vasna story मजबूर (एक औरत की दास्तान)
06-24-2019, 12:02 PM,
#19
RE: vasna story मजबूर (एक औरत की दास्तान)
जैसे ही सुनील रुखसाना के ऊपर से उठा तो वो भी काँपती हुई बिस्तर से उठी और सिर्फ़ ब्लाउज़ और सैंडल पहने नंगी हालत में ही बाथरूम में चली गयी। उसके दिल में उलझने बढ़ने लगीं कि हाय ये मैंने क्या कर दिया... शादीशुदा होकर दूसरे मर्द से चुदवा लाया... वो भी सानिया की उम्र के लड़के से... खुद से पंद्रह साल छोटे लड़के से गैर मज़हब वाले लड़के से... नहीं ये गलत है... सरासर गलत है... जो हुआ नहीं होना चाहिये था... मैं कैसे बहक गयी... अब क्या होगा...! रुखसाना बाथरूम में कमोड पे बैठ कर मूतने लगी। उसे बहोत तेज पेशाब लगी थी। उसने झुक कर देखा तो उसकी रानें और चूत उसकी चूत के पानी और सुनील के वीर्य से चिपचिपा रही थी। मूतने के बाद रुखसाना खड़ी हुई और टाँगें थोड़ी चौड़ी करके उसने अपनी चूत की फ़ाँकों को फैलाते हुए चूत की माँसपेशियों पर जोर लगाया तो सुनील का वीर्य उसकी चूत से बाहर टपकने लगा। एक के बाद एक वीर्य की कईं बड़ी-बड़ी बूँदें उसकी चूत से बाहर नीचे गिरती रही। फिर उसने अपनी चूत और रानों को पानी से साफ़ किया। उसने सोचा कि कल सुबह -सुबह केमिस्ट की दुकान से बच्चा ना ठहरने की दवाई ले आयेगी। फिर वो अपना ब्लाऊज़ और सैंडल निकाल कर नहाने लगी। फिर तौलिया लपेट कर वो बाथरूम से निकल कर बाहर आयी। सुनील ऊपर जा चुका था। रुखसाना ने अलमारी में से सलवार सूट निकाल कर पहन लिया और बाल संवार कर आदतन थोड़ा मेक-अप किया और अपने बेड पर जाकर गिर पड़ी। शाम के छः बज रहे थे। खुमारी में उसे नींद आ गयी। वो आज कईं सालों बाद चुदी थी... चुदाई अंजाने में अचानक हुई थी पर चुदाई तो चुदाई है! रुखसाना मुतमाईन होकर ऐसे मीठी नींद सोयी कि रात के नौ बजे बाहर डोर-बेल बजने की आवाज़ से ही उठी। उसने घड़ी में वक़्त देखा तो नौ बज रहे थे। उसके मुँह से निकला, “हाय अल्लाह ये क्या नौ बज गये...!” वो जल्दी से उठी और बाहर जाकर दरवाजा खोला तो बाहर नज़ीला खड़ी थी और उसके साथ में उसका छोटा बेटा सलील था जो महज आठ साल का था।

“नज़ीला भाभी आप इस वक़्त... खैरियत तो है ना?” रुखसाना ने पूछा तो नज़ीला बोली, “रुखसाना मेरे अब्बू की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गयी है... अभी फ़ोन आया है... मैं और अकरम साहब अभी वहाँ के लिये रवाना हो रहे है... तुम सलील को दो दिन के लिये अपने पास रख लो प्लीज़ हम दो दिन बाद वापस आ जायेंगे!”

रुखसाना ने कहा कि, “कोई बात नहीं भाभी जान ये भी तो आपका अपना ही घर है... आप इसे छोड़ कर बेफ़िक्र होकर जायें!”

