RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
अब आहिस्ता आहिस्ता मैंने डॉली के निप्पल को अपनी ज़ुबान से सहलाना शुरू कर दिया और फिर अपने होंठों में लेकर चूसने लगी।
डॉली के गुलाबी निप्पल को चूसने का मेरा पहला मौका था कि मैं किसी दूसरी लड़की की चूचियों को छू और चूस रही थी.. लेकिन मुझे भी एक अजीब सा लुत्फ़ आ रहा था..
मेरा दूसरा हाथ डॉली की दूसरी चूची को सहलाता हुआ नीचे को जाने लगा और मैंने अपना हाथ डॉली के बरमूडा के अन्दर डाल दिया।
अब मेरा हाथ उसकी चूत को पूरी शिद्दत से सहलाने लगा। उसकी चूत गीली होना शुरू हो गई हुई थी।
मैंने सीधे होकर अपना टॉप उतारा और अपना ऊपरी बदन नंगा कर लिया। जब मैंने अपने हाथ और होंठ उसके जिस्म से हटाए.. तो डॉली ने आँखें खोल कर फ़ौरन ही मेरी तरफ देखा..
उसने जब मेरी ऊपरी गोरे बदन को नंगा देखा.. तो उसकी चेहरे पर भी एक मुस्कराहट फैल गई। इस बार उसने अपनी आँखें बंद नहीं कीं और मेरी चूचियों की तरफ देखती रही।
मैंने उसकी तरफ देखते हुए.. अपनी दोनों चूचियों पर हाथ फेरा और फिर एक चूची को अपने हाथ में पकड़ कर उसके निप्पल को आगे करते हुए डॉली के होंठों पर रख दिया।
डॉली मुस्कराई और उसने बहुत ही नजाकत से मेरे निप्पल को चूम लिया।
पहली बार किसी लड़की ने मेरे निप्पल को चूमा था। मैंने अपनी चूची को उसकी होंठों पर दबा दिया.. डॉली ने भी अपने होंठों को खोल कर मेरे निप्पल को अपने होंठों में भर लिया.. और उसे चूसने लगी।
डॉली के कुँवारे होंठों के दरम्यान अपने निप्पल को चुसवाते हुए मुझे एक अजीब सा मज़ा आ रहा था। मैंने अपना हाथ दोबार डॉली के बरमूडा में डाला और उसकी चूत से खेलने लगी।
मेरी उंगली उसकी चूत के सुराख को छू रही थी और उसके अन्दर दाखिल होना चाह रही थी। मैं उसकी चूत के दाने को रगड़ रही थी और उसकी वजह से डॉली के जिस्म में बिजली सी भर रही थी।
उसकी मेरे निप्पल को चूसने की ताक़त में इज़ाफ़ा होता जा रहा था। कभी आहिस्ता से वो मेरी निप्पल को काट भी लेती थी।
कुछ देर तक डॉली से अपना निप्पल चुसवाने के बाद.. मैं उठी और डॉली की टाँगों की तरफ आ गई।
मैंने उसके बरमूडा को पकड़ कर खींचा और उतार दिया।
अब डॉली का निचला जिस्म बिल्कुल नंगा हो गया। डॉली ने फ़ौरन ही अपने हाथ अपनी चूत पर रख लिए। मैंने झुक कर उसकी दोनों जाँघों को चूमा और आहिस्ता-आहिस्ता अपनी ज़ुबान से चाटते हुए ऊपर को उसकी चूत की तरफ आने लगी।
फिर मैंने उसकी दोनों हाथों पर किस किया.. जो कि उसकी चूत पर रखे हुए थे।
आहिस्ता से मैंने उसकी हाथों को उसकी चूत पर से हटाया.. तो उसने कोई मज़ाहमत नहीं की और अपनी चूत को मेरे सामने पेश कर दिया।
अब मेरी नज़र डॉली की जाँघों के बीच में थी.. जहाँ डॉली की कुँवारी चूत थी। जिसके ऊपर के हिस्से और इर्द-गिर्द एक भी बाल नहीं था। डॉली की चूत के मोटे-मोटे बाहर के फोल्ड्स आपस में जुड़े हुए थे.. बालों के बगैर उसकी कुँवारी चूत किसी बहुत ही छोटी सी बच्ची की चूत का मंज़र पेश कर रही थी।
दोनों बेरूनी फलकों के दरम्यान से गुलाबी रंग की अन्दर की चमड़ी का कुछ हिस्सा नज़र आ रहा था। जिससे यह अंदाज़ा हो सकता था कि दोनों फलकों के अन्दर का गोस्त किस क़दर गुलाबी और नर्म होगा।
उसकी चूत के दोनों फलकों के निचले हिस्से में जहाँ पर चूत की लकीर खत्म होती है.. वहाँ पर पानी का एक क़तरा चमक रहा था..
डॉली की कुँवारी चूत से निकल रही चूत का रस का क़तरा.. जो कि अपनी गाढ़ेपन की वजह से उस जगह पर जमा हुआ था और आगे नहीं बह रहा था।
डॉली की कुँवारी चूत के क़तरे की चमक से मेरी आँखें भी चमक उठीं और मैं वो करने पर मजबूर हो गई.. जो कि मैंने आज तक कभी नहीं किया था.. सिर्फ़ मूवी में देखा भर था।
मैंने डॉली की दोनों जाँघों को खोल कर दरम्यान में जगह बनाई और वहाँ पर बैठ कर नीचे को झुकी.. और अपनी ज़ुबान की नोक को निकाल कर डॉली की चूत की लकीर के बिल्कुल निचले हिस्से में चमक रही उसकी चूत के रस के क़तरे को अपनी ज़ुबान पर ले लिया।
मैं ज़िंदगी में पहली बार किसी औरत की चूत के पानी को टेस्ट कर रही थी। डॉली की चूत के पानी के इस रस में हल्का मीठा मीठा सा.. अजीब सा ज़ायक़ा था।
जैसे ही मेरी ज़ुबान ने डॉली की चूत को छुआ.. तो डॉली का जिस्म काँप उठा। उसने आँखें खोल कर मेरी तरफ देखना शुरू कर दिया। मैंने दोबारा से झुक कर डॉली की चूत के बाहर के मोटे होंठों पर अपनी गुलाबी होंठ रखे और उसे एक चुम्मा दिया।
डॉली के जिस्म को जैसे झटके से लग रहे थे।
आहिस्ता आहिस्ता मैंने डॉली की चूत के ऊपर चुम्बन करने शुरू कर दिए।
फिर मैंने अपनी ज़ुबान की नोक बाहर निकाली और आहिस्ता आहिस्ता ऊपर से नीचे को अपनी ज़ुबान को उसकी चूत की लकीर पर फेरने लगी।
अब डॉली की चूत ने और भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया था।
अपनी दोनों हाथों की एक-एक उंगली डॉली की चूत के बाहर के फलकों पर रख कर आहिस्ता से उसकी चूत को खोला.. तो आगे उसकी चूत की गुलाबी फलकों की अंदरूनी रंगत नज़र आने लगी।
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