RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
उसके नाक से निकलने वाली खर्राटों की अवाज ने मुझे और भी उत्तेजित कर दिया अब मैं तनिक और दबाव के साथ उसके स्तनों को दबाने लगा।उसके खर्रटों की ध्वनी और तेज होने लगी। उसकी इस कदर गहरी नींद ने मुझे पूर्णतया बेखौफ़ कर दिया और अब मै उसके स्तनों से खिलवाड़ करने लगा। मैनें उसके स्तनों में हल्की हल्की थपकियां मारी तो वो बड़े ही मादक तरीके से उपर नीचे होने लगे।उसके स्तन क्या थे वो तो पूरे पहाड़ की पूरी तरह से भरपूर गोलाईयां लिये और उचाई लिये उसकी पूरी छाती में फ़ैले हुए थे। उसके स्तनों को देख कर ऎसा लगता था मानों उसकी छातीयों में दो विशाल गुंबद रख दिये हो। अब मैं उसे चूमने के लिये बेताब होने लगा, मेंरी अधीरता बढ़ती जा रही थी। मैंने अपना मुंह धीरे से उसके स्तनों के करीब ले गया और अपनी नाक उस पर रगड़ने लगा , आहहहह क्या मादक
खुशबु थी उसके बदन की, नेहा के तने हुए विशाल स्तनों की मादक खुशबू से मैं मदहोश होने लगा और मेंरी लालसा बढ़ती जा रही थी,अब मैने अपनी जीभ बाहर निकाली और धीरे धीरे उसके स्तनों पर फ़िराने लगा और उसे जीभ से ही धक्के लगाने लगा। जीभ क धक्का लगते ही वो थोड़ा दब जाते और पीछे हो जाते और जैसे ही मैं अपनी जीभ अंदर करता वो पुनः तन जाते और मेंरी नाक से टकराने लगते और अपनी मादक खुशबू से मुझे मदहोश करने लगते।
कुछ देर तक इसी तरह से करने के बाद मैंने अपनी जीभ पूरी तरह बाहर निकाल ली और उसे उसके पूरे स्तन पर घुमाते हुए उसे चाटने लगा, मेंरी गदराई भाभी के उन्नत जवान स्तन के मीठे मीठे स्वाद ने मेंरे उन्माद को और भी बढ़ा दिया , इस तमाम उन्माद के दौरान भी मैं पूरी तरह से सतर्क था और अपना ध्यान भाभी के खर्राटों पर लगा कर रखा था, जब तक उसकी नाक बजेगी तब तक मेंरे हाथ उसके जिस्म से खेलते रहेंगे। बहरहाल, उसके स्तनों को चाटने के कारण उसका बांया स्तन पूरी तरह से मेंरे मुंह की लार से गीला हो चुका था और इस दौरान मैंने उसके दाए स्तन को अपने बांए हाथ पकड़ रखा था और उसे मसल रहा था।
उसकी नींद और भी गहरी होते जा रही थी और अब उसके खर्रटों की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी और सांस मुंह से छोड़ने के कारण उसके ऒठ भी फ़ड़क रहे थे। अब मैने उसके दूध के निप्पल को अपने मुंह मे ले लिया और उसे हौले हौले से चूसने लगा और उसके दोनों स्तनों को भी मसने लगा . लगभग पन्द्रह से बीस मीनट तक इसी तरह से उसके स्तनों से उसकी जवानी का रस चूसने के बाद मैंने उसका निप्पल छोड़ा और दोनों हाथों से उसके स्तनों को पकड़े हुए मैंने उन दोनों स्तनों को कई बार चूमा।
अब अपना मुंह उसके चेहरे के पास ले गया और उसके बांए गाल को चूमने लगा। कुछेक "किस" उसके गालों पर देने के बाद मैने उसे चूमना छोड़ दिया और फ़िर से उसके दोनों स्तनों को पकड़ लिया और एक भरपूर कामुक दृष्टी उसके अर्धनग्न जवान शरीर पर डाली।
नेहा की जिन उन्नत विशाल छातियों को पिछले आठ माह से देख कर मैं उसमें भरे यौवन के रस को पीने के लिये मचल रहा था और मुठ्ठ मार रहा था उसे छुने और मसलने का कोई क्षण मैं व्यर्थ नहीं करना चाहता था। आज की ये रात मेंरे जीवन में कितनी अनमोल थी इसका बयान करने के लिये मेंरे पास शब्द नही है। नेहा के जवान नंगे बदन को देखना और फ़िर उसे भोगना ये एक ऎसा सुख था मेंरे लिये जिसे मैं शब्दों के जाल में नहीं बांध सकता था, ये तो गूंगे का गुड़ था जिसे वो खा तो सकता था लेकिन उसका स्वाद नहीं बता सकता था।
खर्राटों की तरफ़ ध्यान रखते हुए अब मैने उसकी चूत की तरफ़ देखा, उसका गाउन मैने पेट के उपर तक उठा दिया था और अब वो लग्भग नंगी ही कही जा सकती थी। मैं अपना मुंह उसकी चूत के पास ले कर गया और अपनी नाक उसकी चूत पर रख दी और उसकी जवान चूत की मदहोश करने वाली खुशबू को सूंघने लगा। उसकी चूत की खुशबू ने मुझे लग्भग पागल बना दिया और अब मै उसकी चूत पर अपना हाथ घुमाने लगा। नरम नरम क्लीनशेव जवान चूत पर मेंरा हाथ असानी से फ़िर रहा था, कुछ देर तक इसी तरह से उसकी चूत पर हाथ फ़ेरने के बाद मैंने अपनी पूरी हथेली उसकी चूत पर रख दी और अब उसकी पूरी चूत मेंरी हथेली में समा गई। और अब मैंने अपनी पहली उंगली उसकी चूत की दरार में हौले से घुसा दी और धीरे धीरे उसे सहलाने लगा।थोडी देर तक इसी तरह से उसकी चूत को सहलाने के बाद मैंने अपने बांए हाथ के अंगूठे और उंगली से उसकी चूत की दोनों फ़ांको को फ़ैलाया, अब मुझे उसकी चूत का गुलाबीपन साफ़ दिखाई देने लगा। अब मैं उसकी जवान बुर का रस पीने के लिये बेचैन होने लगा और मैंने धीरे से अपना मुंह उसकी चूत में लगा दिया और उसकी चूत से जवानी का रस चूसने लगा।
|