RE: Free Sex Kahani चमकता सितारा
आखिर वो इतनी खुश कैसे हो सकती है। मेरा दिल अब तक उसे बेवफा मानने को तैयार नहीं था। मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हुआ, मैंने वो छोटी वोदका की बोतल खोली और उसे ऐसे ही पी गया। जितनी तेज़ जलन मेरे गले में हुई उससे कई ज्यादा ठंडक मेरे सीने को मिली।
मेरी साँसें बहुत तेज़ हो चुकी थीं। दिल की धड़कनें इतनी तेज़ हो गई थीं.. मानो दिल का दौरा न पड़ जाए मुझे.स
थोड़ी देर के लिए मैं वहीं ज़मीन पर बैठ गया। फिर मैंने अपने आपको संभाला और अपने घर में दाखिल हुआ। सबसे पहला चेहरा डॉली का ही मेरे सामने था। हॉल में मेरे मम्मी-पापा के बीच बैठी बहुत खुश नज़र आ रही थी।
मम्मी- बेटा डॉली को बधाई दो.. इसकी शादी तय हो गई है।
मैं- माँ बधाई तो गैरों को दी जाती है। अपनों को तो गलें लगा कर दुआएँ दी जाती हैं।
मैं आगे बढ़ा और डॉली को सबके सामने ही गले से लगा लिया।
एक खामोशी सी छा गई वहाँ पर।
तब डॉली ने माहौल को संभालते हुए मुझे अलग किया और…
डॉली- तुम्हें क्या लगता है.. तुम्हारी जान छूटी.. आंटी के बनाए आलू के परांठे खाने.. मैं कहीं से भी आ जाऊँगी और मुझे जीभ निकाल चिढ़ाती हुई मेरी मम्मी की गोद में बैठ गई।
फिर सब हंसने लगे।
मैं अपने आपको संभालता हुआ ऊपर छत पर चला गया। शराब का नशा धीरे-धीरे अपना रंग दिखा रहा था। मेरे कदम अब लड़खड़ाने लगे थे।
मैं अब छत के किनारे तक आ गया था। मेरा एक पाँव छत की रेलिंग पर था। मन में एक ही ख़याल आ रहा था क्यूँ ना कूद ही जाऊँ यहाँ से.. शायद जिस्म के दूसरे हिस्सों का दर्द मेरे दिल के दर्द को कम कर दे।
मैं ये सब सोच ही रहा था कि छत के दरवाज़े की खुलने की आवाज़ आई। डॉली छत पर थी और उसने दरवाज़े को लॉक कर दिया।
मैं- सुना था कि खूबसूरत लोगों के पास दिल नहीं होता.. आज देख भी लिया।
डॉली- उफ्फ्फ़.. क्या अंदाज़ हैं आपके.. वैसे जान ‘खूबसूरत’ कहने का शुक्रिया।
यह कहते हुए उसने अपनी बाँहें मेरे गले में डाल दीं।
‘वैसे मेरे पास दिल हो या ना हो, पर आपके दिल में मेरे लिए इतना प्यार देख कर जी करता है कि कच्चा चबा जाऊँ तुम्हें!’
मैं- जान.. अपनी भूख अपने होने वाले पति के लिए बचा के रखो..
मुझसे अब कुछ भी कहना दुश्वार हो रहा था.. ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरे दिल को कोई अपनी हथेलियों में रख दबा रहा हो।
डॉली- आपको पीने शौक कब से हो गया.. यह बुरी आदत है इसे छोड़ दो।
मैं- छोड़ना तुम्हारी आदत होगी.. मेरी नहीं.. वैसे तुमसे प्यार करना भी तो मेरी बुरी आदत की तरह ही है। अब तुम्हें चाहना भी छोड़ दूँ?
डॉली- हाँ.. मैं तुम्हारे लायक नहीं जय..
फिर वहाँ थोड़ी देर तक खामोशी सी छाई रही। आज मैं उसे वो हर बात कह देना चाहता था.. जो मेरे सीने में आग बन कर धधक रही थी। मैंने उसका हाथ अपने हाथों में लिया और अपने घुटने पर आ गया।
‘आज मैं एक बात कहना चाहता हूँ। मैंने जब से प्यार का मतलब जाना है बस तुम्हें ही चाहा है। मैंने जब से जिन्दगी का सपना संजोया है.. हर सपने में तुम्हें ही अपने साथ देखा है। तुम्हारी आँखों में अपने लिए प्यार देखना.. बस यही मेरी सबसे बुरी आदत है।
जब से मुझसे दूर हुई हो, मैं साँसें तो ले रहा हूँ.. पर ज़िंदा होने का एहसास खो दिया है। मैं नहीं जानता हूँ कि ये मेरा प्यार है या पागलपन। मैं इतना जानता हूँ कि अगर कोई एहसास है जिसने मुझे अब तक ज़िंदा रखा है.. तो वो तुम्हारे प्यार का एहसास है.. तुम्हारे साथ बिताए उन लम्हों की यादें हैं.. तुम मेरी दुनिया में वापस आओ या ना आओ.. मैं अपनी यादों में ही हमेशा तुम्हें इतना ही प्यार करता रहूँगा। इतना प्यार की तुम्हारी ये जिंदगी उस प्यार को समेटने में ही ख़त्म हो जाएगी.. पर ये प्यार ख़त्म नहीं होगा।’
मेरी आँखों में आंसू आ गए थे। डॉली भी घुटनों पर बैठ मेरे पास आई.. मेरे चेहरे को ऊपर करके उसने मेरे होंठों को चूम लिया।
‘मैं जानती हूँ.. तुम्हारे प्यार के लिए मेरा यह जन्म काफी नहीं.. ऊपर वाले से थोड़ा वक़्त उधार ले लो.. मैं फिर से आऊँगी.. और इस बार बस मैं और तुम होगे.. ना मम्मी-पापा कर डर होगा.. न दुनियावालों की कोई परवाह.. फिर से एक साथ अपना बचपन जिएँगे.. एक साथ जवानी और अंत में बूढ़े हो कर एक-दूसरे की बांहों में इस दुनिया को अलविदा कह जायेंगे.. पर इस जन्म में नहीं..’
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