उसके बाद नज़ीला सलील को रुखसाना के पास छोड़ कर चली गयी। रुखसाना ने दरवाजा बंद किया और सलील के साथ अंदर आ गयी। उसने एक बार फिर से घड़ी की तरफ़ नज़र डाली तो नौ बज के पाँच मिनट हो रहे थे। उसने टीवी चालू किया और सलील से पूछा कि उसने खाना खाया है कि नहीं तो वो बोला, “नहीं आँटी अभी नहीं खाया!” रुखसाना ने उसे कहा कि, “तुम टीवी देखो... मैं खाना गरम कर के लाती हूँ..!” वो किचन में गयी और खाना गरम करने लगी। खाना काफ़ी था इसलिये किसी बात की परेशानी नहीं थी। उसने खाना गरम किया और फिर डायनिंग टेबल पर लगा दिया और सलील को खाना परोस कर उसके साथ कुर्सी पर बैठ गयी।

सुनील अभी तक खाना खाने नहीं आया था। रुखसाना उसे ऊपर जाकर भी नहीं बुलाना चाहती थी क्योंकि उसकी तो सुनील से आँखें मिलाने की हिम्मत नहीं हो रही थी। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि जो कुछ भी हुआ उसके पीछे कसूर किसका है... उसका खुद का या सुनील का। वो अभी यही सोच रही थी कि सुनील के कदमों की आहट सुन कर सुनकर उसका ध्यान टूटा। रुखसाना उसकी तरफ़ देखे बिना बोली, “खाना खा ले सुनील... गरम कर दिया है!” सुनील उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठ कर खाना खाने लगा। रुखसाना भी खाना खा रही थी। वो अपनी नज़रें भी नहीं उठा पा रही थी। बार-बार उसके जहन में यही ख्याल आ रहा था कि शादीशुदा होते हुए भी उसने ये कैसा गुनाह कर डाला। खाना खाते हुए सुनील ने पूछा, “ये साहब कौन हैं भाभी?”

रुखसाना ने नज़रें झुकाये हुए ही जवाब दिया, “ये पड़ोस की नज़ीला भाभी का बेटा है... उनके वालिद की तबियत खराब हो गयी अचानक तो वो उनके यहाँ गये हैं!” फिर ना वो कुछ बोला और ना ही रुखसाना। सुनील ने खाना खाया और उसे गुड नाइट बोल कर ऊपर चला गया। उसने बर्तन उठा कर किचन में रखे और अपने रूम में आकर दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। रुखसाना सलील के साथ जाकर बेड पर लेट गयी। सलील तो बेचारा मासूम सा बच्चा था... जल्द ही सो गया। रुखसाना अभी तक जाग रही थी। शाम को तीन घंटे तक सोने की वजह से नींद भी नहीं आ रही थी और आज तो उसकी ज़िंदगी ही बदल गयी थी। वो दो हिस्सों में बट गयी थी... दिल और दिमाग! दिल कह रहा था कि जो हुआ ठीक हुआ और दिमाग गलत करार दे रहा था। दिल कह रहा था कि शादीशुदा होते हुए भी अपने शौहर के होते हुए भी वो एक बेवा जैसी ज़िंदगी जी रही थी... और अगर अल्लाह तआला ने उसकी सुन कर उसके लिये एक लंड का इंतज़ाम कर दिया है तो क्या बुराई है। रुखसाना यही सब सोच रही थी कि दरवाजे पर दस्तक हुई। घर में उसके और सलील और सुनील के अलावा कोई नहीं था तो ज़ाहिर है सुनील ही होगा। रुखसाना ने सोचा कि अब वो क्यों आया है। उसका दिल फिर जोर से धड़कने लगा। वो चुपचाप लेटी रही पर फिर से दस्तक हुई।

सलील कहीं उठ ना जाये... भले ही वो मासूम था पर कहीं उसे किसी तरह का शक हो गया तो यही सोचकर रुखसाना उठी और धीरे से जाकर दरवाजा खोला। सामने सुनील ही था। उसे देख कर रुखसाना झेंप गयी, “अब क्या है क्यों आये हो यहाँ पर...?”
Reply


Messages In This Thread
RE: vasna story मजबूर (एक औरत की दास्तान) - by sexstories - 06-24-2019, 12:02 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,559,538 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,999 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,257,901 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 950,979 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,687,558 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,109,459 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,999,927 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,219,362 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,091,065 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,611 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)