Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-02-2019, 01:47 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
कुछेक महीने में ही भाभी ने घर की कमान फिरसे अपने हाथ में ले ली… और एक ज़िम्मेदार गृहणी के साथ साथ गाओं के सार्पंची के काम भी संभालने लगी…..!

कृष्णा भैया भी अब हर हफ्ते या बीच में क्षेत्र के दौरे के बहाने घर आ जाते थे, मेरा तो लगभग रोज़ का आना जाना रहता था, सिवाय किसी अर्जेंट काम के.

लेकिन उनके एसएसपी जैसे ज़िम्मेदार पद पर रहते हुए ज़्यादा दिन ये संभव नही था… तो हम सबने समझा बूझकर प्राची को शहर में ही रहने पर राज़ी कर लिया…

क्योंकि भैया को संभालने के साथ-साथ अभी वो अपना ग्रॅजुयेशन भी कर रही थी…,

वो इस शर्त पर शहर जाने को राज़ी हुई कि उसका जब मन होगा वो गाओं आ जाया करेगी…!

मेने और प्राची ने एक अच्छे दोस्त के नाते, अपने पुराने संबंधों को भूल कर इस नये रिस्ते को सम्मान देते हुए देवेर भाभी के रिस्ते को दिल से अपना लिया…!

प्राची की माँ मधुमिता जी और उनका बेटा संजू मेरे वाले फ्लॅट में रहते थे, जिसका पता अभी तक घर में किसी को भी नही था, वो सब यही समझते थे कि ये घर प्राची का ही है…

मधुमिता जी 42 साल की एक एवरेज सी अधेड़ महिला थी, अपने पति की कम आमदनी उसी में तीनों बच्चों के साथ खर्चे को मेनटेन करके चलना इस सबके चलते अब तक का उनका जीवन बड़ा तंगी में बीता था…

रेखा के शूसाइड के बाद से तो पिच्छले 6 महीनों से उन्होने अपने पति से भी कोई वास्ता नही रखा था, और खुद ही एक रेडीमेड गारमेंट की छोटी सी फॅक्टरी में काम करके घर चला रही थी…!

कामकाजी महिला होने की वजह से उनके शरीर में अभी तक कहीं एक्सट्रा चर्बी नही थी, सिवाय थोड़े चेहरे के वो कहीं से भी 32-35 से ज़्यादा नही लगती थी…

जिस उमर में एक स्त्री को भरपूर रति-सुख चाहिए होता है, उस उमर में उन्हें अपने पति का साथ छोड़ना पड़ा था, इस वजह से वो कुछ बुझी-बुझी सी रहने लगी थी…

प्राची की शादी के बाद अब उनकी ज़िम्मेदारी कुछ कम हो गयी थी, कुल मिलाकर माँ-बेटे खुश थे संजू भी अब अच्छे से पढ़ रहा था…!

मेरे फ्लॅट में आकर थोड़ा अच्छा रहना, अच्छे ख़ान पान की वजह से उनके चेहरे की झुर्रियाँ जो मूषिबतों के कारण आ गयी थी, वो ख़तम होने लगी, और चेहरे की रौनक लौटने लगी थी…

फ्लॅट काफ़ी बड़ा था 3बीएचके का जिसमें मेने अपने लिए एक रूम सेपरेट रखा था, जब कभी भी रुकना होता, तो यूज़ कर लेता था…!

ऐसे ही एक दिन मुझे शहर में रुकना पड़ा, रात का खाना पीना हम तीनों ने मिलकर खाया, कुछ देर मे और संजू साथ बैठकर हॉल में टीवी देखते रहे तब तक उसकी मम्मी ने किचन का काम ख़तम कर लिया…

फिर एक-एक ग्लास दूध पीकर सोने चले गये…

मेरी आदत है, रात को अंडरवेर निकाल कर अकेला शॉर्ट पहन कर ही सोता था, दूसरे दिन सुबह उठने में थोड़ी देर हो गयी….

मधु आंटी संजू को स्कूल भेजकर जल्दी ही अपने काम पर भी निकलना होता था, सो उन्होने अपने समय पर उठ कर संजू के लिए नाश्ता तैयार किया, तब तक मे सोया हुआ ही था…

उसे स्कूल के लिए विदा करके उन्होने चाय बनाई, और उसे लेकर मेरे रूम में आ गयी…,

आदत्नुसार मे कभी गेट लॉक करके नही सोता हूँ, सो वो अंदर ही चली आई, अब सुबह सुबह का एरॅक्षन, कुछ तो मूत लगने की वजह से और कुछ हसीन सपनों का आगमन,

मेरा लॉडा फुल मस्ती में खड़ा था, बिना अंडरवेर के उसने शॉर्ट के सॉफ्ट से कपड़े को उठाकर जबदस्त तंबू बनाके रखा हुआ था…!

कमरे में कदम रखते ही उनकी नज़र मेरे तंबू पर पड़ी, उसके आकर से ही उन्होने मेरे लंड का जियोगॅफिया अच्छे से पढ़ लिया, मेरे तंबू को देखकर उनकी आँखें फैल गयी…!

6 महीने से अधिक समय से अपने पति से अलग रह रही मधु आंटी की सोई हुई काम इच्छाएँ झंझणा उठी, वो अपने मुँह पर हाथ रखे टक टॅकी लगाए उसे देखने लगी…!

