RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
अपनी मां और बहन को इस तरह से हंसते हुए देख कर सनी की जान में जान वापस आई . उसकी मां उसके पास जा कर बोली तू तो ऎसे ड़र गया था जैसे तेरी कोई चोरी पकड़ी गई हो या तू कहीं से ड़ाका ड़ाल कर या किसी का खून कर के आया हो।
चोरी तो उसने की थी अपने ईमान की और ड़ाका ड़ाला था अपनी ही माँ समान सगी भाभी की जवानी
पर और खून किया था अपनी ही अन्तरात्मा का। लेकिन ये किसी को दिखाई नहीं दे रहा था। खुद सनी को भी नहीं।
वैसे भी आज के जमानें में चोरी उसी को कहते हैं जो पकड़ी जाय। सो सनी साहूकारों की तरह खड़ा हो गया। वो समझ चुका था कि बात कुछ और ही है और वो नाहक ही ड़र रहा था।
कुछ क्षण पहले फ़ांसी लगा कर मरने की बात सोचने वाला सनी न केवल फ़िर से निर्लज्ज बन गया बल्कि पहले से ज्यादा बेखौफ़ भी . उसे पूरा यकीन हो गया कि ये गदराई हसीना कभी अपना मुंह नही खोलेगी। ऎसा विचार मन में आते ही उसने पूरे दो दिनों के बाद फ़िर से अपनी भाभी के गदाराए बदन को नीचे से उपर तक देखा और उसकी नज़र फ़िर से उसकी झिनी साड़ी के अंदर दिखने वाले उसके क्लिवेज पर पड़ने लगी। उसके लंड़ ने पेण्ट के अंदर से झटका मार नेहा की रसीली जवानी को सलामी दे ड़ाली।
जिस तरह से दिया बुझने से पहले आखिरी बार जोर से जलता है उसी तरह सनी की अन्तरात्मा भी उसे लगातार दो दिन तक अपराध बोध कराने के बाद आज सदा सदा के लिये चुप हो गई। सनी काफ़ी आज़ाद मह्सूस कर रहा था।
पाप करने के लिये लोग नये नये बहाने बनाते हैं और उसे सही साबित करने के लिये अपने हिसाब से तर्क देते हैं। इंसान का मन एक वकील की तरह काम करता है। जिस तरह एक वकील अदालत में अपने तर्कों से अपने क्लाइंट के गलत काम को भी सही साबित कर देता है और उसे सजा से बचा लेता है। उसी प्रकार सनी के अंदर बैठा उसका मन रुपी वकील भी उसे समझा रहा था कि उसने जो किया उसमें कुछ भी गलत नहीं है। आखिर नेहा जवान है और पति उससे काफ़ी दूर है और अगले काफ़ी महिनों तक उसके यहां वापस आने की कोई गुंजाईश भी नही है, ऎसे में अपनी शरीर की जरुरतों के आगे यदि वो झुक गई और किसी और से उसका रिश्ता बन गया तो?
जिस प्रकार इंदौर की एक जैन साध्वी इंदुप्रभा अपने शरीर के ताप को न सह पाई और अपने ही दूध वाले राधेश्याम गुर्जर के साथ भाग गई थी तो कैसे पूरे देश में जैन समाज की नाक कटी थी। कहीं नेहा ने ऎसा कोई कदम उठाया तो पूरे समाज मे तुम्हारे परिवार की नाक ही ही कट जायगी .
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