RE: Kamukta Story सौतेला बाप
वो एक ऐसी लड़की कि तरह बिहेव कर रही थी जो शादी से पहले अपना वजन कम करने कि चिंता में डूबी हुई हो , वैसे ये चिंता होना स्वाभाविक ही था रश्मि के लिए, वो पहले ऐसी नहीं थी, शादी से पहले भी और बाद तक भी, जब तक उसका पति जिन्दा था वो हमेशा फिट रहती थी, जिम भी जाती थी, उसने लगभग दस सालों तक जिम में जाकर एरोबिक और कार्डिओ करके अपने पुरे शरीर को फ़िल्मी हेरोइनो कि तरह लचीला और परफेक्ट बना लिया था, पर पिछले पांच सालो ने उसकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया , काव्या कि देखभाल और ऑफिस के काम कि वजह से उसे अपने लिए वक़्त ही नहीं मिलता था , पर अब जबकि उसकी दोबारा शादी होने वाली है, उसने निश्चय कर लिया कि वो जल्द ही इस थुलथुलेपन से छुटकारा पायेगी, जिम जायेगी, डाइटिंग करेगी , पर अपने शरीर को पहले जैसा बनाकर रहेगी .
आखिर समीर सर भी तो देखे कि वो चीज क्या है
समीर सर का ध्यान आते ही उसके दिल कि धड़कने एक दम से बढ़ने लगी, उसे उनकी गहरी नजरों कि याद आ गयी जो उसने कई बार महसूस कि थी , और जिसे महसूस करके उसका रोम रोम खड़ा हो जाता था
उनके बारे में याद करके अनायास ही उसके हाथ अपनी चूत कि तरफ सरक गए , वो बेड पर लेट गयी और अपनी आँखे बंद करके अपनी चूत को सहलाने लगी
आज पांच सालो बाद उसने अपनी चूत कि खोज खबर ली थी , इसलिए उसकी चूत भी अपना गिला मुंह खोले अपनी मालकिन का खुले दिल से स्वागत कर रही थी
रश्मि ने अपनी चूत के तितली जैसे परों को फैलाया और अपनी एक ऊँगली अंदर खिसका दी
और सिसक पड़ी
''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह समीर उम्म्म्म्म्म्म्म ''
लाल चूत के अंदर से रसीला पानी बुरी तरह से बहता हुआ बाहर कि तरफ आ रहा था , जिसे रश्मि अपनी उँगलियों से इकठ्ठा करके अपनी चूत के चेहरे पर मल रही थी
उसके दिमाग में अपने आप एक काल्पनिक मूवी चलने लगी
रश्मि अपनी ऑफिस कि कुर्सी पर बैठी थी, पूरी नंगी , ऑफिस में कोई भी नहीं था
उसके टेबल का फ़ोन बजा और समीर सर ने उसे अंदर बुलाया
वो नंगी उठी, अपना नोट पेड उठाया और उनके केबिन में चली गयी
वो अपनी सीट पर बैठा था
वो भी पूरा नंगा
रश्मि सामने जाकर खड़ी हो गयी
समीर अपनी सीट से उठा और उसके पीछे आकर खड़ा हो गया, और उसे कुछ डेटा नोट करने के लिए कहा
वो टेबल पर झुकी और नोट करने लगी
तभी पीछे से समीर ने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया
उसने अपनी आँखे बंद किये हुए अपनी तीन उँगलियाँ अपनी चूत के अंदर पेल दी
समीर बोलता जा रहा था
रश्मि लिखती जा रही थी
और झटके लगते जा रहे थे
रश्मि के मुंह से बस यही निकल रहा था
''येस्स सर , अह्ह्हह्ह सर , उम्म्म्म सर , ओके सर। .......''
उसे बंद आँखों के साथ अपनी उँगलियाँ समीर के लंड कि तरह फील हो रही थी
फिर समीर से उसे टेबल पर पीठ के बल लिटा दिया औरअपना लंड उसकी चूत में पेल कर उसे बुरी तरह से झटके देने लगा
और वो चीख रही थी, येस्स येस्स बोल रही थी
और ऐसे ही येस्स सर करते -२ उसकी चूत से कब पानी निकल गया, उसे भी पता नहीं चला
झड़ने के बाद आयी खुमारी ने उसके भरे हुए जिस्म को निढाल सा कर दिया
और वो एक पतली सी चादर अपने शरीर पर डालकर वहीँ लेट गयी और याद करने लगी अपने और समीर के बारे में जब से उसने ऑफिस ज्वाइन किया था
शुरू के तीन सालो तक तो उसे पता ही नहीं था कि ऑफिस में काम के अलावा भी कोई जिंदगी है , उसका काम सिर्फ लैटर टाइप करना, कोटेशन बनाकर क्लाइंटस को मेल करना, महीने के आखिर में रिपोर्ट्स बनाना , बस यही था
समीर सर से उसका सामना कभी कभार ही होता था, वो भी बस उसके विश का जवाब देकर निकल जाते थे
और लगभग 1 साल पहले समीर सर कि पर्सनल सेक्रेटरी जॉब छोड़कर चली गयी, और इतनी जल्दी कोई नयी सेक्रेटरी ना मिल पाने कि वजह से रश्मि को ही टेम्परेरी तौर पर समीर सर कि सेक्रेटरी बना दिया गया तब उसने नोट किया कि काम के मामले में वो कितने संजीदा किस्म के इंसान है, उन्हें अगर कोई याद न कराये तो वो लंच करना भी भूल जाते थे और ये बात रश्मि को सही नहीं लगी, उसने सबसे पहले सही समय पर उन्हें लंच करने कि आदत डाली, समीर भी रश्मि के अपनेपन को नरअंदाज नहीं कर पाता था और सही समय पर लंच और अपनी दवाइयां लेने लग गया
