RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
अब सनी ने बोलना चालू किया "साली मादरचोद कभी घर में खाने के ठिकाने नहीं थे यहां खा खा कर गांड़ मोटा गई है तेरी, शादी के लिये तन ढकने के लिये दो कपड़े देते की हैसियत भी तो है नहीं तुम्हारे परिवार की और बोलती है कि उसके लिये लड़्कों की कमी नहीं है , कौन करेगा तुम जैसे भुख्खड़ भिखारियों से रिश्ता? जा, कर के देख तब पता चलेगा कैसे तय होते है रिश्ते? और मेंरी जिस मां के बारे में तू कह रही है कि वो पिछे पड़ी है इस रिश्ते के लिये तो सुन साली मादरचोद मेंरी उसी मां की बदौलत ही तू इस घर में है . ये उसी के विचार है कि तू गरीब परिवार की होने बाद भी हमरे घर की बहू है समझी।
सनी अभी भी तनिक क्रोधित ही था उसने धक्का दे कर उसे अपने से दूर कर दिया . और नेहा अब उससे एक हाथ की दूरी पर जमीन पर नंगी बैठी थी उसकी तफ़ पीठ किये हुए और वो उसे घूर रहा था। नेहा ने अपना चेहरा अपने हाथों से छुपा लिया और सुबकने लगी।
ठुकराया जाना किसी भी स्त्री के लिये सबसे बड़ा अपमान होता है, सनी ने जब नेहा को धक्का दे कर दूर हटा दिया तो उसके मन में एक अघात सा लगा . एक जवान खुबसुरत औरत पूर्णत: नग्न किसी मर्द के सामने हो और वो उसे ठुकरा दे ये तो किसी भी स्त्री के लिये बड़ी शर्मनाक बात होती है और खतरे की घंटी भी। स्त्री के जिस नग्न रुप को देखने और पाने के लिये पुरुष तरह तरह की कवायदें करता है उसी स्त्री को यदि कोई पुरुष नंगी करके ठुकरा दे ये तो उसके लिये बलात्कार से भी बड़ा अपमान होता है।
सनी की बातों का असर नेहा पर हुआ जरुर लेकिन थोड़ी देर के बाद और दोनों की आपस में नोंक झोंक औत तू तू मैं मैं के बाद। अब जमीन पर अपने पांव मोड़ कर बैठी नंगी नेहा सोचने लगी कि यदि इसने सचमुच नीता के साथ सगाई से मना कर दिया तो? मेंरा परिवार नाहक ही बदनाम हो जायेगा . और फ़िर पता नहीं सनी क्या कारण बतायेगा सगाई न करने के लिये? अब उसे कुछ घबराहट होने लगी , उसकी स्थिती सांप छछूंदर वाली हो गई थी न उगलते बन रहा था और ना ही निगलते।
नेहा की स्थिती बड़ी ही दुविधा वाली हो गई थी , इधर कुंआ तो उधर खाई . सनी की शर्त ही ऐसी थी यदि नीता के साथ सगाई करवानी है तो उसे अपनी बुर चुदवानी होगा सनी के लंड़ से और यदि सनी कि बात ना मानी तो सनी चोदेगा उसके परिवार की इज्जत को पूरे समाज के सामने। आपनी स्थिती पर खुद नेहा को ही तरस आ रहा था लेकिन कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था उसे इस विकट परिस्थिती से बाहर आने के लिये। वो सनी को इतना ज्यादा बोल चुकी थी कि अब उससे वापस होने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता था क्योंकि अपनी बात वापस लेने या उसके सामने विनम्र होने का मतलब था उसके सामने समर्पण करना, सो उसने उसका हिम्मत से सामना करने का निश्चय किया।
नेहा लगभग पिछले २० मीनट से सनी के सामने नंगी पड़ी थी सो अब शर्म जैसी बात काफ़ी खतम हो चुकी थी . जिस शरीर को छुपाने में स्त्री अपना सर्वस्व लगा देती है उसे यदि सनी ने देख लिया है तो थोडी देर और सही देख जितना देख सकता है फ़िर तो इसे कभी मेंरी परछाई भी देखने को नसीब नहीं होने वाली ऐसा सोच कर नेहा पलटी और सनी को बोली " सुन अब ना तो मैं यहां रहने वाली हूं और ना ही मुझे इस बात से कोई मतलब कि तुम क्या फ़ैसला लेते हो मेंरी नजर में तुम्हारी जो इज्जत थी वो खतम हो चुकी है और मैं ये बात अपने दिल से कह रही हूं कि यदि तुम्हारे साथ नीता की सगाई ना हो तो नीता से ज्यादा कोई भाग्यवान नहीं होगा, लेकिन तुम यदि ये सोच रहे हो कि अपनी गंदी
मानसिकता और हरकतों से अपने और खासतौर मेंरे परिवार को जिस मुसीबत में ड़ालने की सोच रहे हो तो मैं तुम्हारे मंसूबे कभी भी पूरे नहीं होने दूंगी। उसने बोलना जारी रखा "यदि तुमने सगाई तोड़ने की कोशीश भी की तो मैं तुम्हारी सच्चाई तुम्हारे घर वालों को बता दूंगी और यदि जरुरत पड़ी तो तुम्हारे खिलाफ़ F.I.R. भी लिखवाउंगी। उसने सनी को धमकाते हुए कहा तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम नीता से बिना शर्त सगाई कर लो वर्ना इसका अंजाम बहुत बुरा होगा . और फ़िर मेंरी बातों से तुम्हारे परिवार की जो बेईज्जती होगी और मम्मी,पापा,दिया और संजय को तकलिफ़ होगी उसका जिम्मेंदार केवल तू होगा सनी। अब नेहा ने भी उसके साथ सभ्यता से बात करना छोड़ दिया और वो उससे तू तड़ाक की भाषा बोलने लगी।
|