Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
05-24-2019, 12:08 PM,
#39
RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
मुझे महसूस हो रहा था कि मेरी उंगली की हरकत की वजह से डॉली की चूत चिकनी होती जा रही थी और मुझे भी उसकी चूत को सहलाने और उसे किस करने और उसकी ज़ुबान को चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था।
अभी हम यह बातें कर ही रहे थे कि दरवाजे पर घंटी बजी।
मैंने डॉली की तरफ देखा.. तो वो फ़ौरन ही बोली- ना ना भाभी.. मैं नहीं जाऊँगी दरवाज़ा खोलने.. खुद ही जाओ और मैं अपने कमरे में जा रही हूँ।
मैं हँसी और बोली- अच्छा बाबा मैं ही खोल आती हूँ..
मैं सहन से अन्दर गई और अन्दर जाकर सहन के दरवाजे को अन्दर से बंद कर दिया.. ताकि डॉली अन्दर आ कर अपने कमरे में ना जा सके। 
फिर मैं मुस्कराते हुए गेट खोलने चली गई।
दरवाज़ा खोला तो चेतन था.. जो कि बिल्कुल भीग कर आया हुआ था.. बाइक अन्दर खड़ी करके.. मुझे इस हालत में देखा.. तो फ़ौरन से मुझे अपनी बाँहों में दबोच लिया और मुझे चूमना शुरू कर दिया। 
वो मेरी चूचियों को दबाने और मसलने लगा.. मैंने भी कोई मज़ाहमत नहीं की और उसके लण्ड पर हाथ रख कर उसे दबाने लगी।
मैंने चेतन की शर्ट पकड़ कर ऊपर उठाई और उसकी गले से निकाल दी। फिर उसकी पैन्ट की बेल्ट खोली और उसकी पैन्ट भी उतार दी। 
अब चेतन एक लूज से कॉटन शॉर्ट्स में था.. जो उसने नीचे पहना हुआ था।
मैंने चेतन के शॉर्ट्स के ऊपर से ही उसका लंड पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया.. जो कि पूरा अकड़ चुका हुआ था। 
मैंने नीचे बैठ कर चेतन के शॉर्ट्स को नीचे खींचा और उसका लंड उछाल कर बाहर निकल आया। वो फ़ौरन ही मुझे पीछे करते हुए बोला- अरे क्या कर रही हो.. डॉली आ जाएगी।
मैंने उसके लण्ड के अगली हिस्से को चूमा और बोली- वो इधर नहीं आ सकती।
यह कहते हुए मैंने चेतन के लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया। 
मैं चेतन को उसकी बहन के पास ले जाने से पहले अच्छी तरह से गरम कर देना चाहती थी।
कुछ देर तक चेतन के लंड को चूसने के बाद मैंने कहा- आओ चेतन बाहर सहन में चलकर बारिश में नहाते हैं। 
चेतन अपने लंड को वापिस अपने शॉर्ट्स में अन्दर करते हुए मेरे साथ चल पड़ा और बोला- डॉली कहाँ है?
मैंने कहा- वो भी बाहर सहन में ही है।
चेतन एक लम्हे के लिए झिझका और फिर मेरे साथ चल पड़ा। मैंने सहन के दरवाजे की कुण्डी खोली और फिर हम दोनों पीछे सहन में आ गए।
डॉली ने हमें देखा.. तो अपनी बाज़ू अपने सीने की उभारों पर लपेट लिए। बाहर बहुत ही कम रोशनी थी.. चेतन भी हमारी साथ ही नहाने लगा। लेकिन अभी तक कोई भी कुछ भी शरारत नहीं कर रहा था। 
चेतन का पूरा जिस्म बिल्कुल ही नंगा था और नीचे जो कॉटन शॉर्ट्स पहने हुए था.. उसमें से उसके लण्ड का शेप भी साफ़ दिख रहा था।
डॉली का जिस्म भी चेतन की सफ़ेद पतली कॉटन बनियान में से बिल्कुल साफ़ दिख रहा था।
जैसे ही वो दूसरी तरफ मुँह करती और उसकी कमर नज़र आती.. तो उसकी कमर बिल्कुल ही नंगी लगती थी। नीचे उसकी जाँघें भी और मेरी जाँघें भी पूरी नंगी हो रही थीं। लेकिन सामने से वो अपनी चूचियों को नहीं देखा रही थी। 
लेकिन ज़ाहिर है कि मैं ऐसा नहीं कर रही थी और अपना पूरा जोबन उन दोनों बहन-भाई के सामने गीली बनियान में एक्सपोज़ कर रही थी.. जिसकी वजह से भी चेतन को मस्ती आती जा रही थी। 
अचानक से ही बारिश की तेज होने की वजह से इलाके की लाइट चली गई.. और बिल्कुल ही घुप्प अँधेरा हो गया।
बस हल्की सी रोशनी हो रही थी।
चेतन की नजरें अपनी बहन की नंगे हो रहे जिस्म पर से नहीं हट पा रही थीं।
अपनी सग़ी बहन की चूचियाँ.. उसके निप्पलों को.. उसका दूधिया क्लीवेज और उसकी नंगी जाँघों का हसीन नजारा उसके सामने था। 
सब कुछ जानते हुए भी वो खुद की नज़रों को रोक नहीं पा रहा था। दूसरी तरफ मैं देख रही थी कि डॉली की नजरें भी बार-बार चेतन के जिस्म के निचले हिस्से की तरफ उसके शॉर्ट्स पर जा रही थीं। जिसमें उसे अपने भाई का अकड़ा हुआ लंड बिल्कुल साफ़-साफ़ दिख रहा था। 
दोनों बहन-भाई के जिस्मों में एक-दूसरे के लिए बढ़ती हुई प्यास को मैं बहुत वाजिब तौर पर देख रही थी। इस सबसे मुझे एक अजीब सी लज़्ज़त और उत्तेजना मिल रही थी।
कुछ देर ऐसे ही एंजाय करने के बाद मैंने कहा- चेतन.. आओ कुछ गेम खेलते हैं।
डॉली बोली- कौन सा गेम भाभी?
मैंने कहा- चेतन की आँखों पर पट्टी बाँधते हैं.. और वो फिर हम दोनों को पकड़ेगा और फिर पहचानने की भी कोशिश करेगा कि दोनों में से जिसे पकड़ा है.. वो कौन है और हम लोग बिना कुछ बोले उससे खुद को छुडाने को कोशिश करेंगे.. अगर ना छुड़ा सके या कोई बोल पड़ा.. तो फिर पकड़ने की उसकी बारी होगी।

