RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
उसके बाल खुले हुए थे और उसकी कमर तक लटक रहे थे।
अपनी खूबसूरत हसीना के चिकने नंगे बदन को देख कर सनी के लंड़ में फ़िर हरकत होने लगी . उसकी बड़ी बड़ी नग्न गांड़े ,मोटी जांघ और सुमेरु पर्वत की तरह विशाल लटकते हुए स्तन को देख सनी का लंड फ़िर अपने अकार में आने लगा और फ़िर से नेहा की चूत में जाने के लिये मचलने लगा। वो तुरंत हरकत में आता है और पलंग से खड़ा हो जाता है। उसका लंड़ अब फ़िर से बूरी तरह से कड़क हो चुका था और वो उसी अवस्था में नेहा के पीछे जा कर खड़ा हो जाता है और उसके बदन को पीछे से कामुक नजरों से घूरने लगता है।
नेहा इस बात से बेखबर थी की सनी जाग चुका है और उसके एकदम पिछे आ कर खड़ा हो चुका है, वो अपनी ही धुन में थी और पूरी तन्मयता से अपने नंगे बदन को पोछे जा रही थी . वो ये सोच रही थी की अब कपड़े पहनने के बाद तो नीचे पहुंचेगी और घर के बाकी सदस्यों के साथ बाजार जा कर सनी और नीता की सगाई का समान खरिदेगी . उसे पता था कि इस काम काफ़ी वक्त लगने वाला है।लेकिन सनी को इस बात की कोई भी जल्दी नहीं थी। और उसे तो कुछ और ही मंजूर था।
कुछ क्षणों तक नेहा के नंगे बदन को घूरने के बाद सनी ने नेहा को पिछे से पकड़ लिया और अपना लंड़ नेहा की नंगी गांड की दरारों मे जोर से दबा दिया और उसने अपने दोनों हाथों को आगे कर के उसके दोनों विशाल स्तनों को पकड़ लिया।
अचानक इस तरह पकड़ने से नेहा चौंक जाती है,वो पिछे मुड़ने कर देखने का प्रयास करती है लेकिन सनी ने उसे इतनी जोर से पिछे से भींच कर रखा था कि वो पलट नहीं पाती वो केवल अपनी गर्दन थोड़ी उपर उठा कर पिछे खड़े सनी की तरफ़ देखने का प्रयास करती है और कहती है "अरे ये क्या! छोड़ो मुझे, नीचे मम्मी,पापा इंतजार कर रहे होंगे बजार जाना है, अभी सगाई का सामान खरिदना और पूरी तैयारी करनी है और तुम हो कि फ़िर शुरु हो गये। अभी मन नहीं भरा क्या? छोड़ो मुझे प्लीज।
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