RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
नेहा का चेहरा नीचे की तरफ़ झुका हुआ था वो पूरी तरह से शर्मसार थी और बेबसी के मारे उसकी आंखॊं से आंसू निकल आये थे लेकिन सनी उसकी बेबसी और उसके मौन संघर्ष को अपनी विजय मान रहा था और बेहद खुश हो रहा था और अत्यन्त कामुक भी इतने लंबे इंतजार के बाद आज उसकी गदराई हसीना उसके सामने बिल्कुल नंगी और बेबस जो खड़ी थी।
अब वो नेहा के बेहद करीब चले जाता है और उसके नंगे बदन से लगभग चिपक जाता है , नेहा को अपनी लजा बचाने का एक ही उपाय सूझता है कि वो बैठ जाय और वो अपने पैरों को ढीला छोड़ देती है जिसके सनी के लिये उसे खड़ा रखना संभव नहीं रह पाता अब नेहा जमीन पर बैठ जाती है तो सनी भी उसके सामने उकड़ू बैठ जाता है।
वो उसके हाथों को छोड़ देता है नेहा दोनों हथों के अजाद होते ही अपने हाथों को अपने सीने से लगा देती है और अपने स्तनों को छुपाने का असफ़ल प्रयास करती है वो अपने दोनों पैरों को सिकोड़ लेती है और अपना सर घुटनों में दबा कर अपना मुंह छुपाने का प्रयास करती है। नेहा को इस मुद्रा में देख कर सनी को करीब करीब ये अंदाज तो हो ही जाता है कि अब इसका समर्पण लग्भग हो चुका है।
अब वो नेहा के दांए तरफ़ बैठ जाता है और उसके दांए पैर को पकड़ कर सीधा कर देता है और उसके घुटनों पर अपना घुटना रख देता है और धीरे धीरे उसकी चिकनी जांघ को सहलाने लगता है। नेहा उसी तरह अपना चेहरा घुटनों छुपाए हुए सनी से कहती है "आप जो भी कर रहे हैं वो बहुत गलत है भाभी तो मां के समान होती है, प्लीज मुझे छोड़ दिजिये मैं आपके हाथ जोड़ती हूं। अपनी मां समान भाभी को ऐसे बेईज्जत मत किजिये।
सनी पूरी तरह वासना की तरंग में झूम रहा था और इस तरह से नेहा को अनुनय करते देख उसकी उत्तेजना और बढ़ जाती है। अब वो नेहा के बगल में बैठ जाता है और उसको बांए कंधो से पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच लेता है और अपनी गोद में उसका सर रख लेता है और उसके दोनों हाथों को पकड़ कर फ़िर से उसके सर के उपर कर लेता है। और उसके विशाल स्तन फ़िर से सनी के सामने झूलने लगते हैं।
इतनी खूबसूरत नंगी लड़्की को अपनी गोद में पाकर सनी तो जैसे पागल हो जाता है और वो पागलों की तरह से उसके चेहरे को चूमने लगता है और अपने एक हाथ को उसके स्तन पर रख उसे मसलना चालू कर देता है। वो नेहा के कानों के पास अपना मुंह ले जा कर धीरे से बोलता है " तू ठीक बोलती है कि भाभी मां के समान होती है लेकिन तब जब वो ४५ या फ़िर ५० साल की हो लेकिन जानम तुम तो मेंरे से भी एक साल छोटी हो मैं २४ साल का हूं और तू तो २३ साल की ही है तो फ़िर तू मेंरी मां कैसे हो सकती है? जानेमन तू मेंरे लिये "मां" समान नही बल्कि "माल" के समान है। और वो अपने गोद में निढाल पड़ी नेहा के स्तनों में हाथ घुमाने लगता है फ़िर वो अपना हाथ उसके पेट में घुमाते हुए उसकी बिना बालों वाली चिकनी चूत में रख देता है।
अपनी नरम चूत पर सनी का हाथ लगते ही नेहा चिहुंक उठती है और सनी हौले हौले उसे सहलाने लगता है, और बड़े ही बेशर्म तरिके से और कामुक अंदाज में उससे कहता है आज इसके अंदर अपना ड़ालूंगा और इसको खूब प्यार करुंगा। आज से ये मेंरी है। बोल जानम देगी न मुझे इसके अंदर अपना लंबा वाला ड़ालने के लिये।
सनी कहना जारी रहता है "ऐसा मैंने सुना है कि शर्म किसी भी औरत का आभूषण होता है लेकिन नेहा मै इसमें आगे और एक बान जोड़्ना चाहता हूं कि नग्नता किसी भी खूबसूरत औरत का सबसे बढिया बस्त्र होता है। और आज तूने अपना सबसे अच्छा बस्त्र पहना है मेंरे सामने। नेहा तू सदा इसी वस्त्र में आना मेंरे सामने मैं तुझे इसी बस्त्र में देखना चाहता हूं।
अब सनी अपनी बातों में भी हल्कापन ले आता है उससे हल्के स्तर की सेक्सी बातें करने लगता है। वो कहने लगता है तू नंगी बहुत अच्छी लगती है नेहा, तू सदा मेंरे सामने नंगी ही रहना। तेरे इस खूबसूरत नंगे बदन को देख कर मुझे बड़ा सकून मिल रहा है।
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