RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
एक चतुर शेर जिस तरह से झुंड़ से अपने शिकार को पहले अलग करता है और फ़िर उसे थका कर उस पर झपट्टा मार कर उसका काम तमाम कर देता है उसी तरह सनी ने नेहा को अलग थलग तो कर दिया था और अब उस पर झपटने की तैयारी कर रहा था।
वो दोनों भी अब उपर अपने अपने कमरों की तरफ़ जाने लगे। नेहा थोड़ा आगे थी और सनी उसके पिछे। नेहा जैसे ही सीढियों पर पांव रखती उसकी बड़ी बड़ी विशाल मांसल गांड़ बडे उत्तेजक तरिके से हिलता उसे देख कर उसके पिछे आ रहे सनी बुरी तरह से उत्तेजित हो गया और उसका लंड़ पेंट फाड़ कर बाहर आने के लिये बेताब होने लगा।
इसी तरह अपनी भाभी की हिलती गांड़ को देखते हुए वो उपर तक पहुंच गया। जैसे ही नेहा उसके दरवाजे के सामने से गुजरी उसने पिछे से अवाज लगाई, भाभी।
नेहा रुक गई उसने पिछे मुड़ कर सनी की तरफ़ देखा। तब तक वो नेहा के पास पहुंच गया।
नेहा के पास पहुंच कर उसने उससे बोला मैं आपको थैंक्स कहना तो भूल ही गया था। वो मुस्काराई लेकिन प्रत्यक्षत: बोली किस बात का थैंक्स?
सनी : जी वो सगाई की बात पक्की कराने के लिये।
नेहा: अच्छा! लेकिन इसमें थैक्स जैसी क्या बात है जब उमर होती है तो शादी तो करनी ही पड़ती है न, वरना बच्चे बिगड़ जाते हैं। ऎसा बोल कर वो नजर निची कर व्यंग से मुस्कुराने लगी।
सनी : हां ठीक कहा आपने सब काम ठीक समय पर होना चाहिये वरना कुछ लोग बिगड़ जाते है और कुछ कुंठित हो जाते है। अब हंसने की बारी सनी की थी। उसने नेहा का हाथ पकड़ा और कहा आओ न भाभी अंदर बैठ कर कुछ बाते करते हैं।
नेहा : अभी ! अरे नहीं कल बात करेंगे मुझे नींद आ रही है।
लेकिन उसकी बात को अन्सुना करते हुए उसे लगभग खिंचते हुए अपने कमरे में ले आया और बोला मुझे नीता के बारे में बताओ।
नेहा : क्या बताऊं मै उसके बारे में ? वो तो एक सीधी सादी घरेलु लड़्की है और क्या ?
सनी : वो तो होगी ही आखिर आपकी बहन जो है। लेकिन मुझे और बताईये उसके बारे में जैसे उसकी पसंद नापसंद उसके शौक बगैरह . इस बात करते हुए सनी ने नेहा को अपने पलंग पर बैठा दिया और खुद उससे लग्भग सट कर बैठ गया। इस दौरान उसने नेहा का हाथ थामे रखा और सदा की भांती नेहा लाचार की तरह बैठी रही उसमें अपना छुड़ाने का साहस नहीं था।
वो उसे नीता के बारे में बताने लगी। लेकिन सनी का ध्यान उसकी बातों में नहीं बल्की उसके जिस्म पर था। वो तो किसी तरह नेहा को अपने पास बैठाये रखना चाहता था। इसी तरह बाते करते हुए लग्भग २०-२५ मीनट हो गये तो अचानक वो झटके से खड़ी हो गई और उसने कहा अब चलना चाहिये काफ़ी देर हो गई है सुबह जल्दी उठना है। सनी भी खड़ा हो गया और बोला ठीक है भाभी लेकिन एक बात मैं बार बार आपसे कहना चाहता हूं .
नेहा : वो क्या?
सनी : यही की आप बहुत अच्छी हो और ऎसा कहते हुए उसने नेहा के गाल पर एक हल्का सा चुंबन लगा दिया।
इस अप्रत्याशित बात से नेहा थोड़ी हड़बड़ा जाती है और केवल इतना ही कह पाती है " अरे" , और फ़िर वो अपने रुम की तरफ़ तेज कदमों से चलते हुए जाने लगती है। सनी मुस्कुरा देता है और हौले से कहता है गुड़ नाईट भाभी।
वो भी प्रत्युत्तर में गुड़ नाईट कहती है और अपने रुम में चली जाती है।
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