Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
05-24-2019, 12:07 PM,
#37
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
मैंने जल्दी से उस फिल्म को बन्द कर दिया। डॉली मेरे पास बिस्तर पर आ गई और मेरे पास बैठती हुई बोली।
डॉली- भाभी क्या देख रही थी लैपटॉप पर?
मैं- कुछ नहीं यार.. तेरे देखने की चीज़ नहीं है..
डॉली- क्यों भाभी ऐसी कौन सी चीज़ है.. जो मेरे देखने की नहीं है और क्यूँ नहीं है.. मेरे देखने की?
मैं- वो इसलिए नहीं है.. क्योंकि तू अभी बच्ची है.. हाहह… हहहा..
डॉली मेरी बाज़ू पर मुक्का मारते हुए बोली- वाह जी वाह.. भाभी जी.. मैं अब बड़ी हो गई हुई हूँ.. कोई बच्ची-वच्ची नहीं हूँ।
मैं हँसते हुए- अच्छा जी.. तो कहाँ से बड़ी हो गई हो.. बताओ मुझे भी डॉली?
डॉली अपना सीना तान कर अपनी चूचियों को बाहर को निकालते हुए बोली- देख लो.. कितनी बड़ी हो गई हूँ मैं और सुबह भी तो आपने देखा ही था ना.. कौन सा मैं कोई बच्ची जैसी हूँ?
मैं हँसने लगी- अच्छा बाबा अच्छा, ठीक है.. आओ तुमको भी देखा देती हूँ.. लेकिन फिर ना कहना कि कैसे चीजें दिखा दी हैं भाभी ने मुझे..
मैं अब डॉली को थोड़ा और भी ओपन करने का सोच चुकी थी इसलिए मैंने वो ही लेज़्बीयन फिल्म निकाली और चला दी।
डॉली ने जैसे ही वो फिल्म देखी तो फ़ौरन ही अपने मुँह पर हाथ रख लिया।
डॉली- ओह नो भाभी.. मैंने ऐसी मूवीज का सुना था कॉलेज की लड़कियों से.. और देखी भी थी उनके मोबाइल में.. लेकिन भाभी क्या आप भी इस तरह की मूवीज देखती हो?
मैंने मुस्करा कर उसकी तरफ देखा और बोली- हाँ.. क्यों नहीं.. अच्छा लगता है ना..
डॉली- लेकिन अगर भैया को पता चल जाए आपका.. तो??
मैं हँसते हुए- अरे पगली.. तेरे भैया ने ही तो मुझे इनको देखना सिखाया है..
डॉली- क्या सच भाभी..??
मैंने ‘हाँ’ में सिर हिलाया और फिर उसे अपने पास खींचते हुए अपना बाज़ू उसके कंधे पर दूसरी तरफ से रखते हुए बोली- चलो अब देखो फिल्म..
डॉली मेरे साथ वो लेज़्बीयन फिल्म देखने लगी और थोड़ी ही देर मैं पूरी तरह से फिल्म में मस्त हो गई..
मैं भी आहिस्ता आहिस्ता उसके नंगे कन्धों को सहला रही थी और आहिस्ता आहिस्ता मेरा हाथ नीचे को उसके कन्धों के आगे की ओर उसकी चूची की ऊपरी हिस्से तक आता जा रहा था। 
आहिस्ता आहिस्ता मैंने डॉली की चूची को उसकी शर्ट की ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया।
मेरा चेहरा भी उसके कन्धों पर आ गया और मैं अपने होंठों को उसकी गर्दन और उसके कन्धों पर आहिस्ता आहिस्ता फेरने लगी। 
डॉली मेरे होंठों से अपनी गर्दन और कन्धों और जिस्म को बचाने की लिए हौले-हौले कसमसा रही थी.. लेकिन ज्यादा मजाहमत भी नहीं कर रही थी.. शायद उसे भी अच्छा लग रहा था।
लैपटॉप अब बिस्तर पर रखा हुआ था। मैंने अपनी टाँगें फैलाईं और आहिस्ता से डॉली को अपनी गोद में खींच लिया। डॉली भी चुप करके मेरी गोद में लेट गई और मेरे एक साइड पर रखे हुए लैपटॉप पर वही लेज़्बीयन फिल्म देखने लगी। 
इस फिल्म में एक लड़की दूसरी खूबसूरत लड़की की चूचियों को चूस रही थी और उसके निपल्स पर अपनी ज़ुबान फेर रही थी।
मैंने अपना हाथ डॉली की चूचियों पर रखा और उनको आहिस्ता आहिस्ता सहलाते हुए डॉली के कान में धीरे से बोली- डॉली.. देखो बिल्कुल तुम्हारे जैसे सुडौल और खूबसूरत हैं.. इसकी चूचियों.. कितनी सेक्सी लग रही है। 
इसके साथ ही मैंने अपनी ज़ुबान की नोक डॉली के कान के अन्दर आहिस्ता से घुमाई.. तो वो चुदास से तड़फ ही उठी..
