और जिस्म पर हाथ फेर रहे होते हैं। उस वक़्त तो बड़े मजे ले रही होती हो।
लेकिन मैं चुप रही और बोली- अरे कुछ नहीं होता.. उसे हमारी बातों का क्या पता..
इतने मैं चेतन भी आ गया और हम तीनों मॉल में दाखिल हो गए।
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