RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
अपनी साँसें कंट्रोल करते हुए भाभी बोली – हां अब कुछ हरारत दूर हुई, अब मुझे किसी दवा की ज़रूरत नही है, ले चलो मुझे घर…!
फिर वो प्राची को संबोधित करके बोली – क्यों छुटकी पता लगा होठ तर कैसे होते हैं, तुझे भी करवाने हों तो बोल, अभी भी लल्ला के पास बहुत तरावट वाकी है…!
क्यों लल्ला सही कह रही हूँ ना मे, ये कहकर मोहिनी भाभी ने मेरी तरफ आँख मारकर मुस्कुराने लगी…!
प्राची मुस्कराते हुए बोली – हाईए दीदी.. ऐसी तरावट लेने के लिए कॉन मना करना चाहेगी भला, पर भैया मुझे थोड़ी ना वो तरावट देंगे, ये तो बस अपनी प्यारी भाभी के ही लाड़ले हैं, क्यों निशा दीदी, सही कह रही हूँ ना…!
निशा – ये तुमसे किसने कह दिया, मेरे पतिदेव इतने स्वार्थी नही हैं, चाहो तो तुम भी ले सकती हो……….!
प्राची भी मेरे किस के लिए कब्से प्यासी थी, भैया के साथ शादी करने के बाद से ही हमने एक दूसरे को अलग ही रिश्तो की डोर में समेट लिया था…!
वो नज़रें झुकाए बोली – क्या ऐसा हो सकता है भैया…?
मेने भाभी के उपर से ही लंबा होकर प्राची के चेहरे को अपने दोनो हाथों में ले लिया, और उसकी आँखों में झाँकते हुए बोला – तुमसे तो मेरे और भी बहुत से रिश्ते हैं..
भाभी तो तुम मेरी हो ही चुकी हो, उससे पहले मेरी शिष्या हो, और अब तो तुमने मेरी जान बचाकर मुझे बिन मोल खरीद लिया है प्राची, जो चाहोगी मिलेगा, किस कोन्सि बड़ी बात है…
इतना बोलकर मेने उसके लवो को चूम लिया, उसने भी मेरे गले में अपनी बाहें डाल दी, जब अलग हुए तो उसकी आँखों में आँसू थे, भर्राये स्वर में वो बोली-
मेने कभी सपने में भी नही सोचा था, कि मेरी किस्मत इतनी अच्छी भी हो सकती है, एक ग़रीब माँ-बाप की बेटी को इतना उँचा और इतना प्रेम करने वाला परिवार भी मिल सकता है…
मे सच में बहुत सौभग्यशाली हूँ दीदी…, फिर कुछ नटखट अंदाज में बोली… कभी कभी मुझे निशा दीदी को चिढ़ाने का मन करता है..
भाभी – वो क्यों ?
प्राची – मुझे लगता है, आप मुझे उनसे ज़्यादा प्यार करती हैं…! उसकी बातें सुनकर हम सब की आँखें नम हो गयी..!
निशा मेरे बाजू में आकर खड़ी हो गयी थी, तो मेने उसे अपनी गोद में बिठाकर बोला – अले.. अले.. मेरा बच्चा तो रह ही गया…
फिर उसे मेने अपनी बाहों में कस कर उसके चेहरे पर चुंबनों की झड़ी लगा दी….., !
अभी हम चारों ये बातें कर ही रहे थे, कि डॉक्टर. वीना चेक-अप के लिए आ गयी…!
हम सबको एक साथ भाभी के पलंग पर बैठे देख कर खुश होती हुई बोली –
अरे वाह ! मे तो यहाँ मरीज़ों को देखने आई थी, लेकिन यहाँ तो मुझे कोई मरीज़ दिखाई ही नही दे रहा…! सब एक दूसरे से चुपके पड़े हैं,
अरे भाई अंकुश जी, अगर थोड़ी बहुत गुंजाइश बची हो तो हमें भी इस प्यार भरी मंडली में शामिल कर लो…!
वीना की बात पर भाभी ने अपनी बाहें फैला दी, वो लपक कर उनके सीने में समा गयी, और उनकी पीठ के घाव को सहलाते हुए बोली – सच में आपका ये देवर हीरा है,
इसके दिल में सबके लिए जगह है, बहुत बड़े दिलवाला है ये, भाभी ने उसके कान में फुसफुसा कर कहा – आप भी इसके दिल में हो क्या…?
वो थोड़ा शर्मीली सी मुस्कान के साथ बोली – अर्जी तो दी थी, अब देखते हैं कब तक आक्सेप्ट होती है…!
ऐसी ही कुछ चुहल बाज़ी के साथ-साथ उसने हम दोनो का चेक अप किया, सब कुछ एक दम नॉर्मल था, फिर भाभी ने घर जाने के लिए पुछा तो उसने केर रखने का बोल कर पर्मिशन दे दी…
वीना – थोड़ा कुछ दिन इस जख्म की केर रखना, वैसे सब ठीक है, हो सका तो दो दिन बाद मे खुद आपको आपके घर आकर चेक कर लूँगी, इसी बहाने आपके वृंदावन के भी दर्शन हो जाएँगे…
भाभी समेत हम सभी ने एक साथ चोंक कर पुछा – हमारा वृंदावन…?
वीना खुलकर हँस पड़ी – अरे मोहिनी जी, आपका घर किसी वृंदावन से कम है क्या, जहाँ सबके दिल में सबके लिए प्रेम बस्ता हो.. वो घर, घर नही मंदिर बन जाता है…!
