RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
मेरी चूत पानी छोड़ती ही जा रही थी कुछ ही देर में मैं और डॉली दोनों ही अपनी-अपनी मंज़िलों पर पहुँच गईं।
फिर हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर एक-दूसरे की बाँहों में लेट गईं, कब हमारी आँख लग गई.. हमें कुछ पता नहीं चला।
काफ़ी देर बाद जब आँख खुली तो भी बिस्तर से निकलने को दिल नहीं किया।
मैं हौले-हौले डॉली की चूचियों के निप्पलों पर उंगली फेरने लगी।
डॉली- भाभी क्या आप सच में ही नाराज़ नहीं हो कि मैंने अपने भैया के साथ में सेक्स कर लिया है।
मैं- अरे यार.. क्यों परेशान होती हो.. मुझे तो यह सुन कर ही बहुत मज़ा आ रहा है.. तो जब तुम दोनों को चुदाई करते हुए देखूंगी.. तो कितना अच्छा लगेगा। प्लीज़ मुझे यह सब तुम दिखाओगी ना?
डॉली शर्मा गई।
मैं- पता है.. अब मैंने सोचा है कि चेतन को खुद फँसाएंगे.. पहले तो वो तुमको फंसा रहा था और तंग करता था.. अब तुम खुद मेरे साथ मिल कर उसे सताओगी और तंग करोगी.. फिर देखना कितना मज़ा आएगा।
मैंने सारा प्रोग्राम डॉली को समझाया और फिर हम दोनों रसोई में खाना बनाने के लिए आ गए।
जैसे ही दोपहर में चेतन घर वापिस आया तो सबसे पहले मैंने उसे वेलकम किया। मैं गेट पर हस्बे मामूल.. उसने मुझे किस किया.. और फिर मुझे पानी लाने का बोल कर अपने कमरे में चला गया।
मैं रसोई में आ गई और डॉली को मुस्कुरा कर पानी ले जाने को कहा।
डॉली ने मुझे एक आँख मारी और फिर ठंडी पानी का गिलास भर कर हमारे बेडरूम की तरफ बढ़ गई।
मैं भी उसके साथ-साथ ही थी.. मैं बेडरूम के दरवाजे के एक तरफ रुक गई और डॉली अन्दर कमरे में चली गई।
अन्दर कमरे में चेतन अभी-अभी वॉशरूम से मुँह-हाथ धो कर आया था।
चेतन ने डॉली को पानी लाते हुए देखा तो वो बहुत खुश हुआ। डॉली भी जवाब में मुस्कुराई और एक अदा के साथ पानी का गिलास लेकर अपने भाई की तरफ बढ़ी।
चेतन ने पानी का गिलास लेकर उसमें से एक घूँट लिया और फिर गिलास टेबल पर रख कर डॉली का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया।
डॉली ने भी कोई मज़ाहमत नहीं की और अपने भाई के सीने से लग गई। चेतन ने अपने होंठों को डॉली के होंठों पर रखा और उनको चूमने लगा। चेतन थोड़ी सी चूमा-चाटी करने के बाद डॉली को छोड़ने का इरादा रखता था.. क्योंकि उसे पता था कि मैं रसोई से किसी भी वक़्त बेडरूम में आ सकती हूँ।
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