RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
अपना लंड़ नेहा की चूत में ड़ालने से पहले वो अपना मुंह नेहा के गालों के पास ले जाता है और उसे बेतहाशा चूमने लगता है, और फ़िर काम की उत्तेजना में उससे कहता है " नेहा जान आज से तुम सदा सदा के लिये मेंरी हो जाओगी, आज मैं तुम्हें वो सुख दूंगा और ऐसी दुनिया की सैर कराउंगा जिसे पाने के लिये तुम बार बार मेरे पास आओगी। तेरे इस खूबसुरत जिस्म की जरुरत "संजय" जैसा इंसान कभी नहीं समझ सकता .
तुम्हे आज इस बात का अफ़सोस होगा कि तुम इतए महीनों तक इस सुख से वंचित क्यों रही? (अब वो उसे संजय के खिलाफ़ भड़्काने से नहीं चूकता था, क्योंकि उसे नेहा का जिस्म एक दो दिनों के लिये नहीं बल्की जीवन भर के लिये हासिल करना था।) वो आगे बोलना जारी रखता है " कल "संजय" आ रहा है न नेहा तो देख लेना तुम अपने प्रति उसका रवैया .
नेहा के गालों को चूमने और उसे "संजय" के प्रति भड़्काने के बाद वो वाहां से उठता है और फ़िर से अपना लंड़ उसकी चूत में रगड़्ने लगता है। उसका एक हाथ नेहा की जांघो और उसकी गांड को सहला रहे थे और दूसरे हाथ से वो नेहा की छातियों को मसल रहा था . अब सनी के सहन शक्ति जवाब दे जाती है और वो अपना लंड़ नेहा की चूत में लगा देता है।
लंड़ के चूत में लगते ही नेहा सतर्क हो जाती है और आगे होने वाली घटना का अनुभव करते हुए अपनी आंख और होठों को बुरी तरह से भींच लेती है। इधर सनी भी बेहद उत्तेजित और खुश था आखिर पिछले कई महिनों की उसकी हसरत अब पूरी जो होने वाली थी। वो अपने लंड़ में थोड़ा सा दबाव ड़ालता है और हल्का सा धक्का देता है और अपने लंड़ का सुपाड़ा उसकी चूत में घुसेड़ देता है। कई महीनों के बाद नेहा की चूत में लंड़ घुसा था सो य्सकी चूत अंदर से सकरी हो गई थी, लंड़ के अंदर जाते ही उसके अंदर एक खलबली मच जाती है और दर्द से उसके मुंह से एक आह निकल जाती है।
कुछ क्षणों तक इसी तरह नेहा को दर्द से कराहते देख सनी उसका मजा लेता है फ़िर थोड़ा और धक्का वो अपने लंड़ मे लगाता है तो वो लगभग आधा उसकी चूत में चला जाता है। लंड़ के आधा अंदर जाते ही नेहा दर्द से बिलबिलाने लग जाती है और कराहने लगती है आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उईईईईई मां , मर गई मै तो , मांऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ, बस करो सनी सहन नहीं हो रहा है, प्लीज छोड़ दो मुझे , निकलो न उसे बाहर , . उसे इस तरफ़ फ़ड़्फ़ड़ाते हुए देख सनी को मजा आने लगता है , वो कुछ क्षणों तक उसे इस तरह देखने के बाद अचानक एक जोर का धक्का लगाता है और उसका पूरा का पूरा मोटा लंड़ उसकी चूत में समा जाता है और नेहा के मुंह से एक चीख निकल जाती है आईईईईईईईईई मांऽऽऽऽऽऽऽऽऽ बचाओ मुझे , उसकी आंखो में दर्द के मारे आंसू आ जाते है लेकिन इन आंसूओं का मर्दों पर कोई कभी असर नहीं पड़्ता।
लंड़ को पूरी तरह से नेहा की चूत मे उतार देने के बाद सनी नेहा के नंगे जिस्म पर लुड़क जाता है और उसे अपनी बाहों मे जकड़ लेता है और अपना मुंह नेहा के होठों पर लगा देता है , अब वो अपनी कमर को हौले हौले हिलाने लगता जिससे उसका लंड़ नेहा की चूत में अंदर बाहर होने लगता है
