RE: Incest Kahani दीवानगी
मैने अपने मूह को आंटी की पैंटी के उपर लगा कर जब उनकी फूली बुर पर दबाया तो उसकी बुर से आती भीनी भीनी गंध ने मुझे पागल कर दिया और मैं उसकी पैंटी को एक साइड सरका कर उसकी बुर को अपने होंठो मे भर कर पीने लगा और आंटी ने अपनी जाँघो को और भी खोल कर अपनी चूत को पूरी तरह उभार दिया अब मैं खूब मन लगा लगा कर आंटी की बुर को पीने लगा और एक हाथ से उसकी जांघे और गान्ड तक हाथ लेजा कर दबाने लगा, लग भग 10 मिनिट तक मैं उनकी बुर चाटता रहा और फिर वह ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत मेरे मूह मे रगड़ने लगी और जब मैने आंटी की बुर को चीर कर खूब कस कस कर चाटना शुरू किया तब उन्होने रस छोड़ना शुरू कर दिया और बड़बड़ाने लगी ओह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रवि अब लंड डाल दे अपने मोटे डंडे से खूब कस कस कर चोद दे मुझे
मैने आंटी को खड़ी करके उन्हे पूरी नंगी कर दिया, उनका नंगा बदन पूरी तरह चमकने लगा मैं कभी उनके तंदुरुस्त दूध को मसलता कभी उनके भारी नंगे चुतडो को मसलता दबाता और फैला फैला कर उनकी गुदा मे उंगली पेलता और फिर मैने उन्हे वह सोफे पर झुका कर उनकी चूत मे लंड रख कर कस कर एक धक्का मारा और मेरा लंड आंटी की फांको को खोलता हुआ अंदर तक समा गया, आंटी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़े निकालने लगी, और मैं दनादन उसकी चूत मारते हुए उसके चुतडो को कस कस कर फैला फैला कर उसकी गुदा मे उंगली पेलने लगा कभी कभी कस कर इतना तेज शॉट मार देता था कि आंटी का बॅलेन्स बिगड़ जाता और उनका मूह सोफे मे धस जाता था, अब लंड सतसट उनकी चूत मे घुसने लगा और वह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऑश्फ्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऑश रवि और तेज खूब चोद मेरी जैसी रंडियो पर बिल्कुल रहम मत कर बेटे, कभी तेरी मोम तुझसे इसी तरह नंगी होकर तेरे मोटे मूसल से अपनी चूत कुटवाये तब अपनी रंडी मोम पर बिल्कुल रहम मत करना और रंडी को खूब रगड़ रगड़ कर कस कस कर चोदना जैसे तू अपनी इस रंडी की चूत खूब कस कस कर मार रहा है और चोद खूब कस कर मार बेटा फाड़ दे मेरी भोस को खूब कस कस कर फाड़ बेटे आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रवि और और कस कर चोद,
मैं भी खूब गहरे गहरे धक्के आंटी की बुर मे मारने लगा और आंटी को उथम्गुथ कर के खूब हुमच हुमच कर चोदने लगा, आंटी की चूत मारते मारते मैने लाल कर दी और फिर आंटी की चूत ने रस छोड़ना शुरू कर दिया और आंटी अपने भारी चुतडो को उठा उठा कर पटाकने लगी, और उसी छन मैने भी अपना माल आंटी की बुर की गहराई मे उतार दिया, बड़ी ही मस्त तरीके से चुदाई हुई चोद कर मैं सोफे पर पसरा हुआ था तभी आंटी ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और थोड़ी देर मे लंड फिर से चोदने के लिए खड़ा हो गया और फिर आंटी को सोफे पर साइड मे लेटा कर करीब 4 बजे तक आराम आराम से चोदता हुआ उस दिन उसका पानी कम से कम 10 12 बार निकाला होगा और 3 बार मैं खुद भी झाड़ा, शाम को मैं अपने घर आ गया, जब रिया दी के रूम मे गया तो वह मेरा ही