और ऐसे ही काम करते हुए कम्पनी में एक ऐसा दिन आया जब समीर ने सभी को ये बताया कि उनकी कंपनी ने पिछले साल के मुकाबले सत्तर प्रतिशत ज्यादा बिज़नेस किया है और साथ ही उन्हें कनाडा के लिए एक बड़ा एक्सपोर्ट आर्डर भी मिला है, जिसकी वजह से उनका बिज़नेस अगले साल तक डेड सौ प्रतिशत ज्यादा बढ़ेगा
और तब रश्मि ने ये सुझाव दिया कि ऐसे मौके को सेलेब्रेट करना तो बनता है और तब समीर ने अपने आलिशान बंगले में एक पार्टी रखी जहाँ काव्या ने पहली बार समीर को देखा था
तब तक रश्मि के लिए समीर के मन में एक सॉफ्ट कार्नर तो बन ही चूका था और वो मन ही मन उसे अपना जीवनसाथी बनाने के सपने देखने लगा, क्योंकि अब वो भी अपनी बोर सी लाइफ से तंग आ चूका था, और पिछले कुछ दिनों से रश्मि कि तरफ से मिल रही केअर कि वजह से समीर को पूरा विश्वास हो गया था कि वो उसकी जिंदगी और घर को अच्छी तरह से सम्भाल सकती है
पर काव्या से मिलने के बाद उसे ये एहसास हुआ कि रश्मि कि टीनेजर लड़की है जो ऐसा कभी नहीं चाहेगी कि उसकी माँ इस उम्र में शादी करे और इसलिए उस वक़्त काव्या से सीधे मुंह बात भी नहीं कि थी समीर ने
धीरे-२ वक़्त गुजरने लगा, समीर कि आँखों में छुपे प्यार को रश्मि ने भी कई बार महसूस किया था, पर अपनी औकात और समाज में उसकी जगह उसे भी पता थी,
समीर का एक वकील दोस्त था, लोकेश दत्त , जिसके साथ वो अपनी सारी बाते शेयर करता था
और ऐसे ही एक दिन जब दोनों दोस्त बैठे हुए जाम छलका रहे थे तो समीर ने अपने दिल कि बात उसे बता दी
लोकेश : "यार समीर, ये तो तूने बहुत अच्छी बात सोची है, तू जल्द से जल्द इस मामले को निपटा डाल''
समीर : "पर यार .... एक प्रॉब्लम है , उसकी एक टीनेजर लड़की है, और मुझे डर है कि कहीं उसके डर से रश्मि मुझसे शादी करने के लिए मना न कर दे , या फिर वो लड़की अपनी माँ को शादी करने कि परमिशन ना दे ''
लोकेश : "यार, तू भी कैसी दकियानुसी बातों को लेकर बैठा है, तू एक बार रश्मि से बात तो करके देख, अपनी बेटी को मनाना उसका काम है, और मुझे विश्वास है कि अपनी बेटी के सुनहरे भविष्य के लिए वो मान जायेगी और अपनी बेटी को भी मना लेगी ''
और इस तरह से अपने दोस्त कि बात सुनकर समीर ने हिम्मत करके अपने दिल कि बात रश्मि को कह दी
रश्मि के लिए ये बात एक शॉक जैसी ही थी, उसने समीर कि आँखों में अपने लिए लगाव तो देखा था, पर वो लगाव इतना होगा कि वो उसे अपना जीवनसाथी बनाने के लिए कहेगा, उसने सोचा भी नहीं था
पर साथ ही समीर ने ये भी कहा कि काव्या कि रजामंदी के बिना कोई निर्णय मत लेना, और वैसे भी रश्मि ऐसा करना नहीं चाहती थी
वो एक सही मौके कि तलाश करने लगी , जब वो अपनी बेटी को वो सच्चाई बताये जिसके बाद दोनों कि जिंदगी पूरी तरह से बदल जाने वाली थी
और आज अपनी बेटी का साथ पाकर उसने चैन कि सांस ली थी
उसने अपना मोबाइल निकला और वैसे ही नंगी लेटे हुए समीर को फ़ोन मिलाया
समीर : "हेल्लो रश्मि, इस वक़्त कैसे फ़ोन किया , सब ठीक तो है न ''
रश्मि कि समझ में नहीं आ रहा था कि वो कैसे बताये
वो मंद मंद मुस्कुराती हुई हूँ हाँ करती रही बस
और फिर आखिर में उसने बोल ही दिया : "मैंने काव्या से बात कि थी आज ''
समीर : "अच्छा, क्या ,,,क्या बोली वो ??"
उसकी धड़कने बड़ गयी
रश्मि : "वो, वो मान गयी और काफी खुश भी थी वो ''
रश्मि कि बात सुनकर समीर ने भी चैन कि सांस ली
उसे अपनी बंद आँखों के पीछे रश्मि अपने घर में दुल्हन के लिबास में नजर आने लगी
उसने जल्द ही शादी कि फॉर्मेलिटी पूरी करने कि बात करते हुए फ़ोन रख दिया, वैसे भी शादी कोर्ट में होनी थी, इसलिए ज्यादा ताम झाम कि जरुरत ही नहीं थी
उसने लोकेश को फ़ोन करके सारे बंदोबस्त करने के लिए कहा
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