ना जाने मेरे सपने में क्या चल रहा था, जिसकी वजह से वो बीच-बीच में हल्के-हल्के झटके भी मार देता था…, उसकी ये हरकत देखकर वो मन ही मन मुस्करा उठी……!

फिर शायद उनके मन में रिश्तों की दीवार आड़े आ गयी, अपनी बेटी के देवर के प्रति अपने मन में ऐसे विचार आना उन्हें अच्छा नही लगा और वो अपना मन मसोस कर चाय का प्याला लिए वहाँ से लौटने लगी…!

लौटते हुए भी उनके मन की इच्छा ने उन्हें उसपर नज़र डालने पर एक बार फिरसे विवश कर दिया, और तभी मेरे लंड ने एक जोरदार झटका दिया…!

लंड के झटके ने उनके पैरों में जंजीर डाल दी, उनके बाहर को बढ़ते कदम ठिठक गये..,

इतने दिनो से सोई हुई मुनिया के बंद होठ फड़-फडा उठे…, और ना चाहते हुए भी उनके कदम मेरे बेड की तरफ बढ़ गये….!
लंड के झटके ने उनके पैरों में जंजीर डाल दी, उनके बाहर को बढ़ते कदम ठिठक गये..,

इतने दिनो से सोई हुई मुनिया के बंद होठ फड़-फडा उठे…, और ना चाहते हुए भी उनके कदम मेरे बेड की तरफ बढ़ गये….!



उन्होने चाय का कप साइड टेबल पर रख दिया, और धीरे से बेड पर मेरे पास आकर बैठ गयी…!

वो बड़े गौर से मेरे लंड की हरकतें देख रही थी, उनकी इतने दिनो से सोई हुई काम वासना जागने लगी, मेरे लंड को अपनी प्यासी चूत में लेने की कल्पना मात्र से ही उनकी चूत गीली हो गयी…!

चूत के गीले पन के एहसास से अनायास ही उनका एक हाथ अपनी जांघों के बीच चला गया…,

वो मेरे लंड के उभार और उसकी बीच-बीच में हो रही नॉटी हरकतें देख-देख कर अपनी चूत को गाउन के उपर से ही सहलाने लगी…!

मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर देखने की उनके मन में तीव्र इच्छा हो रही थी फिर भी एक लोक लाज के कारण चाहकर भी वो ऐसा नही कर पा रही थी, लेकिन वासना का क्या करें जो निरंतर बढ़ती जा रही थी…

जब वो किसी के सिर पर चढ़ने लगती है तो इंसान की सोचने समझने की शक्ति खोने लगती है, ऐसा ही कुछ उनके साथ भी हो रहा था…

वो लाख कोशिश कर रही थी कि यहाँ से चली जाए, ये ठीक नही है, अपनी बेटी के देवर के बारे में ये सब सोचना उचित नही है, लेकिन वासना के वशीभूत उनका मंन मेरे लौडे को हाथ में लेकर सहलाने के लिए उकसा रहा था…!

जब उनसे नही रहा गया, तो एक बार गौर से उन्होने मेरे चेहरे पर नज़र डाली, जहाँ उन्हें एक गहरी नींद में सोए हुए इंसान के भाव ही नज़र आए…!

पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद की मे गहरी नींद में ही हूँ, उन्होने धीरे से मेरे तंबू पर अपना हाथ रखा…!

हाथ लगते ही वो ठुमक उठा, उन्होने डर कर अपना हाथ अलग हटा लिया, और मेरे चेहरे की तरफ देखने लगी, लेकिन वहाँ उन्हें ऐसा कुछ नही दिखा जिससे ये लगे कि मे नींद में नही हूँ…!

उनके चेहरे पर घबराहट के बबजूद स्माइल आ गयी, अपने निचले होठ को दाँतों में दबाकर बड़े सेक्सी अंदाज में बुदबुदाई, तो शैतान नींद में ही उच्छल-कूद कर रहा है…

जब इसका सोते हुए ये हाल है, लेकिन जब निशा की चूत में जाता होगा तो कैसी तबाही मचाता होगा…,

सच में निशा बड़ी भाग्यशाली है, जिसे ऐसा लंड लेना नसीब में है..!

हाए राम, अपनी बेटी समान लड़की के लिए ये मे क्या सोच रही हूँ, ये मुझे क्या होता जा रहा है..?

मुझे अब यहाँ से चले जाना चाहिए वरना कुछ ग़लत हो गया तो ये मेरे बारे में ना जाने क्या सोचेंगे..?

इसी असमनजस की स्थिति में वो बेड से खड़ी हो गयी, और एक बार अपनी लार टपका रही चूत को अपने गाउन से पोन्छ्ते हुए उन्होने मेरे कंधे पर हाथ रख कर जगाया…!

लेकिन बीते दिनो ज़्यादा व्यस्तता रहने की वजह से मे ठीक से सो भी नही पा रहा था, इसलिए बिना कोई अलार्म लगाए आज चैन की नींद ले रहा था, उनके एक बार जगाने से मेरे उपर कोई फ़र्क नही पड़ा…!

वो फिरसे बेड पर बैठ गयी, और धीरे से मुझे आवाज़ देकर कंधे से हिलाया तो मे थोड़ा सा कुन्मूनाकर उनकी तरफ करवट लेकर फिर सो गया…!
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RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-02-2019, 01:47 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

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