वेट कर रही थी, मेरे जाते ही वह मुझसे लिपट गई और कहने लगी कहाँ था अब तक, मैने कहा बस ऐसे ही दोस्तो के पास बैठा था, दी ने मेरे मूह को पकड़ कर चूमते हुए कहा तेरे झूठ बोलने की आदत से मैं बहुत परेशान हू और फिर दी ने एक झटके मे मेरी पॅंट खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल कर उसे हाथ मे लेकर दबाया और कहने लगी अब सच सच बता किसकी चोद कर आ रहा है, मैं पकड़ा जा चुका था और मुझे बताना पड़ा कि मैं संजू की मोम को चोद कर आ रहा हू, दी ने इतना सुनते ही मुझे धक्का दे दिया और अपने हाथ को मेरी गर्दन पर पकड़ बना कर देखने लगी उस समय तो मानो वह मुझे मार ही डालना चाहती हो इस तरह से देख रही थी उसकी आँखो मे एक अजीब सा गुस्सा नज़र आ रहा था फिर अचानक उसकी आँखे डॅब्डबॉ गई और वह मेरे गले को छोड़ कर मुझे अपनी बाँहो मे लेते हुए कहने लगी, रवि तू बहुत कमीना है पर तू नही जानता कि मैं तुझसे इतना प्यार करती हू कि तुझे जिस गुनाह के लिए मार देना चाहिए उस गुनाह को भी मैं तेरी चाहत के चलते माफ़ करने पर मजबूर हू
रवि : राहत की सांस लेते हुए, दी मैं भी इसी लिए तुमसे इतना प्यार करता हू क्योकि तुम मुझे समझती हो.
रिया : तो ये वादा करेगा अपनी दी से
रवि : वह क्या
रिया : अगर तू सच मुच मुझे चाहता है तो तू कभी मुझसे दूर नही जाएगा
रवि : इसमे कहने की क्या बात है दी, मैं तो वैसे भी तुम्हे छोड़ कर कभी नही जाउन्गा ये वादा है मेरा और तुम्हारा लाइफ के अंत तक साथ दूँगा ये भी वादा है मेरा, अगर तुम्हारी दीवानगी मेरे लिए ऐसी है तो मेरी दीवानगी भी समय आने पर तुम्हे पता चल जाएगी....उस दिन के बाद मैं अपनी नौकरी पर जाने लगा और पहले दिन एसपी साहेब से मुलाकात करके थाना प्रभारी बन कर काम शुरू कर दिया.....लेकिन बीच बीच मे प्रिया भी कही ना कही मुझसे किसी ना किसी इन्वेस्टिगेशन के चक्कर मे टकरा जाती और हमारी दोस्ती बढ़ने लगी, पर संजू की मोम और अंकुर की मोम को चोदने का समय भी मैं निकाल ही लेता था,
एक दिन मैं अंकुर की मोम के यहाँ बैठ कर ड्रिंक कर रहा था और अंकुर सिटी से बाहर गया हुआ था उसके बाद मैने अंकुर की मोम को खूब तबीयत से चोदा और फिर सीधे थाने पहुचा, जैसे ही थाने पहुचा, हवलदार तुकाराम मेरे पास आया और कहने लगा, सर प्रिया मेडम आपसे मिलने आई थी, और कहा है आप उनसे बात करले आपका मोबाइल ट्राई किया था उन्होने लेकिन फोन नही लगा, मैं तो अपने शहर के पास के तहसील एरिया के थाने मे इंचार्ज था लेकिन प्रिया मेरे ही शहर के थाने मे पोस्टेड थी मैने सोचा क्या पता क्या बात है अचानक प्रिया क्यो मिलने आई थी कही मुझसे चुदने के लिए तड़प तो नही रही है मैने जल्दी से उसका नंबर. लगाया और फिर उसने जो बात मुझे बताई उसे सुन कर मैं शॉक्ड हो गया.....
रवि : हेलो प्रिया बोलो क्या बात है तुम मिलने आई थी
प्रिया : रवि गजब हो गया
रवि : क्या हुआ
प्रिया : तुम्हारे दोस्त अंकुर की मोम का मर्डर हो गया उसे किसी ने छत से नीचे फेंक दिया....
रवि : ओह नो यह कैसे हो गया.................मैने फोन रखा और गहरी चिंता मे डूब गया.....
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