कडॉली ने मुस्करा कर मेरी तरफ देखा.. तो मुझे उसकी आँखें सुर्ख होती हुई नज़र आईं। मैंने नीचे को झुक कर हिम्मत करते हुए अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और एक किस कर लिया। 
डॉली मुस्कराई और बोली- भाभी क्या है.. आपको लगता है कि आपको भी इनकी तरह ही मज़ा करने का शौक चढ़ रहा है?
मैं आहिस्ता आहिस्ता डॉली की नंगी जाँघों पर हाथ फेरते हुए उसके गालों को चूमते हुए बोली- हाँ.. तो क्या हर्ज है इसमें.. यह सब तो लड़कियां करती ही हैं ना?
डॉली- जी भाभी.. मुझे पता है कि यह सब कुछ होता है.. मेरी एक फ्रेंड है जो कि हॉस्टल में रहती है.. तो वो बताती है कि वहाँ गर्ल्स हॉस्टल में यह वाला प्यार बहुत कॉमन है।
डॉली के सिर के बालों में हाथ फेरते हुए मैंने झुक कर डॉली के होंठों को चूमा और उसकी निचले होंठ को अपने दाँतों की गिरफ्त में लेते हुए आहिस्ता आहिस्ता काटने लगी.. तो ‘इसस्स.. स्स्स्स्स.. स्स्स्स्स…’ की आवाज़ के साथ ही डॉली की आँखें भी बंद हो गईं।
एक हाथ से डॉली के सिर को कंट्रोल करते हुए उसके होंठों को चूसते हुए.. मैंने अपना हाथ डॉली की शर्ट के नीचे डाला और उसकी नंगे गोरे पेट को सहलाते हुए अपना हाथ ऊपर को उसकी नंगी चूचियों की तरफ ले जाने लगी।
डॉली की साँसें तेज हो रही थीं और उसकी साँसों के साथ उसकी चूचियों भी ऊपर-नीचे हो रही थीं।
जैसे ही मेरे हाथों ने सीधे डॉली की नंगी चूचियों को अपनी गिरफ्त में लिया.. तो डॉली का सीना एकदम से ऊपर को उठ गया, मैं फ़ौरन ही समझ गई कि डॉली भी मस्ती में आ रही है, मैंने बिल्कुल आहिस्ता आहिस्ता उसके एक निप्पल को अपनी उंगली और अँगूठे के दरम्यान लेकर दबाना और सहलाना शुरू कर दिया।
डॉली के मुँह से हल्की हल्की सिसकारियाँ निकलने लगी थीं।
बारी-बारी से मैं उसके दोनों छोटे-छोटे अंगूरों जैसे निप्पलों को सहला रही थी और साथ-साथ डॉली के होंठों को भी चूम रही थी।
डॉली की आँखें बिल्कुल बंद थीं.. बस उसके मुँह से गहरी-गहरी साँसें फूट रही थीं। 
मैं उसकी चूचियों से उसकी शर्ट के नीचे से खोलती हुई उसकी गुलाबी और पतले-पतले रसीले होंठों पर अपनी ज़ुबान फेर रही थी।
आहिस्ता आहिस्ता मैंने अपनी ज़ुबान को उसके होंठों के दरम्यान में धकेल दिया। अब मेरी ज़ुबान उसके होंठों को अन्दर से चाटने लगी और उसकी दाँतों से टकरा रही थी।
आहिस्ता आहिस्ता डॉली के दाँतों ने एक-दूसरे से जुदा होते हुए मेरी ज़ुबान को अन्दर आने की इजाज़त दी और अगले ही पल मेरी ज़ुबान डॉली की ज़ुबान से टकराने लगी.. साथ ही डॉली ने अपने होंठों को बंद किया और मेरी ज़ुबान को अपने होंठों में लेकर चूसने लगी।
मैंने अपना हाथ डॉली की उस छोटी सी शर्ट से बाहर निकाला और फिर उसकी शर्ट के ऊपर से उसकी चूचियों पर रख दिया।
अब मैंने उसकी शर्ट के खुले गले के किनारे को पकड़ा और आहिस्ता-आहिस्ता उसको नीचे को खींचते हुए मैंने उसकी चूचियों को नंगा कर लिया। 
एक लम्हे के लिए डॉली ने अपनी आँखें खोलीं.. लेकिन जैसे ही मैंने उसकी नंगी खुल्ला चूचियों को अपनी मुट्ठी में पकड़ा.. तो एक बार फिर से उसकी आँखें बंद हो गईं।
डॉली की खूबसूरत गोरी-गोरी चूचियाँ और उनकी ऊपर सजे हुए गुलाबी-गुलाबी छोटे-छोटे अंगूरी निप्पल मेरी नज़रों के सामने बिल्कुल नंगे हो चुके थे।
उसकी दाईं तरफ की चूची पर दरम्यान में एक छोटा सा काला तिल था.. जो कि उसकी गोरी स्किन पर बहुत ही प्यारा लग रहा था।
चंद बार उसके होंठों को दोबारा चूमने के बाद मैंने अपने होंठों को नीचे लाते हुए उसकी सीने को चूमा और फिर अपने होंठों को उसकी गुलाबी निप्पलों के पास ले आई.. और आहिस्ता आहिस्ता अपने होंठों से गर्म-गर्म साँसें निकाल कर उनको गर्म करने लगी। 
जैसे ही मैंने अपने होंठों के हल्के से टच से उसके निप्पलों को छुआ और रगड़ा.. तो डॉली की जिस्म में तनाव सा पैदा हो गया और उसके जिस्म ने एक झुरझुरी सी ली।
