RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
मेंरी नेहा मेंरे एक्दम सामने पड़ी थी उसे देखकर मुझे अपने अंदर एक लावा बहता हुआ मह्सूस हुआ। मेंरी नजर उसकी छातीयों पर पड़ी उसने ब्रा नहीं पहना था लेकिन फ़िर भी उसके कसाव में कोई कमी नही आई थी,वो लटके हुए नहीं थे पूरी तरह से तने हुए थे और उसकी सांसो के साथ पूरी तरह से ताल मिलाते हुए बड़े आकर्षक अंदाज में हील रहे थे।मेंरा मन किया कि उसे मसल ड़ालूं और उसका रस चूसने लग जाऊं।लेकिन मैंने सब्र से काम लेना ठीक समझा। अब मैंने उसके लटके हुए हाथ की
कलाईयों को हौले से अपनी उंगलियों की गिरफ़्त में लिया और उसको आहिस्ता से उपर की तरफ़ उठाया। थोड़ा सा उपर उठाने के बाद उसके चेहरे की तरफ़ देखा वो उसी तरह से सोई रही। अब मैने उसके हाथ को छोड़ दिया अब वो झटके से नीचे आ गिरे, ऎसा २-३ बार करने के बाद भी जब वो नहीं हिली तो मैं समझ गया कि वो मुर्दों से शर्त लगा कर सोई है।अब मैं काफ़ी बेखौफ़ हो गया और मैंने भाभी के पंजो को धीरे से अपने हाथों पकड़ लिया और धीरे धीरे प्यार से उसको सहलाने लगा। कुछ देर तक इसी तरह करने के बाद मैने नेहा को सहलाने का दायरा बढ़ा लिया और अब मैं धीरे धीरे उसके बांए हाथ को कंधे तक सहलाने लगा।
इस तरह उन्मुक्त और बेसुध सोती हुई नेहा बेहद मादक लग रही थी, उसका अर्धनग्न जवान शरीर किसी भी मर्द को पागल करने के लिये काफ़ी था। अपने सामने उसे पा कर पिछले आठ माह की मेंरी दमित कामवासना जागृत होने लगी थी, मैं अत्यन्त कामुक नजरों से उसके बदन को घूर रहा था और उसके शरीर के स्पर्श का आनंद ले रहा था। इस स्त्री को इस तरह अपने सामने बेसुध पड़ा पाकर मैं तमाम रिश्तों को भूल गया और उस जवान कली के हुस्न को अपने हाथों से मसलने के लिये मैं बेचैन होने लगा।
मैने अपना हाथ अब उसके कंधे पर ही रख दिया और उसे हल्के हल्के मसलने लगा और फ़िर धीरे से मैने अपने हाथॊं की उंगलियां उसके स्तन का उभार जहां से शुरु हो रहा था वहां रख दी। आहहह कितना नर्म था उसका स्तन। अब मैं बेचैन होने लगा और धीरे धीरे मेंरा पूरा पंजा उसके बांए स्तन के उपर रख दिया।पूरा स्तन मेंरे हाथ में आते ही मेंरा लण्ड़ अपने काबू के बाहर हो गया अब वो अंदर मे बुरी तरह से झटके मारने लगा।अब मैं खिसक कर उसके पलंग से एकदम चिपक गया और उसका बांया हाथ अपने घुटनों पर रख लिया, मेंरा एक हाथ उसके बांये स्तन को धीरे धीरे मसल रहा था और अब मैंने अपने दूसरे हाथ से उसके बांए हाथ के पंजो को पकड़ लिया और उसको चूमने लगा। २-३ मीनट तक ऎसे ही मैं उसके स्तन को हौले हौले मसलते रहा और उसके हाथों को चूमते रहा फ़िर मैंने अपने दांये हाथ से उसके स्तन को मसलना छोड़ कर उसको धीरे से उसके गाऊन के बटन के उपर रखा और अपने हाथों की ऊंगलियों से ही एक छोटे से प्रयास से उसका पहला बटन खोल दिया।
पहला बटन खुलते ही मुझे उसका क्लीवेज साफ़ दिखाई देने लगा , कामवासना के अतिरेक के कारण मेंरी आंख लाल सुर्ख हो गई थी और मैं अत्यंत कामुक नजरों से उसके बदन को घूर रहा था और स्पर्श कर रहा था। मैंने अपना हाथ उसके क्लीवेज पर घुमाते हुए धीरे से अपना हाथ उसके गाऊन के अंदर ड़ाल दिया और अब मैं उसके दांए स्तन को मसलने लगा।
इंसान को जितना मिलता है उसकी भूख और बढ़ती जाती है,कभी मैं नेहा के शरीर के स्पर्श मात्र से अभीभूत हो जाता था लेकिन आज उसके दोनों स्तनों पर हाथ फ़ेरने के बाद भी मेंरी अधीरता बढ़ती जा रही थी। मैं हौले हौले उसके दोनों स्तनों को बारी बारी मसलते रहा, अब मैंने अपना हाथ उसके गाऊन से बाहर निकाला और धीरे धीरे उसके गाऊन के बाकी बचे तीनों बटन भी खोल दिये।गाऊन के चारों बटन खोल्ने के बाद मुझे उसकी नाभी तक का शरीर साफ़ दिखने लगा। बटन खोल देने के बाद मैने उसके दोनों स्तनों के उपर से गाऊन को धीरे से हटा दिया,उसके दोनों स्तन मेंरे सामने अपने पूर्ण उभारों के साथ मेंरे सामने नग्न पडे़ थे, और मैं पूरी तरह से स्वतन्त्र था उनके साथ खेलने के लिये। अब मैंने उसके दोनों स्तनों को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और हौले हौले उन्हें मसलने लगा। तभी अचानक उसके नाक से हल्की हल्की अवाज आने लगी याने वो और गहरी नींद मे चली गई।धीरे धीरे उसके नाक की अवाज बढ़ती गई और अब वो खर्राटे लेने लगी।
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