RE: Incest Kahani दीवानगी
सीमा : अरे रवि क्या बात है अपनी आंटी को भूल गये हो क्या, जब से संजू आया है तुम इधर नज़र ही नही आते
रवि : क्या करू आंटी संजू का भी ख्याल रखना पड़ेगा ना नही तो वह मुझसे कहेगा तूने मेरी मोम को ही..........
सीमा : पर रवि कल संजू बाहर जा रहा है वह शाम को 6 बजे निकलेगा
रवि : ओके तो फिर कल आपकी सेवा मे बंदा हाजिर हो जाएगा
अगले दिन शाम को संजू के जाने के बाद मैं सीमा आंटी के घर पहुच गया घर पर बता कर आया कि आज रात को ड्यूटी पर रहूँगा, आज मैं भी सीमा आंटी की तंदुरुस्त जवानी का पूरा रस पीना चाहता था मैने थोड़ी ड्रिंक की और आंटी पेटिकोट ब्लौज मे कम कर रही थी, उनके पेटिकोट के अंदर से उनकी ब्रा पैंटी झलक रही थी
मैं सीमा आंटी के पीछे गया और अपने खड़े लंड को उनकी गान्ड मे सटा कर उन्हे चूमते हुए दूध दबाने लगा,
सीमा : आज तो तुम पूरी रात अपनी आंटी को चोदने वाले हो ना
रवि : दूध दबाते हुए, हाँ मेरी जान आज तो तुम्हे खूब कस कस कर चोदुन्गा, जैसे जैसे रात बढ़ती जा रही थी आंटी की उत्तेजक साँसे और भी गहरा रही थी, जब मैने आंटी की फूली चूत के भज्नाशे को अपने होंठो मे पकड़ कर
चूसना शुरू किया तो आंटी को लगा कि उनका पेशाब छूट जाएगा, वह अपनी मोटी जाँघो को पूरी तरह फैला कर अपनी चूत को उठा उठा कर मेरे मुँह मे रगड़ने लगी और फिर एक दम से उनकी कमर नाचने लगी और मैने
अपने लंड को उनकी चूत मे डाल कर जाकड़ कर चोदना शुरू कर दिया और आंटी आह आहह आह्ह्ह्ह की आवाज़ के साथ धक्को का जवाब धक्को से देने लगी
8:30 बजे तक एक ट्रिप लेने के बाद आंटी खाना बनाने जाने लगी तो मैने उनका हाथ पकड़ कर अपनी गोद मे बैठा लिया
सीमा : मुस्कुराते हुए, रवि तुझे शरम नही आती अपनी मा समान औरत को पूरी नंगी करके अपनी गोद मे बैठा कर उसकी नंगी चूत और भारी चुतडो को सहला रहे हो
रवि : आंटी ऐसी हेवी जवानी जिसे देख कर लगे कि यह अपनी मोम की साइज़ की है ऐसी औरतो को लंड पर बैठा कर चोदने का अलग ही मज़ा है,
सीमा : अरे अब तो सारी रात पड़ी है पहले हम खाना बना कर खा लेते है फिर आराम से सारी रात चोदना अपने दोस्त की मोम को
रवि : ओके पर मुझे कुछ पीने के लिए और भी लाना पड़ेगा, ड्रिंक तो ख़तम हो गई है, आप खाना बनाओ तब तक मैं शराब की बोतल ले कर आता हू
आंटी की चुदाई तो मैं वैसे ही बड़ी मस्त तरीके से कर चुका था पर आज सारी रात रगड़ने का मन कर रहा था, मैं वहाँ से बाहर निकला और अपने घर से नज़र बचाते हुए वाइन शॉप से शराब लेकर वापस आंटी के गेट पर पहुचा, चूँकि गेट आंटी ने अंदर से बंद कर लिया था इसलिए मैं गेट बजाने वाला था तभी मेरे हाथ के धक्के से गेट खुल गया और मैं अंदर आ गया
मैं धीरे धीरे अंदर बढ़ने लगा लेकिन आंटी कही नज़र नही आ रही थी और फिर जैसे ही मैने किचन के अंदर घुसा बस उसी समय मेरे हाथ से दारू की बोटल छूट कर नीचे गिर कर चकनाचूर हो गई और मुझे तो जैसे होश ही नही था, आंटी फर्श पर पड़ी थी और उसकी आँखे खुली की खुली रह गई थी
उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे बड़ी मुस्किल से उसकी जान निकली हो, मैं पहले तो काफ़ी घबरा गया, मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था लेकिन फिर मैने हिम्मत से काम लेते हुए सबसे पहले वहाँ अपनी मोजूदगी के सारे सबूत हटाए यहाँ तक कि जहाँ हमने चुदाई की वहाँ भी अच्छी तरह से देखने के बाद, दरवाजे पर उंगलियो के निशान मिटाए और चुपके से घर के बाहर निकल गया, वहाँ से मैने वर्दी पहनी और अपने थाने चला गया, रात भर मुझे नींद नही आई और बस यह सवाल दिमाग़ मे उठता रहा कि आख़िर किसने और क्यो मारा आंटी को, और फिर सुबह के 8 बजे मेरे सेल पर मोम का फोन आया
सुजाता : अरे रवि गजब हो गया, हमारे पड़ोसी संजू की मोम की डेत हो गई, मैं तो सब जानता था फिर भी मैने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा ओके मोम मैं पहुचता हू और फिर
संजू : मेरे कंधे पर हाथ रख कर रोते हुए, किसी का क्या बिगाड़ा था मेरी मोम ने जो उनकी हत्या कर दी गई, मैं संजू को दिलासा दे रहा था, तभी अंकुर बोल पड़ा यार रवि यह सेम मेरी मोम के साथ वाली घटना से मिलता जुलता केस है लेकिन अभी तक उनकी मौत के बारे मे भी कुछ पता ही नही चला, ना जाने कौन चूतिया ऑफीसर मेरी मोम के केस को इन्वेस्टिगेट कर रहा है कि अभी तक कुछ खबर ही नही मिली,
वही पास मे प्रिया वर्दी पहन कर खड़ी थी वह बोल पड़ी........माइंड युवर लेंग्वेज मिस्टर. अंकुर, बिकॉज़ मैं इस केस को इनवेस्टिगेट.... कर रही हू.
अंकुर : बोखलाते हुए लेकिन प्रिया का बिपाशा जैसा बदन देख कर उत्साहित होकर, आइ आम सॉरी मेडम मेरा वह मतलब नही था दरअसल मैं बहुत परेशान हू कि अभी तक कोई सुराग नही मिला
रवि : प्रिया क्या कुछ पता चला संजू की मोम के बारे मे
प्रिया : किसी ने पीछे से आकर इनका गला घोंट कर इन्हे मार डाला है लेकिन कातिल बड़ा चालाक है उसने फ़िंगर प्रिंट मिटाने की कोशिश की है
रवि : हैरान होते हुए, कोशिश मतलब
प्रिया : अकसर कातिल अपने आप को बहुत स्मार्ट समझते है लेकिन कही ना कही कोई ना कोई सबूत तो छोड़ ही जाते है
रवि : तुम्हारा मतलब है कि कोई सबूत तुम्हारे हाथ लग चुका है
प्रिया : हाँ लेकिन आइ आम नोट शुवर कि वह कातिल का ही फ़िंगर प्रिंट होगा लेकिन एक चीज़ और भी है जो मेरी समझ मे नही आ रही है
रवि : वह क्या
प्रिया :घर की कंडीशन देख कर यह लगता है कि यहाँ झूमा झटकी हुई थी और कुछ काँच नुमा चीज़ यहाँ टूट कर गिरी थी जिसके टुकड़े भी पाए गये, लेकिन अगर झगड़े मे कोई ग्लास टूट भी गया तो
कत्ल करने वाले को क्या ज़रूरत थी उन काँच के टुकड़ो को साफ करने की, और दूसरी बात यहा रात मे शराब भी पी गई थी लेकिन बाकी की जानकारी पोस्ट मार्टम के बाद ही सामने आएगी, पर यह बात तो है रवि कि कातिल ने दो-दो कत्ल किए है, इतना तो सबूत मे उसके लिए जुटा ही लूँगी कि उसे फाँसी के फंदे तक पहुचा सकु
मैं वहाँ से पलटा ही था कि रिया दी सामने आ गई
रिया : कुछ पता चला रवि
रवि : हाँ प्रिया कह रही थी कि वह जल्द ही कातिल तक पहुच जाएगी तभी पीछे से प्रिया ने पुकारा और रिया और प्रिया गले लग गई फिर प्रिया ने मुझसे कहा, रवि 2 घंटे बाद तुम मुझे मेरे पोलीस स्टेशन मे आकर मिलो
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