ज़ाहिर है कि यह एक बिल्कुल ही चुतियापे सा गेम था.. क्योंकि चाहे आँखें बंद हों.. फिर भी चेतन आसानी के साथ हम दोनों के जिस्मों में फरक़ कर सकता था। लेकिन चेतन फ़ौरन से मान गया.. क्योंकि उसे भी शायद इसमें मिलने वाले मजे का अंदाज़ा हो गया था। 

वो मेरी बेवक़ूफी पर हंस रहा था कि मैं कैसा बच्चों वाला खेल खेलने को कह रही हूँ। जबकि वो उस बच्चों वाले गेम में भी अडल्ट्स वाला मज़ा लूटने के चक्कर में था।
लेकिन डॉली थोड़ा झिझक रही थी। मैंने अन्दर से एक दुपट्टा लाकर चेतन की आँखों पर बाँध दिया और बोली- डॉली, अब हम में से कोई भी कुछ नहीं बोलेगा।
जैसे ही खेल शुरू हुआ.. तो मैं और डॉली उस छोटी सी सहन में इधर-उधर भागने लगे और चेतन अपने हाथ फैलाकर हमें पकड़ने की कोशिश कर रहा था।
मैंने जानबूझ कर खुद को चेतन की गिरफ्त में दे दिया और फिर खुद को उसकी गिरफ्त से निकालने लगी।
चेतन ने बड़े ही एतिहात से मुझे मेरी बाज़ू से पकड़ा हुआ था लेकिन मैं खुद को बचाने के चक्कर में अपनी चूचियों को उसकी सीने से रगड़ रही थी।
फिर मैंने अपनी साइड चेंज करते हुए अपनी कमर उसकी सीने से लगाई और अपने चूतड़ों को उसके लण्ड पर अपने गाण्ड को रगड़ने लगी।
चेतन चिल्ला रहा था- डॉली.. डॉली.. है यह.. डॉली तुम अब पकड़ी गई हो!
लेकिन मैंने उससे खुद को छुड़ाने की कोशिश की.. तो मेरे पेट पर पड़ा हुआ उसका हाथ मेरी चूचियों पर आ गया।
मैंने हाथ पीछे ले जाकर उसके लण्ड को उसके शॉर्ट्स के ऊपर से पकड़ लिया और उसका लंड एकदम से खड़ा हो गया। 
वो समझ गया कि यह डॉली नहीं मैं हूँ, उसने भी मेरी चूचियों को दबोच लिया और फिर मसलने लगा। 
मैंने डॉली की तरफ देखा तो वो पास ही खड़ी हुई हंस रही थी।
मैंने अब अचानक से हमला करते हुए खुद को छुड़ा लिया और चेतन की गिरफ्त से एकदम निकल गई। 
अब चेतन आगे को झपटा और बजाए इस कोशिश के कि मैं उसकी पकड़ में आती.. उसकी अपनी बहन डॉली उसकी पकड़ में आ गई।
चेतन फ़ौरन ही यह समझा कि यह मैं ही हूँ.. जो कि उसकी गिरफ्त से निकलने लगी थी.. तो उसने दोबारा से जोर से पकड़ लिया। 
जब कि डॉली इस अचानक के हमले से घबरा गई.. लेकिन वो बोल भी नहीं सकती थी। बस खुद को अपने भाई की गिरफ्त से छुड़ाने लगी।
चेतन अपने एक हाथ की गिरफ्त से उसके पेट और दूसरे हाथ को उसकी चूची पर जमाते हुए बोला- अब नहीं निकलने दूँगा तुझे.. बड़ी मछली की तरह फिसल कर निकलने लगी थी ना.. मेरी गिरफ्त से.. अब निकल कर दिखा..
उसने अपने हाथ से अपनी बहन की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया।
डॉली के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं.. लेकिन वो अपनी आवाज़ को दबा रही थी।
डॉली चेतन की बाँहों में मचल रही थी, चेतन ने अपना हाथ डॉली के पेट पर रखा हुआ हाथ.. उसकी बनियान के नीचे डाला और उसके नंगे पेट पर अपना हाथ ऊपर को फिराता हुआ सीधे उसकी नंगी चूची पर ले गया और अपनी बहन की नंगी चूची को पकड़ लिया। 
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RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद - by sexstories - 05-24-2019, 12:08 PM

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