RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
चेतन ने अपनी बहन को किस करने के बाद छोड़ दिया और बोला- चलो अब जाओ.. तुम्हारी भाभी बेडरूम की तरफ आती ही होंगी।
डॉली- वाह जी वाह.. भाई, अगर इतना ही अपनी बीवी से डरते थे.. तो क्यों मुझ पर डोरे डाले और क्यों मुझे अपने झूठे प्यार में फँसाया था?
यह कहते हुए डॉली अपने भाई के साथ लिपट गई।
चेतन तो जैसे बौखला सा गया, वो उसे खुद से अलग करते हुए बोला- नहीं नहीं डॉली.. ऐसी बात नहीं है.. मेरा प्यार झूठा नहीं है, ना मैं तुमसे प्यार से इन्कार कर रहा हूँ.. यह तो मैं इसलिए कह रहा हूँ कि तुम्हारी भाभी को हमारे ताल्लुक़ात का पता ना चल सके वरना वो हंगामा खड़ा कर देगी।
डॉली चेतन की शर्ट के बटन खोलती हुई बोली- भाई भाभी से डर गए हो.. तो दुनिया को कैसे बताओगे कि तुम अपनी बहन से कितना प्यार करते हो? कहीं मैंने तुम जैसे बुज़दिल मर्द से प्यार करके कोई गलती तो नहीं कर ली?
यह कहते हुए डॉली ने चेतन की शर्ट उतार दी और उसके नंगे सीने पर हाथ फेरने लगी।
चेतन ने डॉली को पीछे की तरफ धकेला और घबरा कर बोला- अभी नहीं.. जैसे ही मौक़ा मिलेगा.. मैं खुद तुम्हारे पास आऊँगा मेरी जान।
लेकिन डॉली तो किसी और ही मूड में थी.. उसने थोड़ा सा पीछे होकर अपनी टी-शर्ट को नीचे से पकड़ा और ऊपर उठा कर अपनी शर्ट को अपने जिस्म से उतार कर बिस्तर पर फेंक दिया।
अब डॉली का ऊपरी बदन सिर्फ़ और सिर्फ़ उसकी ब्लैक रंग की ब्रा में था और नीचे उसने टाइट्स पहनी हुई थी।
डॉली को इस हालत में देख कर चेतन की तो जैसे फट कर हाथ में आ गई हो.. उसके चेहरे का रंग उड़ गया और माथे पर पसीना बहने लगा।
वो फ़ौरन ही दरवाजे की तरफ भागा, मैं जल्दी से रसोई में चली गई।
चेतन ने बाहर झाँक कर देखा और फिर अन्दर आकर दरवाज़े को लॉक कर लिया और तेज़ी के साथ डॉली की तरफ बढ़ा।
डॉली ने अपनी दोनों बाज़ू फैलाए और बोली- आ जा मेरे राजा.. मुझे अपनी बाँहों में ले लो न..
चेतन ने उसकी शर्ट बिस्तर से उठा कर उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा- डॉली आख़िर आज क्या हो गया हुआ है तुमको?
डॉली- भाई मुझे क्या होना है.. वो ही हुआ है ना.. जो आपने मुझे किया है.. मेरे कुँवारे जिस्म में अपने प्यार की आग लगा दी है.. जो अब हर वक़्त सुलगती रहती है.. अब आप ही बताओ कि मैं अपनी यह प्यास कैसे बुझाऊँ?
चेतन उसकी टी-शर्ट को उसकी गले में डालते हुए बोला- मैं ही बुझाऊँगा तेरी प्यास.. लेकिन थोड़ा टाइम तो आने दे ना मेरी जान.. लेकिन डॉली थी कि मेरे प्लान के मुताबिक़ चेतन के साथ चिपकती जा रही थी और अपनी चूचियों को उसके सीने के साथ रगड़ रही थी।
इतने में मैंने बाहर दरवाजे पर नॉक किया.. तो उस वक़्त डॉली ने अपना हाथ चेतन के लंड पर रख दिया हुआ था।
चेतन के तो जैसे होश ही उड़ गए, उसने जल्दी से उसे प्यार किया और उसे बाथरूम की तरफ धकेला।
मैंने आवाज़ दी- चेतन क्या कर रहे हो.. दरवाज़ा खोलो ना.. और यह डॉली कहाँ चली गई है..?
डॉली अब भी बाथरूम में जाने का नाम नहीं ले रही थी और चेतन से चिपकी जा रही थी। चेतन ने जल्दी से उसे खुद पर से हटाया और उसे बाथरूम की तरफ धकेलने लगा।
उसे बाथरूम में लगभग फेंकते हुए वो वापिस दरवाजे की तरफ भागा और फिर दरवाजा खोल दिया। मैं अन्दर गई तो चेतन के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था.. वो काफ़ी घबराया हुआ लग रहा था।
मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा और बोली- क्या बात है चेतन.. तुम ठीक तो हो ना?
चेतन घबरा कर बोला- हाँ हाँ.. ठीक हूँ मैं.. कुछ नहीं हुआ मुझे..
मैं चेतन की क़रीब आई और आहिस्ता से उसके साथ चिपक गई और बोली- क्या बात है जानू.. नाराज़ हो क्या मुझसे..
मेरी बात सुन कर वो थोड़ा रिलेक्स हुआ और बोला- नहीं नहीं.. नाराज़ तो नहीं हूँ जान.. बस ऐसे ही थोड़ा थका हुआ हूँ।
मैंने उसके गालों पर एक किस की और अपना हाथ उसकी पैन्ट की ऊपर से उसके लण्ड की तरफ ले जाते हुए बोली- आओ फिर मैं तुमको भी थोड़ा रिलेक्स कर दूँ।
मैंने देखा कि उसका लंड अभी भी अकड़ा हुआ है.. मैं उसके लण्ड को उसकी पैन्ट के ऊपर से ही अपनी मुठ्ठी में लेते हुए बोली- जानू तुम्हारा तो लंड भी फुल टेन्शन में है.. मुझे अभी इसकी टेन्शन तो रिलीव करना ही पड़ेगी..
यह कहते हुए मैं नीचे फर्श पर बैठ गई और उसकी पैन्ट की बेल्ट खोलने लगी।
चेतन ने थोड़ी सी मज़ाहमत की लेकिन फिर खुद से ही अपनी पैन्ट नीचे उतार दी।
kahani jari hai.........................
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