धीरे-धीरे मैंने अपनी ज़ुबान को बाहर निकाला और उसकी एक निप्पल को अपनी ज़ुबान से सहलाने लगी। जैसे-जैसे मेरी ज़ुबान उसके नर्म निप्पल को सहला रही थी.. तो डॉली के जिस्म में बेचैनी सी बढ़ती ही जा रही थी। 
ज़ाहिर है कि एक कुँवारी लड़की जिसके लिए यह सब कुछ पहली बार हो रहा हो.. उसका खुद पर कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल होता है।
यही हाल डॉली का हो रहा था, अपने जिस्म के साथ हो रही इस नई छेड़-छाड़ को वो बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और उसके हाथ भी मेरी नंगी कमर को सहलाने लगे थे।
मैंने आहिस्ता से उसके एक निप्पल को अपने होंठों में ले लिया और उसे हौले-हौले चूसने लगी। मैं चूसते हुए उसके निप्पलों को अपनी ज़ुबान से सहला भी रही थी।

मेरा हाथ उसकी जाँघों और नंगी कमर और जिस्म पर रेंग रहे थे.. मुझे लग रहा था कि कुछ ही देर में ही बिना चुदे ही डॉली अपनी ज़िंदगी में पहली बार रस छोड़ने के मुकाम तक पहुँच जाने वाली है।
मैं भी यही चाह रही थी कि अभी उसकी चूत को ना टच करूँ.. और ऐसे ही उसकी चूत का पहला पानी निकाल दूँ। 
मेरे हाथ उसकी नंगी जाँघों पर उसके बरमूडा के अन्दर तक उसकी चूत के इर्द-गिर्द रेंग रहे थे.. लेकिन उसकी चूत को टच नहीं कर रहे थे।
डॉली से जब बर्दाश्त ना हो पाया तो उसने अपना हाथ अपनी बरमूडा के ऊपर से अपनी चूत पर रखा और उसे दबाने लगी.. साथ ही मैंने भी उसके निप्पलों पर अपने होंठों का दबाव बढ़ा दिया। बल्कि अब मैं उसके निप्पलों को अपने दाँतों से हौले-हौले काटने भी लगी थी। 
तेज-तेज साँसों के साथ डॉली के मुँह से तेज-तेज सिसकारियाँ भी निकल रही थीं.. जो कि पूरे कमरे ही क्या.. पूरे घर में गूँज रही थीं।
चंद लम्हों के बाद ही डॉली के जिस्म ने जैसे ज़ोरदार झटका सा खाया। उसके चेहरे के हाव-भाव भी चेंज हो गए और पूरे का पूरा जिस्म उसका अकड़ गया। 
मैं समझ गई कि डॉली की चूत पहली-पहली बार पानी छोड़ रही है। मैंने उसके जिस्म को अपने जिस्म के साथ भींच लिया और थोड़ी ही देर में ही उसका जिस्म मेरी बाँहों की गिरफ्त में बिल्कुल ढीला हो गया। 
मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसे चूमते हुए उसे रिलेक्स करना शुरू कर दिया। मैंने अपनी नज़र उसकी चूत पर डाली.. तो उसका बरमूडा उसकी चूत के ऊपर से गीला हो रहा था। मैंने उसकी बरमूडा को छुआ और फिर उसकी साइड से हाथ अन्दर ले जाकर उसकी चूत को छुआ.. तो डॉली की कुँवारी चूत का कुँवारा पहला-पहला पानी मेरे हाथ पर लग गया। 
मैंने अपने हाथ को बाहर निकाला और उसकी चूत की पानी को अपनी नाक के पास ले जाकर सूंघा। 
कभी ऐसा किसी के साथ ना करने के बावजूद भी मेरा दिल चाहा कि मैं उसे टेस्ट करके देखूँ.. जब मैं खुद को रोक ना पाई तो मैंने धीरे से अपनी गीली उंगलियों को चाट लिया।
डॉली ने अपनी आँखें खोलीं और मुझे अपनी उंगलयों को चाटते हुए देख कर बोली- भाभी.. क्या कर रही हैं यह?
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद - by sexstories - 05-24-2019, 12:07 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,472,063 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,235 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,220,524 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 922,798 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,636,962 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,067,031 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,927,823 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,981,344 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,002,527 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,130 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)