पराया धन, पराई स्त्री और मुफ़्त में मिली लाचार स्त्री सनी जैसे अधिकांश पुरुषों की चाहत होती है , मर्द शुरु से ही स्त्री के शरीर को भोगने के लिये उसे पूरे दमखम के साथ और अधिकार से हासिल करना चाहता है। सनी अपने मकसद में कामयाब हो चुका था और नेहा के नंगे जिस्म पर बलात ही सही लेकिन अब वो लाचार स्त्री उसके अधिकार में थी।
नेहा के बेपनाह खूबसूरत नंगे लाचार जिस्म के अपने अधिकार में होने की कल्पना से सनी की उत्तेजना और भी बढ़ जाती है और उसका लंण्ड़ लोहे के समान कड़्क हो जाता है। अपने ल्ण्ड़ के और भी कड़क हो जाने से वो और भी उत्तेजित हो जात है और नेहा को बुरी तरह से अपनी बाहों में भीच लेता है और जोर जोर से अपनी कम्रर को हिलाने लगता है।
वो अपना ल्ण्ड़ इतनी जोर जोर से उसकी चूत में ड़ाल रहा था कि चूत और लण्ड़ की इस टक्कर में फ़च फ़च बद बद की आवजे कमरे में गूंजने लगती है और हर झटके के साथ नेहा के मुंह के एक आह निकल जाती थी . आहह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह उइईईईई मांम्म्म्मां बस्स्स्स्स्स ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ नेहा के मुंह के से निकलने वाली कराहों से सनी और भी ज्यादा उत्तेजित हो रहा था और वो पूरी मस्ती में झूम झूम कर नेहा को चोदने लगता है।
दोनों की आखें बंद थी और दोनो एक दूसरे से बुरी तरह से लिपटे हुए थे , दोनों के मुह से थोड़ी थोडी देर में उह्ह आह्ह ओफ़्फ़ की हल्की से आवाजे निकल रही थी और कमरे के वतावरण को कामुक बना रही थी। नेहा का हाथ अब सनी के पीठ पर था और वो आहिस्ता आहिस्ता उसकी पीठ पर अपना हाथ घुमाने लगी थी।
तभी सनी हौले से अपना सर उपर उठाता है और धीरे से अपनी आंख खोल कर नेहा की तरफ़ देखता है, उसकी आंखे काम की उत्तेजना के कारण लाल सुर्ख थी . वो देखता है कि नेहा हौले हौले अपना सर कभी दाएं तो कभी बांए घुमा रही थी वो बार बार अपने होठों को अपने दातों से दबा लेती थी। उसके ऐसा करने का मतलब साफ़ था कि वो भी चुदाई के खेल का भरपूर मजा ले रही थी।
नेहा को इस तरह करते हुए देख सनी उत्तेजना के आवेग में दो तीन जोर का झटका उसकी चूत में लगा देता है तो नेहा के मुंह से जोर से चीख निकल जाती है आह्ह्ह्ह तो सनी उसे जोर भीच कर ताबड़्तोड़ उसके गालों को चूमना शुरु कर देता है। इस तरह चूमने से नेहा भी उत्तेजित हो जाती है और वो उसे जोर से भींच लेती है और वो और भी तेजी से उसकी पीठ पर हाथ घ्माने लगती है।
कुछ देर तक इसी तरह से नेहा भाभी को चोदने के बाद सनी थोडा उपर उठता है और अपना बांया हाथ पलंग पर रख कर उसी के सहारे थोडा उंचा हो जाता है अब वो नेहा को असानी से हरकते करते हुए देख सकता था . वो उसी अवस्था में अपनी कमर लगातार हिला रहा था और अपना लंड नेहा की चूत में अंदर बाहर कर रहा था। अब वो अपना एक हाथ नेहा के नंगे जिस्म पर घुमाने लगता है .
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