फिर मेने डॉक्टर. वीना से कहा – डॉक्टर. अगर थोड़ा समय हो तो मे आपसे कुछ डिसकस करना चाहता हूँ…!
वीना – हां .. हां क्यों नही चलो अभी, तुम मेरे कॅबिन में पहुँचो, मे 5 मिनिट में और मरीजों को चेक करके आती हूँ…!
उसके जाने के बाद भाभी ने मेरी तरफ सवालिया नज़रों से देखा, मेने आँख झपकाकर सब ठीक है का इशारा करके मे वीना के कॅबिन की तरफ बढ़ गया…!
कुछ औपचारिक बातों के बाद मेने डॉक्टर. वीना से सवाल किया – आपने मेरा फुल चेक अप किया था..?
वो – हां ! क्यों..?
मे – कोई इनफॅक्षन वग़ैरह तो नही है ना…?
वो मेरे कहने का मतलाव समझ गयी और बोली – तुम्हारा एग्ज़ॅमिन करते ही मे समझ गयी कि तुम्हें ड्रग के ओवरडोज दे-दे कर तुम्हारे साथ जबदस्ती और अन लिमिटेड सेक्स किया गया है…!
लेकिन ये एक अच्छी बात हुई, कि उन औरतों में कोई भी इंफकटेड नही थी, शायद सो कॉल्ड सभी घरों की ही होंगी जो लिमिटेड और प्रोटेक्टेड सेक्स करने वाली हैं, अब मुझे तो पता नही है कि वो कॉन-कॉन थी, और ना ही मे जानना चाहूँगी…
हां ये दीगर बात है, कि तुम अगर अपनी मर्ज़ी से बताओ तो…. ये कहकर वो मुस्करा दी…!
मे – मे तुम्हें सब कुछ बता दूँगा, थोड़ा समय दो…!
वो – जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, तो हां ! मे कह रही थी, कि वो सभी लिमिटेड सेक्स करने वाली ही औरतें होनी चाहिए या हो सकता है, उन्होने कॉंडम वग़ैरह यूज़ किया हो जिसकी संभावना कम ही है..!
मे – वो क्यों,..?
वीना – मे अपने एक्सपीरियेन्स से कह सकती हूँ, कि जो औरतें अपने तन की प्यास बुझाने के पर्पस से किसी इनोसेंट मॅन के साथ सेक्स करेगी,
वो कम से कम कॉंडम यूज़ नही करना चाहेगी.., उस’से उसे मज़ा कम आता है. और यहाँ तो सेक्शुल्ली टॉर्क्चर किया गया है तुम्हें तो भला वो अपना मज़ा खराब क्यों करना चाहेंगी…!
मे – कुछ औरतों ने कॉंडम यूज़ किया था, वो उनकी उस लीडर के कहने पर…
वीना – तो ऐसी कितनी औरतों ने सेक्स किया था तुम्हारे साथ..?
मे – पहले दिन तो 6-7 औरतों ने किया था, जिनमें से 4-5 ने कॉंडम यूज़ किया था…
वीना – तो वो 4-5 शायद धंधे वाली होंगी, या कोई और रही होंगी उसके लिए…
थोड़ा सा तुम्हारे पॅनिस के मसल्स में डॅमेज था, शायद ड्रग्स की वजह से वो ज़्यादा शख्त होने के कारण और फिर बहुत लंबे समय तक रफ सेक्स होता रहा उसकी वजह से…!
तो मेरी राय में अभी तुम कुछ दिन अपनी पत्नी के साथ भी सेक्स मत करना, 15 दिन में सब कुछ नॉर्मल हो जाएगा, और तुम पहले की तरह ही मस्त चुदाई कर सकोगे..
फिर उसने एक ट्यूब का नाम लिखकर दिया, इस’से कुछ दिन मसाज करवाते रहना सब कुछ पहले जैसा ही और शायद बेहतर ही करोगे…
क्योंकि कुछ तो इस इन्सिडेंट के कारण और कुछ इस ट्यूब की मसाज से तुम्हारा हथियार थोड़ा प्लस ही हो जाएगा…
ये कहकर वीना हंस पड़ी.. फिर आगे बोली - वाकी बस ड्रग्स की ही मात्रा कुछ ज़्यादा थी बॉडी में, सो लंबी नींद के कारण वो भी अब नॉर्मल है..!
डॉन’ट वरी ! एवेरी थिंग इस ऑलराइट नाउ, एंजाय युवर लाइफ, और हो सके तो किसी बुरे सपने की तरह इसे भूल जाना…!
मे – इस सबका खर्चा भी बता दो, उस हिसाब से मे पेमेंट का इंतज़ाम करूँ..!
वीना मुस्कुराकर बोली – खर्चा थोड़ा लंबा है, जिसे चुकाने के लिए तुम्हें मेरे पास आना पड़ेगा, और जैसा किस तुमने अपनी प्यारी भाभी को किया था, वैसा ही करना पड़ेगा…!
मे – ओह्ह्ह..डॉक्टर ! यू आर सो स्वीटी…! ये कहकर मे लपक कर उसके पास गया, मेने उसे सीट से भी नही उठने दिया, और उसके होठों पर टूट पड़ा…!
वीना के साथ एक लंबी स्मूच के बाद मे उसे थॅंक्स बोलकर खुशी-खुशी बाहर आया, अब मेरी सारी टेन्षन दूर हो चुकी थी, मेने जो सोचा था वैसा कुछ नही हुआ…
भले ही अपने स्वार्थ बस सही श्वेता ने उन औरतों को प्रीकॉशन लेने को कहकर एक तरह से मेरा भला ही किया था…!
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