RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
वो धीरे धीरे अपनी चूत को सहला रही थी और अंदर तक साबुन लगा कर उसे साफ़ कर रही थी। अब तक उसकी आंखें बंद ही थी क्योंकि साबुन उसके चेहरे पर लगा हुआ था और सनी उसी तरह बेखौफ़ नेहा के नंगे बदन को घुरते रहा . उसने देखा अब नेहा कुछ ज्यादा ही जोर से अपनी चूत को मसल रही थी शायद उसे ऐसा करने में मजा आ रहा था।
अब उसने अपनी उंगली को हल्का सा साबुन वाला कर के उसे अपनी चूत के अंदर डाल दिया और उसे अंदर तक साफ़ करने लगी और धीरे धीरे उसे अंदर बाहर करने लगी।
स्त्री की योनी की बनावट ही ऎसी होती है कि उसे अपनी योनी की सफ़ाई पर खास ध्यान देना होता है अन्यथा उसके संक्रमित होने का खतरा बना रहता है और उसे यूरिन इन्फ़ेक्शन का खतरा हो सकता है।लेकिन सनी को ऐसा लगा कि नेहा चूत की सफ़ाई के अलावा भी कुछ और कर रही है। बेचारी बिना पति के आखिर करे भी क्या? लेकिन उसका नितांत गोपनीय रहस्य भी अब सनी के सामने उजागर हो गया।
अंदर तक उंगली ड़ालने के कारण कई बार उसके मुंह से एक हल्की सी आह निकल जाती जिसे उसके एक्दम सामने खड़े सनी को साफ़ सुनाई दे रही थी। कभी कभी उसके मुंह से सी सी की अवाज भी निकल जाती थी। सनी इन बातों क मतलब अच्छी तरह्से समझता था। कुछ देर तक इसी तरह से अपनी चूत की सफ़ाई करने के बाद अब वो शावर चालू करने के लिये उसकी चकरी ढूंढने लगती है . आंखे बंद किये हुए वो दिवाल के पास हाथ को इधर उधर धूमाने लगती है और कुछ ही क्षणों में वो शावर की चकरी को पकड़ कर उसे घुमाने लगती है और शावर चालू हो जाता है और उसका पानी उसके चेहरे में पड़्ने लगता है और वो अपना मुंह से साबुन साफ़ कर लेती है।
मुंह से साबुन निकलते ही नेहा फ़िर से अपनी आंख खोल देती है और जैसे वो अपनी आंख खोलती है सनी तत्काल वहां से हट कर थोड़ा आगे चला जाता है और बाथरुम की दिवार से सट कर बांए तरफ़ चिपक कर खड़ा हो जाता है। अब यदी नेहा बाहर आती तो उसे तुरंत सनी दिखाई नही देता लेकिन कपड़े के पास आते ही उनका सामना होना तय था। अब सनी उसके बाहर आने का इंतजार करने लगा।
लग्भग दो तीन मीनट के इंतजार के बाद बाथरुम के अंदर सारी अवाजें बंद हो गई और बाल्टियों और मग्गे को किनारे रखने की अवाज आई। अब सनी एकदम सतर्क हो गया क्योंकि उसके जीवन का वो स्वर्णिम क्षण आने वाला था जिसके उसे काफ़ी लंबे समय से इंतजार था और अगले कुछ पलों के बाद होने वाली घटनाएं उन दोनों के जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने वाली थी।
सनी को पता था कि या तो वो वो सब कुछ हासिल कर लेगा जो वो पाना चाहता है या फ़िर हमेशा के लज्जित या तिरकृत जीवन जीने के लिये मजबूर हो सकता था। लेकिन सनी ने तय कर लिया था कि वो खतरा मोल लेगा चाहे नतीजा कुछ भी हो।
औरते आम तौर पर रोज सर नहीं धोती केवल हफ़्ते में एकध बार ही धोती हैं क्योंकि बाल लंबे होने के कारण उन्हें बनाने में उन्हें काफ़ी वक्त लगता है, सो जब वे अपना सर नहीं धोती तो नहाते समय अक्सर अपने सर टावेल से बांध लेती हैं ताकि बाल गीले न हो और उन्हें बनाने में उनका वक्त जाया न हो।
नेहा के सर पर टावेल बंधा हुआ था और बाकी तमाम बदन नंगा था। वो बेखौफ़ थी क्योंकि किसी के कमरे में होने का उसे अनुमान ही नही था। और हो भी क्यों?
नग्न नेहा बाथरुम से बाहर निकलती है और सीधे अपने कपड़ों के पास जा कर खड़ी हो जाती है।
जैसे ही वो अपने कपड़ों के पास पहुंचती है उसे अपनी आंख की कोर से बाथरुम की दिवार के पास किसी के खड़े होने का अहसास होता है। वो तुरंत उधर देखती है।
बहां नजर पड़्ते ही उसकी आंखे फ़ट जाती है और वो फ़टी फ़टी निगाहों से टक्टकी लगाकर सनी की तरफ़ देखने लगती है। उसके पूरे बदन में एक ठंड़ी सी सिहरन पैदा होती है। और उसके पांव थरथराने लगते है। उसका चेहरा भय से पीला पड़ जाता है और मुंह खुला का खुला रह जाता है। उसे अपनी आंखों के सामने अंधकार दिखाई देने लगता है, और उसे ऐसा लगता है कि वो अभी गश खा कर गिर जायेगी। जो कुछ वो अपने सामने देख रही थी उस पर उसे सहज विश्वास नहीं हो रहा था।
ठंड़े पानी से नहा कर निकलने के बावजूद उसे पसीना आने लगता है और उसे ऐसा लगता है कि उसके दिल की धडकन अचानक बढ़ गई है .
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