RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
सनी नेहा की चूत में उंगली अब कुछ ज्यादा ही तेजी से रगड़ने लगा, नेहा भी अब अपने आपे से बाहर होते जा रही थी। तभी सनी ने नेहा की चूत के दरारों पर उंगली रगड़्ना बंद कर दिया और धीरे से वो उसकी चूत का वो हसीन छेद तलाशने लगा जिसे पाना और उसका भोग करना हर कामुक मर्द की हसरत होती है। आखिर सनी ने नेहा की चूत के छेद पर उंगली रख दी और फ़िर हौले से उसे धक्का लगाते हुए उसने अपनी उंगली एक पोर उसमें ड़ाल दिया और धीरे धीरे उसे अंदर बाहर करने लगा।
नेहा के लिये ये एक विचित्र अनुभव था हालांकि शादि के बाद संजय के साथ उसके कुछेक बार शारीरिक संबंध बने जरुर थे लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया उसके था। उसने कभी नेहा को उत्तेजित करने की जरुरत नहीं समझी थी या शायद उसे ये पता ही नहीं था कि सेक्स केवल खुद के मजा लेने का नाम नहीं है बल्कि अपने साथी को भी चरम सुख तक पहुंचाने का नाम है। वही सेक्स सच्चा सेक्स होता है जिसमें दोनों परमसुख की प्राप्ति कर सके। अगर एक भी पक्ष नासमझ हो खासकर पुरुष तो फ़िर वो सेक्स ना हो कर केवल एक नीरस शारीरिक क्रिया मात्र रह जाती है। संजय इस मामले में फ़िसड्डी साबित हुआ था।
इस तरह उंगली के अंदर बाहर होने से ना चाहते हुए भी नेहा की चूत गीली होने लगी और उसमें से एक चिकना पदार्थ बाहर आने लगा जिससे सनी और भी असानी से अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा। तभी अचानक नेहा की कमर ने एक हल्का सा झटका लगाया। ये नेहा ने नहीं लगाया था लेकिन काम की अधिकता से अपने आप ही हो गया था जो अत्यंत स्वाभाविक था।तुषार ने भी इसे साफ़ महसूस किया और समझ गया कि अब मेंरी रानी वासना के समुंदर मे गोते लगाने के लिये तैयार हो चुकी है। उसने उसी तरह बैठे हुए पूछा " मजा आ रहा है जान, पूरी उंगली ड़ाल दूं क्या तेरी चूत में? अब सनी ने नेहा से सभ्य भाषा में बात करना छोड़ ही दिया था और वो उससे अश्लील भाषा का ही प्रयोग करने लगा था। ऐसा करने से उसे नेहा की नंगी जवानी पर पूर्ण विजय और अधिकार का अहसास जो होता था।
अब सनी ने उसकी चूत में अपनी उंगली और गहराई तक घुसा दी और उसे और भी तेजी से अंदर बाहर करने लगा . अब तो नेहा का अपने शरीर से नियंत्रण खतम होने लगा और उसकी कमर उसकी इच्छा के विरुद्द झटके देने लगी। वो बड़ी लज्जित थी और शर्म के मारे उसने अपनी आंखे बंद कर ली थी। वो शुरु से सनी से हर क्षेत्र में लगातार हार ही रही थी और आज भी उसके सामने पूरी तरह से बेनकाब हो गई और अपनी इसी झेंप को मिटाने के लिये वो आंखे बंद किये हुए अपना सर दांए बांए घुमा रही थी और बड़बड़ाते जा रही थी " नहीं प्लीज छोड़ दो मुझे , बस अब नहीं आह मैं मर जाउंगी मेंरा सर चकरा रहा है मुझे छोड़ दो। नेहा बोले जारही थी लेकिन सनी के उपर इसका कोई असर नहीं हो रहा था बल्कि वो तो और भी उत्तेजित हो रहा था।
सनी अब और तेज गति से उसकी चूत में उंगली ड़ाल रहा था और नेहा अब उत्तेजना के मारे अब अपनी कमर को जोर जोर से उपर तक उछालने लगी और बोलने लगी " पागल हो जाउंगी मैं मुझे छोड़ दो" लेकिन सनी ने उसकी चूत को जो से भीच लिया और धीरे से बोला मैं तुम्हें अभी छोड़ दुंगा लेकिन तुम वादा करो कि तुम अपनी चूत में मुझे अपना लंड़ ड़ालने दोगी और वो भी आज ही , तुम बोलो तो मैं तुम्हें छोड़ देता हूं लेकिन आज रात मैं तुझे जी भर के चोदुंगा। बोल है मंजूर ? नेहा ने बला टालने की गरज से कह दिया ठीक है अभी छोड़ दो। लेकिन सनी भी कम नहीं था उसने तुरंत कहा यदि धोखा दिया तो? परिणाम पता है न? उसने कहा अगर धोखा दिया याद रखना तेरी बहन के सगाई के साथ का प्रोग्राम केंसल .
सनी के मुंह से ऐसी बातें सुन कर नेहा ने चौंक कर उसकी तरफ़ देखा लेकिन सनी हंस रहा था उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान थी। नेहा के इस तरह चौंकने से वो ये समझ गया कि उसका तीर निशाने पर लगा है।
नेहा ने प्रत्युत्तर में कहा तुम्हें जो करना है वो करो मुझे क्या? और नीता के लिये कोई लड़्को की कोई कमी नहीं है , वो नही मरे जा रही है तुमसे शादी करने के लिये तुम्हारी माँ ही पीछे पड़ी थी इस रिश्ते के लिये। और क्या इस तरह से ब्लेकमेल कर के शादी करोगे? अरे तुम क्या केंसल करवाओगे इस सगाई को तुम देखना मैं खुद ही केंसल करवाउंगी इस रिश्ते को और तुझे बेनकाब करवाउंगी सबके सामने। अच्छा हुआ तेरी सच्चाई सामने आ गई। तुझ जैसे से शादी करने से तो अच्छा है कि वो जीवन भर कुंवारी ही रह जाय।
अपनी मां और अपना अपमान सनी सहन नहीं कर पाया और वो क्रोध में पागल हो उठा उसने अपने एक हाथ से नेहा के बाल जोर से पकड़ लिये और दूसरे हाथ से उसकी चूत को बुरी तरह से रगड़ दिया , नेहा के मुंह से आह निकल गई साथ ही साथ उसे ये भी अहसास हो गया कि वो कुछ ज्यादा ही बोल गई है .
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